संस्कृत व्याकरण : लिङ्ग (Gender) (एक विस्तृत, व्यवस्थित और व्याकरण-संगत विवेचन)

Sooraj Krishna Shastri
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संस्कृत व्याकरण : लिङ्ग (Gender), (एक विस्तृत, व्यवस्थित और व्याकरण-संगत विवेचन)


१. लिङ्ग की परिभाषा (Definition of Gender)

संस्कृत में लिङ्ग (Gender) एक व्याकरणिक वर्गीकरण है, जो शब्द-रूपों (Declension) के निर्माण में आधारभूत भूमिका निभाता है।
👉 यह केवल जैविक लिंग (Natural Sex) का संकेत नहीं है; बल्कि शब्द का लिङ्ग कई बार पूर्णतः व्याकरणिक होता है।

संस्कृत व्याकरण : लिङ्ग (Gender)  (एक विस्तृत, व्यवस्थित और व्याकरण-संगत विवेचन)
संस्कृत व्याकरण : लिङ्ग (Gender) (एक विस्तृत, व्यवस्थित और व्याकरण-संगत विवेचन)


२. लिङ्ग निर्धारण के प्रमुख आधार (Primary Bases of Gender Determination)


२.१ प्राकृतिक आधार (Natural Basis – Limited Use)

मानव/प्राणीवाचक शब्द सामान्यतः प्राकृतिक लिङ्ग रखते हैं।

लिङ्ग उदाहरण व्याख्या
पुंल्लिङ्ग पिता, भ्राता, अश्वः पुरुष अथवा नर-प्राणी
स्त्रीलिङ्ग माता, भगिनी, गौः स्त्री अथवा मादा-प्राणी
नपुंसकलिङ्ग शिशु लिंग अस्पष्ट या दोनों के लिए समान प्रयोग

२.२ अंत्याक्षर आधारित निर्धारण (Ending-Based Gender Determination — Main Rule)

शब्द के अंतिम अक्षर/ध्वनि पर आधारित लिङ्ग निर्धारण संस्कृत में सबसे सामान्य पद्धति है।

अंत्य अक्षर सामान्य लिङ्ग पुंल्लिङ्ग उदाहरण स्त्रीलिङ्ग उदाहरण नपुंसकलिङ्ग उदाहरण
अ (अकारान्त) पुं. / नपुं. रामः फलम्
आ (आकारान्त) स्त्री. लता
इ (इकारान्त) तीनों हरिः मतिः वारि
ई (ईकारान्त) स्त्री. नदी
ऋ (ऋकारान्त) तीनों पितृ मातृ कर्तृ

३. लिङ्ग की अपवाद-परंपराएँ (Exceptions and Irregular Genders)

शब्द अर्थ लिङ्ग कारण / टिप्पणी
कलत्रम् पत्नी नपुंसकलिङ्ग व्युत्पत्ति-विशेष
दारः पत्नी पुंल्लिङ्ग (बहुवचन) यह केवल बहुवचन रूप में आता है
वनम् जंगल नपुंसकलिङ्ग अकारान्त-नपुंसक
लोकः संसार पुंल्लिङ्ग अकारान्त-पुल्लिङ्ग

४. एकाधिक लिङ्ग वाले शब्द (Words with Multiple Genders)

कुछ शब्द अर्थानुसार लिङ्ग बदलते हैं:

(१) तट / तटी / तटम्

अर्थ लिङ्ग रूप
नदी का किनारा पुं तटः
वही अर्थ नपुं तटम्
स्त्रीलिंग रूप स्त्री तटी

(२) मित्र

अर्थ लिङ्ग रूप
दोस्त (friend) नपुं मित्रम्
सूर्य-देव पुं मित्रः

५. एक ही अंत्याक्षर, तीन लिङ्ग—उदाहरण तुलना

श्रेणी शब्द प्रथमा एकवचन लिङ्ग का संकेत
पुंल्लिङ्ग शिष्य शिष्यः विसर्गः (ः)
स्त्रीलिङ्ग गंगा गंगा आकारान्त स्त्रीलिङ्ग
नपुंसकलिङ्ग धन धनम् अन्त में “म्”

६. लिङ्ग निर्धारण क्यों आवश्यक?

