Guada Negative Blood: Medical Science की नई खोज जो चौंका देगी आपको!

Sooraj Krishna Shastri
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Guada Negative Blood: Medical Science की नई खोज जो चौंका देगी आपको!

ग्वाडा नेगेटिव: एक अनोखा और विश्व में अद्वितीय रक्त समूह – विज्ञान की नई खोज
(Guada Negative: The World's Rarest Blood Group and Its Medical Significance)


भूमिका
रक्त समूहों की दुनिया में ए, बी, एबी और ओ जैसे नाम हम सभी के लिए सामान्य हैं। लेकिन जून 2025 में विज्ञान जगत ने एक ऐसी खोज की जो चिकित्सा विज्ञान के इतिहास में मील का पत्थर बन गई। इस खोज का नाम है – ग्वाडा नेगेटिव (Guada Negative) – एक ऐसा रक्त समूह जो अब तक केवल एक ही व्यक्ति में पाया गया है और जिसे हाल ही में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) द्वारा 48वें ब्लड ग्रुप सिस्टम के रूप में मान्यता दी गई है।
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ग्वाडा नेगेटिव की खोज: एक संयोग से वैज्ञानिक खोज तक

इस खोज की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई, जब ग्वाडेलूप नामक कैरेबियन द्वीप की एक 68 वर्षीय महिला, जो उस समय पेरिस में रह रही थीं, एक नियमित सर्जरी से पूर्व रक्त परीक्षण के लिए गईं। परीक्षण में चिकित्सकों को एक असामान्य एंटीबॉडी दिखाई दी, जो किसी भी ज्ञात ब्लड ग्रुप से मेल नहीं खा रही थी।

विज्ञान की सीमाओं के कारण उस समय यह रहस्य अनसुलझा रह गया। लेकिन 2019 में, आधुनिक नेक्स्ट जेनरेशन डीएनए सीक्वेंसिंग (NGS) तकनीक की मदद से दोबारा परीक्षण किया गया। परिणाम चौंकाने वाले थे – महिला के खून में PIIG-Z नामक जीन में म्यूटेशन पाया गया, जिससे उनके लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की सतह पर एक सामान्य शुगर मॉलीक्यूल नहीं बन रहा था। इसी के कारण उनकी कोशिकाओं पर EMM एंटीजन अनुपस्थित था। यह ईएमएम एंटीजन सामान्यतः लगभग सभी मनुष्यों में होता है।


ग्वाडा नेगेटिव: विशेषताएँ और जटिलताएँ

  1. ईएमएम एंटीजन की अनुपस्थिति
    ग्वाडा नेगेटिव ब्लड ग्रुप की सबसे अहम पहचान है कि इसमें EMM एंटीजन नहीं पाया जाता, जो सामान्यतः सभी इंसानों में होता है।

  2. कोई ब्लड मैच नहीं
    यह ब्लड ग्रुप इतना अद्वितीय है कि यह महिला किसी भी अन्य व्यक्ति से रक्त नहीं ले सकती। उसका ब्लड केवल उसके अपने ब्लड से ही मेल खाता है।

  3. होमो-रिसेसिव जेनेटिक म्यूटेशन
    इस ब्लड ग्रुप का कारण एक विरासती दोषपूर्ण जीन म्यूटेशन है, जिसे माता-पिता दोनों से एक-एक कॉपी मिली है।

  4. चिकित्सकीय प्रभाव
    महिला में हल्की बौद्धिक अक्षमता (mild intellectual disability) देखी गई है और उसके दो नवजात शिशुओं की मृत्यु जन्म के समय हो गई थी। यह सब इस म्यूटेशन से जुड़े हो सकते हैं।


इस खोज का वैज्ञानिक और चिकित्सा महत्व

  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन में सुधार:
    यह खोज रक्त चढ़ाने की प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने में मदद करेगी, विशेषकर उन मरीजों के लिए जिनमें दुर्लभ रक्त समूह होते हैं।

  • रेयर ब्लड डोनर रजिस्ट्री का महत्त्व:
    यह खोज दुनिया भर में रेयर ब्लड डोनर रजिस्ट्रियों की आवश्यकता को दर्शाती है ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में जीवनरक्षक सहायता मिल सके।

  • स्टेम सेल टेक्नोलॉजी की दिशा में नई राह:
    भविष्य में वैज्ञानिक स्टेम सेल से कृत्रिम रेड ब्लड सेल्स बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिन्हें जेनेटिकली मॉडिफाई कर ऐसे दुर्लभ ग्रुप से मेल खाने योग्य बनाया जा सकेगा।


दुनिया में अब तक के मान्यता प्राप्त ब्लड ग्रुप सिस्टम्स

ISBT के अनुसार, अब तक 48 ब्लड ग्रुप सिस्टम्स को औपचारिक मान्यता मिल चुकी है। इनमें से कुछ प्रमुख सिस्टम हैं:

  • ABO (सर्वाधिक सामान्य)
  • Rh (D एंटीजन आधारित)
  • MNS, Kell, Duffy, Diego, Lutheran, आदि।

इन सभी सिस्टम्स की पहचान रेड ब्लड सेल्स की सतह पर मौजूद एंटीजन प्रोटीन या शर्करा अणुओं के आधार पर होती है। हर इंसान में लगभग 600 से अधिक एंटीजन हो सकते हैं और इनके विभिन्न संयोजन अनोखे ब्लड टाइप्स बनाते हैं।


भविष्य की संभावनाएँ और शोध

  • ग्वाडा नेगेटिव ब्लड ग्रुप को लेकर अभी कई अनुत्तरित प्रश्न बाकी हैं जैसे:

    • इसका क्लिनिकल प्रभाव कितना गंभीर हो सकता है?
    • क्या ग्वाडेलूप द्वीप पर या विश्व के अन्य हिस्सों में और भी लोग हैं जिनमें यही म्यूटेशन मौजूद है?
  • फ्रांसीसी वैज्ञानिक अब ग्वाडेलूप द्वीप और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक जांच कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि यह दुर्लभ ब्लड ग्रुप केवल एक महिला तक सीमित है या फिर यह एक जननात्मक भिन्नता का संकेत हो सकता है।


निष्कर्ष

ग्वाडा नेगेटिव की खोज केवल एक वैज्ञानिक घटना नहीं, बल्कि यह दुर्लभ रक्त समूहों के प्रति जागरूकता और चिकित्सा प्रणाली की क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल रक्तदान और ट्रांसफ्यूजन प्रणाली को चुनौती देता है बल्कि भविष्य में स्टेम सेल अनुसंधान, जेनेटिक इंजीनियरिंग और दुर्लभ बीमारियों के निदान में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है।

जैसे-जैसे शोध आगे बढ़ेगा, ग्वाडा नेगेटिव जैसी खोजें यह साबित करेंगी कि मानव शरीर की जटिलता और विविधता की खोज की यात्रा अभी पूरी नहीं हुई है – बल्कि यह तो अब शुरू हो रही है।


लेख श्रेणी: ब्लड साइंस | जेनेटिक म्यूटेशन | मेडिकल डिस्कवरी
टैग्स: Guada Negative, Rare Blood Group, ISBT 48th Blood System, EMM Antigen, Genetic Mutation, Blood Transfusion Science.

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