1.4 प्रत्यक्षवाद बनाम उत्तर-प्रत्यक्षवाद
(Positivism vs. Post-Positivism)
प्रस्तावना: शोध कैसे किया जाए? और 'सत्य' (Truth) क्या है? इसे देखने के दो नजरिए हैं। पुराने वैज्ञानिक नजरिए को 'प्रत्यक्षवाद' कहते हैं, और आधुनिक (सुधरे हुए) वैज्ञानिक नजरिए को 'उत्तर-प्रत्यक्षवाद' कहते हैं।
1. प्रत्यक्षवाद (Positivism)
जनक: ऑगस्ट कॉम्टे (Auguste Comte)
मान्यता: "विज्ञान ही भगवान है।"
यह मानता है कि दुनिया में एक ही पूर्ण सत्य (Absolute Truth) है जिसे केवल विज्ञान और गणित (आंकड़ों) के द्वारा नापा जा सकता है। भावनाओं का इसमें कोई स्थान नहीं है।
Quantitative
Scientific
Objective
2. उत्तर-प्रत्यक्षवाद (Post-Positivism)
संबंधित: कार्ल पॉपर (Karl Popper)
मान्यता: "विज्ञान श्रेष्ठ है, पर पूर्ण नहीं।"
यह मानता है कि सत्य तो है, लेकिन हम इंसान गलतियाँ कर सकते हैं। इसलिए हम सत्य को पूरी तरह नहीं, बल्कि संभावित रूप (Probability) से जान सकते हैं।
Mixed Method
Critical
Contextual
सरल उदाहरण (Analogy):
- प्रत्यक्षवाद (कैमरा): जो सामने है, उसकी फोटो खींच ली। जैसा दिखा, वैसा ही सच है (100% सही)।
- उत्तर-प्रत्यक्षवाद (चित्रकार): चित्रकार भी वही दृश्य बनाता है, लेकिन वह जानता है कि उसकी पेंटिंग में उसकी अपनी 'दृष्टि' और 'प्रकाश' का असर हो सकता है। यह सच के करीब है, पर पूर्ण सच नहीं।
A. मुख्य अंतर (Key Differences)
शोध की भाषा में इन दोनों के बीच के तकनीकी अंतर को समझना बहुत जरूरी है:
| आधार (Basis) | प्रत्यक्षवाद (Positivism) | उत्तर-प्रत्यक्षवाद (Post-Positivism) |
|---|---|---|
| यथार्थ की प्रकृति (Ontology) |
Naive Realism: "सत्य केवल एक है और वह बाहरी दुनिया में मौजूद है।" (Absolute Reality) | Critical Realism: "सत्य है, पर हम उसे अपनी सीमाओं के कारण पूरी तरह नहीं जान सकते।" (Probable Reality) |
| शोधकर्ता की भूमिका (Epistemology) |
Objectivist: शोधकर्ता और शोध अलग-अलग हैं। शोधकर्ता की भावनाओं का असर नहीं पड़ता। | Modified Objectivist: शोधकर्ता निष्पक्ष रहने की कोशिश करता है, पर जानता है कि उसका 'बैकग्राउंड' असर डाल सकता है। |
| विधि (Methodology) |
मात्रात्मक (Quantitative) | मिश्रित (Mixed Methods) - (मात्रात्मक + गुणात्मक) |
| उद्देश्य (Goal) |
भविष्यवाणी करना और नियम बनाना (To Predict). | समझना और व्याख्या करना (To Understand). |
| दृष्टिकोण | कठोर वैज्ञानिक (Rigid Scientific) | लचीला वैज्ञानिक (Flexible Scientific) |
याद रखने का सूत्र:
19वीं सदी तक वैज्ञानिकों को लगता था कि विज्ञान सब कुछ हल कर देगा (प्रत्यक्षवाद)।
20वीं सदी में (क्वांटम फिजिक्स आदि के बाद) उन्हें लगा कि विज्ञान भी गलत हो सकता है, इसलिए थोड़ी विनम्रता (Humility) होनी चाहिए (उत्तर-प्रत्यक्षवाद)।
19वीं सदी तक वैज्ञानिकों को लगता था कि विज्ञान सब कुछ हल कर देगा (प्रत्यक्षवाद)।
20वीं सदी में (क्वांटम फिजिक्स आदि के बाद) उन्हें लगा कि विज्ञान भी गलत हो सकता है, इसलिए थोड़ी विनम्रता (Humility) होनी चाहिए (उत्तर-प्रत्यक्षवाद)।