क्योंकि —
✔ वचन (Number)
✔ विभक्ति (Case)
✔ प्रत्यय (Suffix)
✔ समास-विग्रह
✔ क्रिया के साथ सामंजस्य

सब कुछ शब्द के लिङ्ग पर आधारित होता है।


📚 99 संस्कृत शब्द — एक ही सारणी में (Master Table)

क्रम शब्द अर्थ लिङ्ग अंत्याक्षर
1 रामः राम पुं
2 बालकः लड़का पुं
3 देवः देवता पुं
4 सूर्यः सूर्य पुं
5 वृक्षः पेड़ पुं
6 चन्द्रः चन्द्रमा पुं
7 नरः मनुष्य पुं
8 गजः हाथी पुं
9 अश्वः घोड़ा पुं
10 शिष्यः शिष्य पुं
11 लोकः संसार पुं
12 हरिः हरि/विष्णु पुं
13 मुनिः ऋषि पुं
14 कविः कवि पुं
15 गिरिः पर्वत पुं
16 कपिः वानर पुं
17 पतिः पति पुं
18 साधुः साधु पुं
19 गुरुः गुरु पुं
20 भानुः सूर्य पुं
21 शत्रुः शत्रु पुं
22 वायुः वायु पुं
23 पितृ पिता पुं
24 भ्रातृ भाई पुं
25 कर्तृ कर्ता पुं
26 राजन् राजा पुं हल्
27 आत्मन् आत्मा पुं हल्
28 भगवत् भगवान पुं हल्
29 विद्वस् विद्वान पुं हल्
30 पथिन् मार्ग पुं हल्
31 गुणिन् गुणवान पुं हल्
32 चन्द्रमस् चन्द्र पुं हल्
33 वाणिज् व्यापारी पुं हल्
34 लता बेल स्त्री
35 रमा लक्ष्मी स्त्री
36 कन्या लड़की स्त्री
37 बाला बालिका स्त्री
38 सभा सभा स्त्री
39 शिक्षा शिक्षा स्त्री
40 भाषा भाषा स्त्री
41 सेना सेना स्त्री
42 पूजा पूजा स्त्री
43 कला कला स्त्री
44 मतिः बुद्धि स्त्री
45 शक्तिः शक्ति स्त्री
46 गतिः गति स्त्री
47 प्रीतिः प्रेम स्त्री
48 रात्रिः रात स्त्री
49 नदी नदी स्त्री
50 जननी माता स्त्री
51 देवी देवी स्त्री
52 लेखनी कलम स्त्री
53 नगरी नगर स्त्री
54 पत्नी पत्नी स्त्री
55 वापी बावड़ी स्त्री
56 धेनुः गाय स्त्री
57 रज्जुः रस्सी स्त्री
58 चमूः सेना स्त्री
59 मातृ माता स्त्री
60 दुहितृ पुत्री स्त्री
61 वाच् वाणी स्त्री हल्
62 सरित् नदी स्त्री हल्
63 दिक् दिशा स्त्री हल्
64 अप् जल स्त्री हल्
65 अशिष् आशा स्त्री हल्
66 विद्युत् बिजली स्त्री हल्
67 फलम् फल नपुं
68 गृहम् घर नपुं
69 पुस्तकम् पुस्तक नपुं
70 जलम् जल नपुं
71 ज्ञानम् ज्ञान नपुं
72 धनम् धन नपुं
73 मुखम् मुख नपुं
74 नेत्रम् आँख नपुं
75 वनम् वन नपुं
76 वस्त्रम् वस्त्र नपुं
77 कमलम् कमल नपुं
78 वारि पानी नपुं
79 अस्थि हड्डी नपुं
80 दधि दही नपुं
81 अक्षि आँख नपुं
82 शक्ति शक्ति (गणित) नपुं
83 शुचि पवित्रता नपुं
84 मधु मधु/शहद नपुं
85 वस्तु वस्तु नपुं
86 जानु घुटना नपुं
87 अश्रु आँसू नपुं
88 दातृ दाता नपुं
89 जगत् संसार नपुं हल्
90 नामन् नाम नपुं हल्
91 कर्मन् कर्म नपुं हल्
92 तेजस् तेज नपुं हल्
93 मनस् मन नपुं हल्
94 वपुस् शरीर नपुं हल्
95 आयुस् आयु नपुं हल्
96 हविस् आहुति नपुं हल्
97 पयस् दूध नपुं हल्
98 धनुष् धनुष नपुं हल्
99 शिरस् सिर नपुं हल्

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