प्राकृतिक और उर्जा के स्रोत, सौर, पवन, मृदा, जल, भू-ताप, बायो-मास, नाभिकी और वन

Sooraj Krishna Shastri
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UGC NET/JRF,PAPER I,UNIT IX,POINT V, प्राकृतिक और उर्जा के स्रोत, सौर, पवन, मृदा, जल, भू-ताप, बायो-मास, नाभिकी और वन, भागवत दर्शन सूरज कृष्ण शास्त्री।
UGC NET/JRF,PAPER I,UNIT IX,POINT V, प्राकृतिक और उर्जा के स्रोत, सौर, पवन, मृदा, जल, भू-ताप, बायो-मास, नाभिकी और वन, भागवत दर्शन सूरज कृष्ण शास्त्री।


प्राकृतिक और उर्जा के स्रोत, सौर, पवन, मृदा, जल, भू-ताप, बायो-मास, नाभिकी और वन

यहाँ सभी प्राकृतिक और ऊर्जा स्रोतों का विस्तृत विवरण, भारत व विश्व के आँकड़े, प्रभाव, चुनौतियाँ तथा भविष्य की संभावनाएँ के साथ एक सुव्यवस्थित प्रस्तुति दी जा रही है:


1. सौर ऊर्जा (Solar Energy)

● विवरण:

  • सूर्य की प्रकाश और ऊष्मा से प्राप्त ऊर्जा को सौर पैनलों द्वारा बिजली में बदला जाता है।
  • उपयोग: घरेलू बिजली, सिंचाई पंप, सोलर हीटर, स्ट्रीट लाइट आदि।

● भारत में स्थिति:

  • भारत की कुल स्थापित सौर क्षमता (2024): लगभग 75 गीगावॉट (GW)
  • लक्ष्य (2030): 280 GW
  • प्रमुख राज्य: राजस्थान (16+ GW), गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु

● वैश्विक स्थिति:

  • शीर्ष देश: चीन (450+ GW), अमेरिका, भारत, जापान

● लाभ:

  • अक्षय, प्रदूषण रहित, दीर्घकालिक
  • दूर-दराज क्षेत्रों के लिए उपयुक्त

● चुनौतियाँ:

  • उच्च प्रारंभिक लागत
  • बादलों और रात में निर्भरता नहीं

2. पवन ऊर्जा (Wind Energy)

● विवरण:

  • पवन टर्बाइनों से चलकर बिजली उत्पन्न होती है।
  • तटीय एवं ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उपयोगी।

● भारत में स्थिति:

  • कुल स्थापित क्षमता (2024): लगभग 45 GW
  • प्रमुख राज्य: तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र

● वैश्विक स्थिति:

  • शीर्ष देश: चीन (400+ GW), अमेरिका (150+ GW), जर्मनी

● लाभ:

  • स्वच्छ, नवीकरणीय
  • भूमि का द्वैत्य उपयोग (खेती + टरबाइन)

● चुनौतियाँ:

  • पक्षियों के लिए खतरा
  • अनियमित गति में उत्पादन प्रभावित

3. मृदा (Soil)

● विवरण:

  • ऊर्जा का अप्रत्यक्ष स्रोत – बायोमास उत्पादन, कृषि कार्य
  • मृदा जैविक अपघटन से बायोगैस, खाद में उपयोगी

● आँकड़े:

  • भारत की कृषि भूमि: कुल भौगोलिक क्षेत्र का ~52%
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: 23 करोड़ कार्ड जारी (2022 तक)

● योगदान:

  • खाद्य सुरक्षा, बायो-ऊर्जा उत्पादन

● समस्या:

  • मृदा क्षरण, रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग

4. जल ऊर्जा (Hydro Energy)

● विवरण:

  • नदी जल को ऊँचाई से गिराकर टरबाइन चलाना
  • बांधों से नियंत्रित उत्पादन

● भारत में स्थिति:

