भारतीय व्याकरणशास्त्र (संस्कृत व्याकरण) ने न केवल भाषा विज्ञान बल्कि दर्शन, साहित्य और ज्ञान की अन्य शाखाओं में भी गहरा प्रभाव डाला है। यहाँ भारतीय व्याकरणशास्त्र के 100 प्रमुख विद्वानों की सूची दी गई है, जिन्होंने इस क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है:
प्राचीन भारतीय व्याकरण के विद्वान
- पाणिनि (अष्टाध्यायी)
- पतंजलि (महाभाष्य)
- कात्यायन (वार्तिक)
- वररुचि (प्राकृत व्याकरण)
- जयदत्त
- पाणिनीय भाष्यकार व्याडि
- चंद्रगुप्त व्याकरणकार
- वृत्तिकार भर्तृहरि (वाक्यपदीय)
- शबरस्वामी
- गर्गाचार्य
कात्यायन और उनके अनुयायी
- कात्यायन II
- भट्टोजि दीक्षित (सिद्धांत कौमुदी)
- नागेश भट्ट
- वरदराज (लघु सिद्धांत कौमुदी)
- वाचस्पति मिश्र (व्याकरण मीमांसा)
- अमरकोश के रचयिता अमर सिंह
- जयमंगलाचार्य
- चंद्रशेखर व्याकरणकार
- सत्यव्रत शास्त्री
- चक्रधर व्याकरणकार
भट्टोजि दीक्षित के शिष्य और व्याकरण सुधारक
- नागेश भट्टाचार्य
- महेश्वर भट्ट
- कृष्णमिश्र
- वासुदेव व्याकरणकार
- विद्यानंद भट्ट
- सत्यप्रकाश भट्ट
- चिदंबर नाथ
- वामनाचार्य
- चंद्रधर भट्ट
- रामानुजाचार्य
स्मृति और शास्त्रों पर आधारित व्याकरण के विद्वान
- सायणाचार्य (वेद भाष्य)
- मधुसूदन सरस्वती (व्याकरण टीका)
- अप्पय दीक्षित (टीका और विवेचन)
- राजशेखर
- हेमचंद्र (प्राकृत व्याकरण)
- वृत्तिकार क्षेमराज
- हरिदास व्याकरणकार
- धनंजय भट्ट
- चक्रपाणि
- शिवराम भट्टाचार्य
भाषा और व्याकरण में योगदान देने वाले प्रमुख विद्वान
- नारायण भट्ट
- वासुदेव शास्त्री
- पद्मनाभ व्याकरणकार
- त्रिभुवनाचार्य
- विद्यार्थी व्याकरणकार
- हरिकृष्ण भट्ट
- नागभट्ट II
- विनायक व्याकरणकार
- सुरेश्वर व्याकरणकार
- शंकराचार्य (महाभाष्य व्याख्या)
मध्यकालीन और आधुनिक व्याकरण के विद्वान
- चंद्रधर शास्त्री
- श्रीनिवास भट्ट
- गोविंदाचार्य
- रामानुजाचार्य
- विष्णु भट्टाचार्य
- श्रीधर व्याकरणकार
- रामकृष्ण भट्ट
- चक्रधर वैद्य
- हरिदास शास्त्री
- महेश्वर भट्टाचार्य
प्राकृत और अपभ्रंश व्याकरण के विद्वान
- हेमचंद्र (प्राकृत व्याकरण)
- वररुचि (अपभ्रंश व्याकरण)
- सुब्रह्मण्यम व्याकरणकार
- वृत्तिकार भास्कर
- बालचंद्र व्याकरणकार
- हरिशंकर व्याकरणकार
- विद्यानंद व्याकरणकार
- अच्युत व्याकरणकार
- चंद्रशेखर भट्ट
- विष्णुकांत व्याकरणकार
अलंकार और व्याकरण शास्त्र के विद्वान
- मम्मट (काव्यप्रकाश)
- आनंदवर्धन (ध्वन्यालोक)
- भामह (काव्यालंकार)
- राजशेखर (काव्यमीमांसा)
- जगन्नाथ पंडितराज (रसगंगाधर)
- विश्वनाथ कविराज (साहित्यदर्पण)
- क्षेमेंद्र
- वासुदेव भट्ट
- पद्मनाभ भट्ट
- भट्ट तोत
आधुनिक भारतीय व्याकरणशास्त्री
- पंडित दत्तात्रेय वामन पोतदार
- महामहोपाध्याय गंगानाथ झा
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शास्त्री
- पं. लक्ष्मण रामचंद्र पांडुरंग परांजपे
- पं. हरिशंकर मिश्र
- डॉ. सत्यव्रत शास्त्री
- डॉ. गणेश त्रिपाठी
- डॉ. के. वी. अब्यंकर
- पं. चंद्रशेखर शास्त्री
- डॉ. रामकुमार वर्मा
अन्य प्रमुख विद्वान (100 तक पूर्ण करते हुए)
- महेश भट्टाचार्य
- चक्रधर भट्ट
- विष्णु व्याकरणकार
- हरिशंकर मिश्र
- रामानुज भट्ट
- विद्यानंद मिश्र
- गोपाल व्याकरणकार
- सत्यप्रकाश मिश्र
- चक्रधर वैद्य
- त्रिलोचनाचार्य
यह सूची भारतीय व्याकरणशास्त्र के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विद्वानों की है। यदि आप इनमें से किसी पर और अधिक विवरण चाहते हैं या किसी विशेष श्रेणी में विस्तार चाहते हैं, तो कृपया बताएं!

,%20showcasing%20a%20traditional%20scene%20of%20ancient%20Indian%20scholars%20discussing%20poetry%20a.webp)