Navratri Special: माँ दुर्गा के अद्भुत रहस्य Amazing Secrets of Maa Durga

Sooraj Krishna Shastri
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Navratri Special: माँ दुर्गा के 5 अद्भुत रहस्य Amazing Secrets of Maa Durga

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


✨ प्रस्तावना

हिन्दू धर्म में माता रानी का देवियों में सर्वोच्च स्थान है।
उन्हें अम्बे, जगदम्बे, शेरावाली, पहाड़ावाली आदि नामों से पुकारा जाता है।
संपूर्ण भारत भूमि पर उनके सैकड़ों मंदिर हैं।

  • ज्योतिर्लिंग से भी अधिक शक्तिपीठ हैं।

  • सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती त्रिदेव की पत्नियां हैं।

  • इनके विषय में पुराणों में अनेक रहस्यमयी विवरण मिलते हैं।

देवी पुराण, मार्कण्डेय पुराण तथा अन्य ग्रंथों में माता के स्वरूप व रहस्यों का खुलासा हुआ है।
भक्त को माता का सच्चा उपासक तभी कहा जा सकता है जब वह उनके इन स्वरूपों व रहस्यों को जान सके।

Navratri Special: माँ दुर्गा के अद्भुत रहस्य Amazing Secrets of Maa Durga
Navratri Special: माँ दुर्गा के अद्भुत रहस्य Amazing Secrets of Maa Durga



🌼 माता रानी के प्रमुख स्वरूप

1. अम्बिका (आदि शक्ति)

  • शिवपुराण अनुसार, अविनाशी परब्रह्म सदाशिव ने अपनी लीला शक्ति से शक्ति की सृष्टि की।

  • यह शक्ति कभी उनसे अलग नहीं होती और उन्हें अम्बिका कहा गया।

  • यह शक्ति ही प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेव जननी, नित्या और मूल कारण है।

  • इन्हीं को जगदम्बा कहा जाता है।


2. देवी दुर्गा

  • रुरु के पुत्र दुर्गमासुर ने देवताओं को पराजित कर दिया।

  • देवता भयभीत होकर अम्बिका की शरण गए।

  • देवी ने प्रकट होकर देवताओं की रक्षा की और दुर्गमासुर का वध किया।

  • तभी से वे दुर्गा नाम से प्रसिद्ध हुईं।


3. माता सती

  • दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पहली पत्नी।

  • पिता दक्ष द्वारा शिव का अपमान सह न सकीं और यज्ञकुंड में कूदकर देह त्याग दिया।

  • शिव ने उनके शरीर को लेकर अनेक स्थानों पर विचरण किया, जहां-जहां अंग गिरे वहीं शक्तिपीठ बने।

  • पुनः जन्म लेकर वे पार्वती बनीं।


4. माता पार्वती (गौरी)

  • हिमवान और मैनावती की पुत्री।

  • सती का पुनर्जन्म।

  • शिव को पाने हेतु कठोर तपस्या की।

  • इन्हीं के पुत्र हैं श्रीगणेश और कार्तिकेय

  • इन्हें ही गौरी, महागौरी, शेरावाली कहा जाता है।


5. कैटभा-वधिनी

  • पद्मपुराण के अनुसार मधु-कैटभ दैत्यों को माता ने वध किया।

  • मार्कण्डेय पुराण में इन्हें उमा कहा गया।

  • दुर्गा सप्तशती में बताया गया कि महामाया शक्ति ने योगबल से दोनों का संहार किया।


6. काली माता

  • शिव की पत्नी के एक स्वरूप के रूप में काली का उल्लेख।

  • इन्होंने असुर रक्तबीज का वध किया।

  • दस महाविद्याओं में प्रथम।

  • इन्हें पृथ्वी की रक्षक और भयंकर दानव-संहारिणी माना जाता है।


7. महिषासुर मर्दिनी

  • ब्रह्मा से वरदान प्राप्त असुर महिषासुर स्त्री के अतिरिक्त किसी से न मर सकता था।

  • देवताओं की शक्ति से उत्पन्न होकर माता ने उसका वध किया।

  • तब से इन्हें महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है।


8. तुलजा भवानी और चामुण्डा माता

  • अम्बिका ने चंड-मुंड असुरों का वध किया, इसलिए वे चामुण्डा कहलायीं।

  • महाराष्ट्र में तुलजा भवानी का विशेष महत्व है।

  • इन्हें भी महिषासुर मर्दिनी स्वरूप माना जाता है।


9. दस महाविद्याएं

  • काली, तारा, षोडशी (त्रिपुरसुंदरी), भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।

  • ये सभी देवी शक्ति के विविध रूप हैं।


🌹 नवरात्रि उत्सव

  • वर्ष में दो बार नवरात्रि आती है।

    • चैत्र नवरात्रि – शैव व तांत्रिक साधनाओं के लिए।

    • शारदीय नवरात्रि – सात्विक भक्ति व दुर्गोत्सव के लिए।

  • पूरे वर्ष में 18 दिन दुर्गा के माने गए हैं।


🌸 नवदुर्गा रहस्य

  1. शैलपुत्री

  2. ब्रह्मचारिणी

  3. चंद्रघंटा

  4. कुष्मांडा

  5. स्कंदमाता

  6. कात्यायनी

  7. कालरात्रि

  8. महागौरी

  9. सिद्धिदात्री


🔱 नौ दुर्गा के नौ मंत्र

  1. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः।

  2. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः।

  3. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नमः।

  4. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः।

  5. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नमः।

  6. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायन्यै नमः।

  7. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः।

  8. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः।

  9. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः।


🔱 नौ दुर्गा के नौ मन्त्रों का चार्ट

क्रम दुर्गा का स्वरूप मंत्र विशेषता
1 शैलपुत्री ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः। पर्वतराज हिमालय की पुत्री, नवदुर्गा का प्रथम रूप
2 ब्रह्मचारिणी ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः। तपस्या और ब्रह्मचर्य की देवी
3 चन्द्रघण्टा ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नमः। सिंहवाहिनी, मस्तक पर अर्धचन्द्र, शत्रु विनाशिनी
4 कूष्माण्डा ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः। सृष्टि की आदिशक्ति, ब्रह्माण्ड उत्पत्ति करने वाली
5 स्कन्दमाता ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नमः। कार्तिकेय (स्कन्द) की माता, मातृत्व का स्वरूप
6 कात्यायनी ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायन्यै नमः। महिषासुर मर्दिनी, वीरता व शक्ति की देवी
7 कालरात्रि ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः। अंधकार का नाश करने वाली, भय हरण करने वाली
8 महागौरी ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः। उज्जवलता, पवित्रता और सौभाग्य प्रदान करने वाली
9 सिद्धिदात्री ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः। सिद्धि और सफलता देने वाली देवी

🚩 निष्कर्ष

माता रानी केवल एक रूप तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे

  • आदि शक्ति,

  • सृष्टि की जननी,

  • त्रिदेव की माता,

  • दानव संहारिणी,

  • और भक्तों की रक्षक हैं।

उनके इन रहस्यमय स्वरूपों का अध्ययन करने से भक्त का विश्वास और भक्ति दोनों प्रबल होती है।

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