पवित्र 51 शक्ति पीठ — कथा, महत्व और सूची (Shakti Peeth — Legend, Significance & List)
1. परिचय
पवित्र शक्ति पीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में स्थापित हैं।
- देवी पुराण में — 51 शक्ति पीठों का वर्णन
- देवी भागवत में — 108 शक्ति पीठ
- देवी गीता में — 72 शक्ति पीठ
- तन्त्र चूडामणि में — 52 शक्ति पीठ
हालाँकि, देवी पुराण में विशेष रूप से 51 शक्ति पीठों की चर्चा मिलती है। इनमें से कई विदेशों में भी स्थित हैं।
2. भौगोलिक वितरण
स्थान | संख्या |
---|---|
भारत | 42 |
पाकिस्तान | 1 |
बांग्लादेश | 4 |
श्रीलंका | 1 |
तिब्बत | 1 |
नेपाल | 2 |
3. पौराणिक कथा — शक्ति पीठ कैसे बने?
शक्ति पीठों की उत्पत्ति की कथा सती और भगवान शिव से जुड़ी है।
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पवित्र 51 शक्ति पीठ — कथा, महत्व और सूची (Shakti Peeth — Legend, Significance & List) |
- सती का जन्म: प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में हुआ।
- विवाह: भगवान शिव से हुआ।
- दक्ष यज्ञ और अपमान: प्रजापति दक्ष ने यज्ञ किया, जिसमें सभी देवताओं को बुलाया लेकिन शिव को नहीं।
- सती का आत्मोत्सर्ग: पिता द्वारा शिव का अपमान देख, सती ने यज्ञ-कुंड में कूदकर प्राण त्याग दिए।
- शिव का क्रोध और तांडव: शिव ने सती का शरीर उठाकर प्रलयकारी तांडव किया।
- विष्णु का हस्तक्षेप: भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए, जो पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों पर गिरे।
- जहां-जहां अंग, आभूषण या वस्त्र गिरे, वहीं शक्ति पीठ स्थापित हुए।
4. तंत्र चूडामणि के अनुसार
कुल 51 स्थानों पर सती के अंग, वस्त्र या आभूषण गिरे — इन्हीं को शक्ति पीठ कहा गया।
अगले जन्म में सती ने पार्वती के रूप में जन्म लेकर शिव को पुनः पति रूप में प्राप्त किया।
5. 51 शक्ति पीठ — क्रमवार सूची
नीचे दी गई सारणी में प्रत्येक शक्ति पीठ का —
संख्या, नाम, स्थान, गिरा अंग, शक्ति का नाम और भैरव का नाम दिया गया है।
क्र. | शक्ति पीठ का नाम | स्थान | गिरा अंग / वस्त्र | शक्ति | भैरव |
---|---|---|---|---|---|
1 | किरीट | लालबाग कोट, हुगली, पश्चिम बंगाल | किरीट (मुकुट) | विमला/भुवनेश्वरी | संवर्त |
2 | कात्यायनी | वृन्दावन, मथुरा, उ.प्र. | केशपाश | कात्यायनी | भूतेश |
3 | करवीर | कोल्हापुर, महाराष्ट्र | त्रिनेत्र | महिषासुरमर्दिनी | क्रोधशिश |
4 | श्री पर्वत | असम/लद्दाख | दक्षिण तल्प (कनपटी) | श्री सुन्दरी | सुन्दरानन्द |
5 | विशालाक्षी | वाराणसी, उ.प्र. | दाहिने कान का मणि | विशालाक्षी | काल भैरव |
6 | गोदावरी तट | कब्बूर, आंध्रप्रदेश | वाम गण्ड (बायां कपोल) | विश्वेश्वरी/रुक्मिणी | दण्डपाणि |
7 | शुचीन्द्रम | कन्याकुमारी, तमिलनाडु | पृष्ठ भाग | नारायणी | संहार |
8 | पंचसागर | स्थान अज्ञात | नीचे के दांत | वाराही | महारुद्र |
9 | ज्वालामुखी | काँगड़ा, हिमाचल | जीभ | सिद्धिदा | उन्मत्त |
10 | भैरव पर्वत | गिरिनार, गुजरात / उज्जैन, म.प्र. | ऊपर का ओष्ठ | अवन्ती | लंबकर्ण |
11 | अट्टहास | लाबपुर, प. बंगाल | अधर ओष्ठ | फुल्लरा | विश्वेश |
12 | जनस्थान | नासिक, महाराष्ट्र | ठुड्डी | भ्रामरी | विकृताक्ष |
