Navratri Special: माँ दुर्गा के 5 अद्भुत रहस्य Amazing Secrets of Maa Durga
✨ प्रस्तावना
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ज्योतिर्लिंग से भी अधिक शक्तिपीठ हैं।
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सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती त्रिदेव की पत्नियां हैं।
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इनके विषय में पुराणों में अनेक रहस्यमयी विवरण मिलते हैं।
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Navratri Special: माँ दुर्गा के अद्भुत रहस्य Amazing Secrets of Maa Durga |
🌼 माता रानी के प्रमुख स्वरूप
1. अम्बिका (आदि शक्ति)
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शिवपुराण अनुसार, अविनाशी परब्रह्म सदाशिव ने अपनी लीला शक्ति से शक्ति की सृष्टि की।
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यह शक्ति कभी उनसे अलग नहीं होती और उन्हें अम्बिका कहा गया।
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यह शक्ति ही प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेव जननी, नित्या और मूल कारण है।
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इन्हीं को जगदम्बा कहा जाता है।
2. देवी दुर्गा
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रुरु के पुत्र दुर्गमासुर ने देवताओं को पराजित कर दिया।
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देवता भयभीत होकर अम्बिका की शरण गए।
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देवी ने प्रकट होकर देवताओं की रक्षा की और दुर्गमासुर का वध किया।
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तभी से वे दुर्गा नाम से प्रसिद्ध हुईं।
3. माता सती
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दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पहली पत्नी।
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पिता दक्ष द्वारा शिव का अपमान सह न सकीं और यज्ञकुंड में कूदकर देह त्याग दिया।
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शिव ने उनके शरीर को लेकर अनेक स्थानों पर विचरण किया, जहां-जहां अंग गिरे वहीं शक्तिपीठ बने।
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पुनः जन्म लेकर वे पार्वती बनीं।
4. माता पार्वती (गौरी)
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हिमवान और मैनावती की पुत्री।
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सती का पुनर्जन्म।
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शिव को पाने हेतु कठोर तपस्या की।
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इन्हीं के पुत्र हैं श्रीगणेश और कार्तिकेय।
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इन्हें ही गौरी, महागौरी, शेरावाली कहा जाता है।
5. कैटभा-वधिनी
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पद्मपुराण के अनुसार मधु-कैटभ दैत्यों को माता ने वध किया।
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मार्कण्डेय पुराण में इन्हें उमा कहा गया।
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दुर्गा सप्तशती में बताया गया कि महामाया शक्ति ने योगबल से दोनों का संहार किया।
6. काली माता
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शिव की पत्नी के एक स्वरूप के रूप में काली का उल्लेख।
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इन्होंने असुर रक्तबीज का वध किया।
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दस महाविद्याओं में प्रथम।
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इन्हें पृथ्वी की रक्षक और भयंकर दानव-संहारिणी माना जाता है।
7. महिषासुर मर्दिनी
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ब्रह्मा से वरदान प्राप्त असुर महिषासुर स्त्री के अतिरिक्त किसी से न मर सकता था।
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देवताओं की शक्ति से उत्पन्न होकर माता ने उसका वध किया।
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तब से इन्हें महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है।
8. तुलजा भवानी और चामुण्डा माता
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अम्बिका ने चंड-मुंड असुरों का वध किया, इसलिए वे चामुण्डा कहलायीं।
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महाराष्ट्र में तुलजा भवानी का विशेष महत्व है।
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इन्हें भी महिषासुर मर्दिनी स्वरूप माना जाता है।
9. दस महाविद्याएं
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काली, तारा, षोडशी (त्रिपुरसुंदरी), भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
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ये सभी देवी शक्ति के विविध रूप हैं।
🌹 नवरात्रि उत्सव
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वर्ष में दो बार नवरात्रि आती है।
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चैत्र नवरात्रि – शैव व तांत्रिक साधनाओं के लिए।
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शारदीय नवरात्रि – सात्विक भक्ति व दुर्गोत्सव के लिए।
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पूरे वर्ष में 18 दिन दुर्गा के माने गए हैं।
🌸 नवदुर्गा रहस्य
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शैलपुत्री
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ब्रह्मचारिणी
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चंद्रघंटा
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कुष्मांडा
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स्कंदमाता
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कात्यायनी
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कालरात्रि
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महागौरी
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सिद्धिदात्री
🔱 नौ दुर्गा के नौ मंत्र
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायन्यै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः।
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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः।
🔱 नौ दुर्गा के नौ मन्त्रों का चार्ट
क्रम | दुर्गा का स्वरूप | मंत्र | विशेषता |
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1 | शैलपुत्री | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः। | पर्वतराज हिमालय की पुत्री, नवदुर्गा का प्रथम रूप |
2 | ब्रह्मचारिणी | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः। | तपस्या और ब्रह्मचर्य की देवी |
3 | चन्द्रघण्टा | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नमः। | सिंहवाहिनी, मस्तक पर अर्धचन्द्र, शत्रु विनाशिनी |
4 | कूष्माण्डा | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः। | सृष्टि की आदिशक्ति, ब्रह्माण्ड उत्पत्ति करने वाली |
5 | स्कन्दमाता | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नमः। | कार्तिकेय (स्कन्द) की माता, मातृत्व का स्वरूप |
6 | कात्यायनी | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायन्यै नमः। | महिषासुर मर्दिनी, वीरता व शक्ति की देवी |
7 | कालरात्रि | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः। | अंधकार का नाश करने वाली, भय हरण करने वाली |
8 | महागौरी | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः। | उज्जवलता, पवित्रता और सौभाग्य प्रदान करने वाली |
9 | सिद्धिदात्री | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः। | सिद्धि और सफलता देने वाली देवी |
🚩 निष्कर्ष
माता रानी केवल एक रूप तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे
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आदि शक्ति,
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सृष्टि की जननी,
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त्रिदेव की माता,
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दानव संहारिणी,
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और भक्तों की रक्षक हैं।
उनके इन रहस्यमय स्वरूपों का अध्ययन करने से भक्त का विश्वास और भक्ति दोनों प्रबल होती है।