 |
UGC NET/JRF,PAPER I,UNIT IX,POINT IV,मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषकों का प्रभाव, विषय वर्गीकरण सहित, संदर्भ bhagwat darshan sooraj krishna shastri. |
विस्तृत लेख: "मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषकों का प्रभाव (आँकड़ों सहित)"
(विषय वर्गीकरण सहित, संदर्भ एवं विस्तृत व्याख्या के साथ)
प्रस्तावना:
प्रदूषण 21वीं सदी की एक गंभीर वैश्विक चुनौती बन चुका है। यह केवल पर्यावरणीय असंतुलन का कारण नहीं, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में घातक सिद्ध हो रहा है। स्वास्थ्य संगठन, अनुसंधान संस्थान और नीति-निर्माता सभी इस पर चिंतित हैं, परंतु इसके वास्तविक प्रभावों को व्यापक रूप में समझना आवश्यक है।
इस लेख में हम पाँच प्रमुख प्रदूषकों — वायु, जल, ध्वनि, मृदा तथा रासायनिक प्रदूषण — के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का सांख्यिकीय एवं वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं।
1. वायु प्रदूषण (Air Pollution)
प्रमुख स्रोत:
- वाहन उत्सर्जन
- औद्योगिक धुआँ
- कृषि अवशेषों का जलना (जैसे पराली)
- थर्मल पावर प्लांट्स
- घरेलू ईंधन (लकड़ी, गोबर)
प्रमुख प्रदूषक:
- PM2.5, PM10
- नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂)
- ओजोन (O₃), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂)
- कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
स्वास्थ्य प्रभाव:
रोग |
विवरण |
दमा (Asthma) |
फेफड़ों में सूजन, सांस फूलना |
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस |
लंबे समय तक खाँसी और बलगम |
हृदय रोग |
रक्त वाहिनियों में सूजन |
कैंसर |
विशेषकर फेफड़ों का |
समयपूर्व मृत्यु |
WHO: प्रति वर्ष 70 लाख वैश्विक मौतें |
भारत विशेष:
- दिल्ली, कानपुर, पटना, वाराणसी जैसे शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिने जाते हैं।
- Lancet Planetary Health (2020) के अनुसार: भारत में वायु प्रदूषण से 1.67 मिलियन मौतें हुईं।
2. जल प्रदूषण (Water Pollution)
प्रमुख स्रोत:
- औद्योगिक अपशिष्टों का नदियों में बहाव
- घरेलू गंदगी, सीवेज
- कृषि रसायनों का भूमिगत जल में रिसाव
- प्लास्टिक व रसायनों की अधिकता
प्रमुख रोग:
रोग |
कारण |
डायरिया |
बैक्टीरिया/वायरस से संक्रमित जल |
टाइफाइड |
सल्मोनेला बैक्टीरिया |
कॉलरा |
Vibrio cholerae जीवाणु |
फ्लोरोसिस |
जल में अधिक फ्लोराइड |
हेपेटाइटिस A/E |
दूषित जल सेवन से |
महत्वपूर्ण आँकड़े:
- WHO: विश्व में हर दिन 800 से अधिक बच्चे गंदे जल के कारण मरते हैं।
- भारत: 2019 में 1.5 लाख से अधिक मौतें जलजनित रोगों से हुईं।
- केवल 32% ग्रामीण भारत को ही शुद्ध पीने का पानी नियमित रूप से उपलब्ध (Niti Aayog Water Index, 2021)।
3. ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)
प्रमुख स्रोत:
- ट्रैफिक का शोर (हॉर्न, इंजन)
- निर्माण कार्य
- शादी/धार्मिक समारोहों में लाउडस्पीकर
- उद्योगों की मशीनें
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
समस्या |
प्रभाव |
बहिरश्रवण |
लंबे समय तक 85 dB+ शोर से |
अनिद्रा |
नींद की गुणवत्ता प्रभावित |
मानसिक तनाव |
चिड़चिड़ापन, अवसाद |
हृदय रोग |
रक्तचाप में वृद्धि |
सांख्यिकीय अवलोकन:
- WHO: 60 dB से ऊपर का शोर मानव कार्यक्षमता पर विपरीत असर डालता है।
- CPCB रिपोर्ट (2022): दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में रात के समय 80–100 dB ध्वनि पाई गई।
4. मृदा प्रदूषण (Soil Pollution)
प्रमुख स्रोत:
- कीटनाशकों, उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग
- औद्योगिक कचरा
- प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक कचरा
- पेट्रोलियम रिसाव
मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव:
प्रदूषक |
रोग |
कीटनाशक |
न्यूरोलॉजिकल रोग, कैंसर |
सीसा (Lead) |
बच्चों में मस्तिष्क विकास अवरोध |
कैडमियम |
गुर्दों की क्षति |
आर्सेनिक |
त्वचा और फेफड़ों का कैंसर |
प्रसंग विशेष:
- पंजाब-हरियाणा 'कैंसर ट्रेन': अत्यधिक कीटनाशकों के कारण भटिंडा से बीकानेर तक कैंसर रोगियों की विशेष रेल चलाई जाती है।
5. रासायनिक एवं औद्योगिक प्रदूषण
उदाहरण: भोपाल गैस त्रासदी (1984)
- गैस: मिथाइल आइसोसायनेट
- मृत्युएँ: 15,000 से अधिक
- आज भी हजारों लोग जन्मजात विकलांगता और श्वसन संबंधी रोगों से ग्रसित।
अन्य प्रभाव:
- थैलेसीमिया, शारीरिक अपंगता, हार्मोनल असंतुलन
- भारी धातुओं का सेवन (उदाहरण: जल या मछली के माध्यम से) गंभीर दीर्घकालिक प्रभाव डालता है।
6. घरेलू प्रदूषण (Indoor Pollution)
कारण:
- लकड़ी, कोयला, गोबर आदि का जलना
- रसोई में वेंटिलेशन की कमी
- एलपीजी की अनुपलब्धता
स्वास्थ्य प्रभाव:
- महिलाओं और बच्चों में फेफड़ों की बीमारियाँ, आँखों में जलन, कम उम्र में मृत्यु
- WHO: 2022 में 3.2 मिलियन लोगों की मौत घरेलू वायु प्रदूषण से हुई
निष्कर्ष:
प्रदूषण एक बहुआयामी संकट है, जो केवल पर्यावरणीय समस्या न होकर मानव स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, और सामाजिक ताने-बाने पर गहरा आघात करता है।
समाधान हेतु सुझाव:
- नीतिगत स्तर पर कठोर क्रियान्वयन (जैसे National Clean Air Program)
- शुद्ध ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन) को बढ़ावा
- जनसहभागिता: जागरूकता, अपशिष्ट प्रबंधन
- प्रदूषण सूचकांक की नियमित निगरानी
- वैकल्पिक परिवहन: साइकिल, इलेक्ट्रिक वाहन