आईसीटी (ICT) और सुशासन (Good Governance

Sooraj Krishna Shastri
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आईसीटी (ICT) और सुशासन (Good Governance)
आईसीटी (ICT) और सुशासन (Good Governance)



 

आईसीटी (ICT) और सुशासन (Good Governance)

परिचय

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT - Information and Communication Technology) आधुनिक शासन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ICT के उपयोग से सरकारी सेवाएँ अधिक पारदर्शी, कुशल और उत्तरदायी बन रही हैं। सुशासन (Good Governance) का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को प्रभावी, उत्तरदायी, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन प्रदान करना है। ICT इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण साधन बन चुका है।


1. सुशासन (Good Governance) क्या है?

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के अनुसार, सुशासन का अर्थ है—"ऐसा शासन जिसमें पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, भागीदारी, कानून का शासन और प्रभावशीलता हो।"

सुशासन के प्रमुख तत्व:

  1. पारदर्शिता (Transparency) – जनता को सरकारी नीतियों और निर्णयों की जानकारी देना।

  2. उत्तरदायित्व (Accountability) – सरकारी तंत्र को नागरिकों के प्रति जवाबदेह बनाना।

  3. भागीदारी (Participation) – जनता को नीति-निर्माण प्रक्रिया में सम्मिलित करना।

  4. कानून का शासन (Rule of Law) – न्याय और कानून का समान रूप से पालन सुनिश्चित करना।

  5. प्रभावशीलता (Efficiency) – प्रशासनिक सेवाओं की गुणवत्ता और तीव्रता को बढ़ाना।


2. सुशासन में ICT की भूमिका

ICT (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) सरकारी कार्यों में दक्षता लाने, सेवाओं को नागरिकों तक पहुँचाने और पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक है।

मुख्य क्षेत्र जहाँ ICT सुशासन में सहायक है:

  1. ई-गवर्नेंस (E-Governance) – डिजिटल तकनीक का उपयोग कर सरकारी सेवाओं को नागरिकों तक पहुँचाना।

  2. ई-शासन सेवाएँ (E-Services) – जैसे ऑनलाइन आवेदन, डिजिटल भुगतान, सरकारी योजनाओं की जानकारी।

  3. ई-नागरिक भागीदारी (E-Citizen Participation) – नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म।

  4. डिजिटल पारदर्शिता (Digital Transparency) – सरकारी नीतियों और कार्यों की जानकारी जनता को ऑनलाइन प्रदान करना।

  5. डेटा प्रबंधन और विश्लेषण (Data Management & Analytics) – बड़ी मात्रा में डेटा का संग्रहण और विश्लेषण कर बेहतर नीतियाँ बनाना।


3. ICT आधारित सुशासन की प्रमुख पहलें

(i) ई-गवर्नेंस (E-Governance) की प्रमुख परियोजनाएँ

भारत सरकार ने सुशासन को डिजिटल रूप में प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न योजनाएँ लागू की हैं—

परियोजना विवरण
डिजिटल इंडिया (Digital India) सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराना
e-Kranti (National e-Governance Plan 2.0) विभिन्न सरकारी विभागों को डिजिटल रूप से जोड़ना
UMANG (Unified Mobile Application for New-age Governance) एकल मोबाइल ऐप के माध्यम से विभिन्न सरकारी सेवाएँ
MyGov Portal नागरिकों को नीतिगत चर्चाओं और निर्णयों में भाग लेने का मंच
DigiLocker डिजिटल रूप में प्रमाण पत्र और दस्तावेज़ों को संग्रहित करने की सुविधा
RTI Online सूचना का अधिकार (RTI) के तहत ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
GeM (Government e-Marketplace) सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता

(ii) सरकारी सेवाओं में डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation in Government Services)

  1. ऑनलाइन सरकारी योजनाएँ:

    • प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जन धन योजना आदि के ऑनलाइन आवेदन।

  2. डिजिटल भुगतान प्रणाली:

    • UPI, BHIM, NEFT, RTGS जैसी डिजिटल भुगतान सेवाएँ।

  3. डिजिटल हेल्थ मिशन:

    • ई-हेल्थ कार्ड, टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन अपॉइंटमेंट।

  4. स्मार्ट सिटी मिशन:

    • ट्रैफिक कंट्रोल, स्मार्ट स्ट्रीट लाइट, वेस्ट मैनेजमेंट में ICT का उपयोग।


4. ICT और भ्रष्टाचार नियंत्रण

(i) ICT कैसे भ्रष्टाचार को कम करता है?

ऑनलाइन सेवाएँ: सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता कम होने से भ्रष्टाचार के अवसर घटते हैं।
डिजिटल ट्रांजैक्शन: रिश्वतखोरी और काले धन पर नियंत्रण।
सीसीटीवी और डेटा विश्लेषण: सरकारी कार्यालयों में निगरानी और पारदर्शिता बढ़ती है।
शिकायत निवारण प्रणाली: जनता ऑनलाइन माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकती है और समाधान की निगरानी कर सकती है।

(ii) भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रमुख डिजिटल पहलें

  1. Central Vigilance Commission (CVC) Portal – भ्रष्टाचार की शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा।

  2. Online RTI System – सरकारी विभागों से पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सूचना माँगने की सुविधा।

  3. Public Financial Management System (PFMS) – सरकारी निधियों के उपयोग पर निगरानी।

  4. Income Tax E-Filing – टैक्स प्रक्रिया को पारदर्शी और स्वचालित बनाना।


5. सुशासन में ICT के लाभ और चुनौतियाँ

लाभ:

सरकारी सेवाओं की सुलभता और गति में सुधार।
नागरिकों को पारदर्शिता और भागीदारी का अवसर।
भ्रष्टाचार में कमी और प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि।
सरकारी नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायता।

चुनौतियाँ:

डिजिटल डिवाइड: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट की असमान उपलब्धता।
डेटा सुरक्षा और साइबर हमले: सरकारी डेटा की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती।
डिजिटल साक्षरता: कुछ नागरिक और सरकारी कर्मचारी डिजिटल तकनीकों से परिचित नहीं होते।
तकनीकी अवसंरचना की कमी: भारत के कई हिस्सों में ICT अवसंरचना को मजबूत करने की आवश्यकता।


6. समाधान और आगे का मार्ग

डिजिटल शिक्षा और साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
साइबर सुरक्षा नीतियों को सख्त करना और डेटा सुरक्षा उपाय लागू करना।
सभी नागरिकों तक डिजिटल सेवाएँ पहुँचाने के लिए डिजिटल अवसंरचना में सुधार।
ई-गवर्नेंस को अधिक सरल और बहुभाषीय बनाना ताकि हर नागरिक इसका उपयोग कर सके।


7. निष्कर्ष

आईसीटी और सुशासन का संबंध पारदर्शी, उत्तरदायी और प्रभावी शासन प्रणाली से है। डिजिटल तकनीकों के माध्यम से सरकार नागरिकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान कर सकती है और भ्रष्टाचार को नियंत्रित कर सकती है। हालाँकि, डिजिटल डिवाइड और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि सरकार और नागरिक मिलकर ICT का सही उपयोग करें, तो सुशासन का सपना साकार किया जा सकता है।

"डिजिटल तकनीक के माध्यम से सुशासन को मजबूत करना, पारदर्शिता और नागरिक सशक्तिकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है!"

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