  • स्थापित क्षमता (2024): लगभग 47 GW
  • प्रमुख बाँध: टिहरी (उत्तराखंड), भाखड़ा (पंजाब), नाथपा झाकरी (हिमाचल)

● वैश्विक स्थिति:

  • शीर्ष देश: चीन (400+ GW), ब्राज़ील, कनाडा, भारत (5वें स्थान पर)

● लाभ:

  • निरंतर आपूर्ति, सिंचाई व जल-प्रबंधन

● समस्या:

  • विस्थापन, पारिस्थितिकी को हानि

5. भू-तापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)

● विवरण:

  • पृथ्वी की आंतरिक ऊष्मा से प्राप्त ऊर्जा
  • हॉट स्प्रिंग्स, ज्वालामुखीय क्षेत्रों में

● भारत में स्थिति:

  • संभावित क्षमता: ~10 GW
  • मुख्य स्थल: मणिकरण (हिमाचल), तापोवन, झारखंड, चंपा (छत्तीसगढ़)

● वैश्विक स्थिति:

  • शीर्ष देश: अमेरिका, इंडोनेशिया, फिलीपींस, केन्या

● लाभ:

  • लगातार ऊर्जा आपूर्ति, कम प्रदूषण

● चुनौतियाँ:

  • उच्च प्रारंभिक निवेश
  • तकनीकी जटिलता

6. बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy)

● विवरण:

  • वनस्पति अवशेष, गोबर, खाद्य अपशिष्ट आदि से प्राप्त ऊर्जा
  • बायोगैस, इंधन ब्रिकेट्स, बायोफ्यूल

● भारत में स्थिति:

  • बायोमास आधारित बिजली उत्पादन (2023): ~10 GW
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस संयंत्र: ~50 लाख

● वैश्विक स्थिति:

  • जैविक अपशिष्ट के बेहतर उपयोग में ब्राज़ील और यूरोपीय देश अग्रणी

● लाभ:

  • किफायती, ग्रामीण रोजगार सृजन
  • कचरा प्रबंधन का माध्यम

● चुनौतियाँ:

  • असंगठित व्यवस्था, गंध व उत्सर्जन

7. नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy)

● विवरण:

  • यूरेनियम या प्लूटोनियम के विखंडन से भारी मात्रा में ऊर्जा
  • नियंत्रित वातावरण में किया जाता है

● भारत में स्थिति:

  • संयंत्र संख्या: 7 साइटों पर 22 क्रियाशील रिएक्टर
  • कुल उत्पादन क्षमता (2024): ~7 GW
  • प्रमुख संयंत्र: तारापुर (महाराष्ट्र), काकरापार (गुजरात), कुडनकुलम (तमिलनाडु)

● वैश्विक स्थिति:

  • शीर्ष देश: अमेरिका (90+ GW), फ्रांस, चीन, रूस

● लाभ:

  • उच्च दक्षता, न्यूनतम CO₂ उत्सर्जन

● समस्याएँ:

  • रेडियोधर्मी अपशिष्ट, सुरक्षा जोखिम

8. वन (Forests)

● विवरण:

  • कार्बन शोषक, वर्षा संतुलन, जैव विविधता का आधार
  • लकड़ी, बायोमास, औषधियाँ, खाद्य उत्पादों का स्रोत

● भारत में आँकड़े:

  • वन क्षेत्र (2023): कुल क्षेत्र का ~24.62% (~80.7 मिलियन हेक्टेयर)
  • राज्य: मध्यप्रदेश > अरुणाचल > छत्तीसगढ़

● वैश्विक आँकड़े:

  • वैश्विक वन क्षेत्र: ~30% (FAO रिपोर्ट 2022)

● योगदान:

  • जलवायु संतुलन, आदिवासी आजीविका, पारिस्थितिकी

● चुनौतियाँ:

  • वनों की कटाई, अवैध खनन, जैव विविधता संकट

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