श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Padmanabhaswamy Temple Trivandrum Kerala) – रहस्य, इतिहास और खजाने की अनकही कहानी
🛕 श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर : तिरुअनंतपुरम् (केरल)
✨ परिचय
📍 मंदिर की स्थिति और यात्रा जानकारी
- स्थान : तिरुअनंतपुरम्, केरल
- निकटतम रेलवे स्टेशन : तिरुअनंतपुरम् सेंट्रल (लगभग 1 किलोमीटर)
- निर्माण पूर्ण : 1733 ईस्वी
- निर्माता : त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा
🙏 मुख्य देवता
- गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल शयनमुद्रा वाली प्रतिमा विराजमान है।
- प्रतिमा लगभग 18 फीट लंबी है और इसे 12008 शालिग्राम शिलाओं से निर्मित किया गया है, जो नेपाल की गंडकी नदी से लाए गए थे।
- भगवान विष्णु शेषनाग (अनंत) पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं, और उनके नाभि से कमल उत्पन्न हुआ है जिसमें ब्रह्मा जी विराजमान माने जाते हैं।
- इस स्वरूप में भगवान "पद्मनाभ" कहलाते हैं और यहाँ पद्मनाभस्वामी के रूप में पूजे जाते हैं।
विशेषता यह है कि प्रतिमा को एक साथ देखने की बजाय भक्तजन तीन अलग-अलग दरवाजों से दर्शन करते हैं—
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श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Padmanabhaswamy Temple Trivandrum Kerala) – रहस्य, इतिहास और खजाने की अनकही कहानी |
- पहले द्वार से भगवान का सिर और सीना
- दूसरे द्वार से हाथ
- तीसरे द्वार से पैर
👗 पोशाक नियम
मंदिर में प्रवेश हेतु विशेष वस्त्र नियम हैं :
- केवल हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति।
- पुरुष : धोती या मुंडु अनिवार्य। कमीज़, शर्ट या टी-शर्ट वर्जित।
- महिलाएं : साड़ी, मुंडुम-नेरियतुम (सेट मुंडु), स्कर्ट-ब्लाउज़ या आधी साड़ी।
- प्रवेश द्वार पर किराये पर धोती उपलब्ध रहती है।
- सुविधा के लिए आजकल पैंट या चूड़ीदार के ऊपर धोती पहनने की भी अनुमति दी जाती है।
🪙 श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का रहस्यमयी खजाना
1. अनुमानित मूल्य
सन् 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर के तहखाने खोले गए।
- पाँच तहखानों से निकले खजाने का अनुमानित मूल्य : 5,00,000 करोड़ रुपये (लगभग 22 अरब डॉलर)।
- इसमें सोना, हीरे, जवाहरात, सोने के सिक्के, हार, बर्तन और मूर्तियाँ शामिल थीं।
2. त्रावणकोर शाही परिवार का खजाना
- खजाना त्रावणकोर राजाओं की आस्थापूर्वक दी गई संपत्ति है।
- महाराजा मार्तंड वर्मा ने 1750 ई. में स्वयं को "पद्मनाभ दास" घोषित किया और शाही परिवार ने अपनी सम्पत्ति भगवान को समर्पित कर दी।
3. तहखाने और रहस्य
- मंदिर में कुल 6 तहखाने (चेम्बर) हैं।
- पाँच खोले गए, परंतु चेम्बर-बी आज भी बंद है।
- इसके द्वार पर कोई ताला या कुंडी नहीं, बल्कि "अष्टनाग बंधन" मंत्र से सील माने जाते हैं।
- मान्यता है कि इसे खोलने का प्रयास करने वाले को दुर्भाग्य, बीमारी या मृत्यु का सामना करना पड़ता है।
4. चेम्बर-बी का रहस्य
- तीन परतों वाला यह दरवाजा लोहे और लकड़ी से बना है।
- अंतिम दरवाजे पर दो विशाल नाग बने हैं।
- शिलालेखों में चेतावनी है कि इसे खोला गया तो विनाशकारी परिणाम होंगे।
- अब तक कोई इसे खोलने में सफल नहीं हो पाया।
🏛 स्थापत्य और विशेषताएँ
- मंदिर का वास्तुशिल्प द्रविड़ शैली में है।
- स्वर्णमंडप (गोल्डन पिलर) मंदिर की शोभा बढ़ाता है।
- लंबे गलियारों और पत्थरों पर की गई सुडौल नक्काशी अद्वितीय है।
- यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल बल्कि स्थापत्य कला का भी अद्भुत उदाहरण है।
🌸 महत्व और मान्यता
- यह मंदिर भारत के प्रमुख वैष्णव पीठों में से एक है।
- प्रतिदिन हजारों भक्त भगवान विष्णु के "अनंत शयन" रूप के दर्शन हेतु आते हैं।
- "तिरुअनंतपुरम्" नाम ही भगवान के अनंत शेषनाग के नाम पर पड़ा है।
✨ निष्कर्ष
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केवल एक धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, भक्ति और रहस्यमय खजाने का जीवंत प्रतीक है। इसकी प्रतिमा, स्थापत्य और खजाने की गाथाएँ इसे विश्व के सबसे अद्भुत और चर्चित मंदिरों में स्थान दिलाती हैं।
❓Shri Padmanabhaswamy Temple FAQs
Q1. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर कहाँ स्थित है?
👉 यह मंदिर तिरुअनंतपुरम् (त्रिवेन्द्रम), केरल में स्थित है।
Q2. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर किस देवता को समर्पित है?
👉 यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जहाँ वे अनंत शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं।
Q3. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का निर्माण कब और किसने कराया था?
👉 इसका मौजूदा स्वरूप 18वीं शताब्दी (1733 ई.) में त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा ने बनवाया था।
Q4. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का खजाना कितना है?
👉 2011 में खोले गए तहखानों से अनुमानित 5,00,000 करोड़ रुपये का खजाना मिला। इसे दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है।
Q5. पद्मनाभस्वामी मंदिर का "चेम्बर-बी" क्यों नहीं खोला गया?
👉 मान्यता है कि यह कक्ष "अष्टनाग बंधन मंत्र" से बंद है। इसे खोलने का प्रयास करने वालों के साथ दुर्भाग्य घटित होता है, इसलिए इसे आज तक बंद रखा गया है।
Q6. मंदिर में प्रवेश के लिए क्या ड्रेस कोड है?
👉
- पुरुष – धोती या मुंडु, शर्ट/कमीज़ की अनुमति नहीं।
- महिलाएँ – साड़ी, मुंडुम-नेरियतुम, आधी साड़ी या स्कर्ट-ब्लाउज़।
Q7. क्या पद्मनाभस्वामी मंदिर में सभी धर्मों के लोग प्रवेश कर सकते हैं?
👉 नहीं, केवल हिंदू धर्मावलंबियों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति है।
Q8. पद्मनाभस्वामी मंदिर की प्रतिमा की खासियत क्या है?
👉 प्रतिमा 12008 शालिग्राम शिलाओं से निर्मित है और इसे तीन दरवाजों से अलग-अलग हिस्सों में दर्शन किया जाता है—
- पहले दरवाजे से सिर और सीना
- दूसरे दरवाजे से हाथ
- तीसरे दरवाजे से पैर
Q9. "तिरुअनंतपुरम्" नाम का क्या अर्थ है?
👉 इसका अर्थ है – "अनंत (शेषनाग) पर विराजमान भगवान का स्थान"।
Q10. क्या श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर सरकार के अधीन है?
👉 नहीं, यह आज भी त्रावणकोर शाही परिवार के ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है।