13 | कश्मीर/अमरनाथ | अमरनाथ, जम्मू-कश्मीर | कण्ठ | महामाया | त्रिसंध्येश्वर |
14 | नन्दीपुर | सैन्थया, प. बंगाल | कण्ठहार | नन्दनी | निन्दकेश्वर |
15 | श्री शैल | कुर्नूल, आंध्रप्रदेश | ग्रीवा | महालक्ष्मी | संवरानन्द |
16 | नलहटी | बोलपुर, प. बंगाल | उदरनली | कालिका | योगीश |
17 | मिथिला | जनकपुर/समस्तीपुर/सहरसा | वाम स्कंध | उमा/महादेवी | महोदर |
18 | रत्नावली | चेन्नई (तमिलनाडु) | दक्षिण स्कंध | कुमारी | शिव |
19 | अम्बाजी | गिरनार पर्वत, गुजरात | उदर | चन्द्रभागा | वक्रतुण्ड |
20 | जालंधर | पंजाब | वाम स्तन | त्रिपुरमालिनी | भीषण |
21 | रामागिरि | चित्रकूट (उ.प्र.) / मैहर (म.प्र.) | दाहिना स्तन | शिवानी | चण्ड |
22 | वैद्यनाथ | देवघर, झारखण्ड | हृदय | जयदुर्गा | वैद्यनाथ |
23 | वक्त्रेश्वर | सैन्थया, प. बंगाल | मन | महिषासुरमर्दिनी | वक्त्रानाथ |
24 | कन्याकुमारी | कन्याकुमारी, तमिलनाडु | पीठ | शर्वाणी | निमषि |
25 | बहुला | केतुग्राम, प. बंगाल | वाम बाहु | बहुला | भीरुक |
26 | उज्जयिनी | उज्जैन, म.प्र. | कोहनी | मंगल चण्डिका | मांगल्य कपिलांबर |
27 | मणिवेदिका | पुष्कर, राजस्थान | कलाइयां | गायत्री | शर्वानन्द |
28 | प्रयाग | प्रयागराज, उ.प्र. | हाथ की अंगुलियां | ललिता | भव |
29 | उत्कल | पुरी/याजपुर, ओडिशा | नाभि | विमला | जगन्नाथ |
30 | कांची | कांचीवरम्, तमिलनाडु | कंकाल | देवगर्भा | रुरु |
31 | कालमाधव | स्थान अज्ञात | वाम नितम्ब | काली | असितांग |
32 | शोण | अमरकंटक, म.प्र./सासाराम, बिहार | दक्षिण नितम्ब / दायां नेत्र | नर्मदा/शोणाक्षी | भद्रसेन |
33 | कामाख्या | गुवाहाटी, असम | योनि | कामाख्या | उमानन्द |
34 | जयंती | जयंतिया, मेघालय | वाम जंघा | जयंती | क्रमदीश्वर |
35 | मगध | पटना, बिहार | दाहिना जंघा | सर्वानन्दकरी | व्योमकेश |
36 | त्रिस्तोता | जलपाईगुड़ी, प. बंगाल | वाम पाद | भ्रामरी | ईश्वर |
37 | त्रिपुरी सुन्दरी | त्रिपुरा | दक्षिण पाद | त्रिपुरी सुन्दरी | त्रिपुरेश |
38 | विभाषा | ताम्रलुक, प. बंगाल | वाम टखना | कपालिनी | सर्वानन्द |
39 | कुरुक्षेत्र | कुरुक्षेत्र, हरियाणा | दाहिना चरण | सावित्री | स्थाणु |
40 | युगाद्या (क्षीरग्राम) | क्षीरग्राम, प. बंगाल | दाहिने चरण का अंगूठा | जुगाड़या | क्षीरखण्डक |
41 | विराट अम्बिका | वैराटग्राम, राजस्थान | दाहिने पैर की अंगुलियां | अम्बिका | अमृत |
42 | कालीघाट | कोलकाता, प. बंगाल | चार अंगुलियां (पैर) | कालिका | नकुलेश |
43 | मानस | मानसरोवर, तिब्बत | दाहिनी हथेली | द्राक्षायणी | अमर |
44 | लंका | श्रीलंका | नूपुर (पायल) | इन्द्राक्षी | राक्षसेश्वर |
45 | गण्डकी | नेपाल | दक्षिण कपोल | गण्डकी | चक्रपाणि |
46 | गुह्येश्वरी | काठमांडू, नेपाल | दोनों घुटने | महामाया | कपाल |
47 | हिंगलाज | बलूचिस्तान, पाकिस्तान | ब्रह्मरन्ध्र | कोट्टरी | भीमलोचन |
48 | सुगंध | खुलना, बांग्लादेश | नासिका | सुनन्दा | त्रयम्बक |
49 | करतोया | बेगड़ा, बांग्लादेश | वाम तल्प | अपर्णा | वामन |
50 | चट्टल | चटगांव, बांग्लादेश | दाहिनी भुजा | भवानी | चन्द्रशेखर |
51 | यशोर | जैसोर, बांग्लादेश | बायीं हथेली | यशोरेश्वरी | चन्द्र |