मन में बसा के तेरी मूर्ति, माँ दुर्गा जी की आरती

Sooraj Krishna Shastri
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Maa durga Arti
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मन में बसा के तेरी मूर्ति, 

उतारूं में दुर्गे तेरी आरती 

करुणा करो कष्ट हरो, ज्ञान दो मैया 

भव में फंसी नाव मेरी तार दो मैया 

दर्द की दवा तुम्हरे, पास है। 

जिन्दगी दया की है भीख मांगती।। 

मन में बसा के तेरी मूर्ति, 

उतारू मैं दुर्गे तेरी आरती 

माँगू तुझसे, क्या मैं करूँ क्या में समर्पण 

जिन्दगी जब तेरे न नाम, कर दी अर्पण  

सब कुछ तेरा, कुछ नहीं मेरा, 

चिन्ता है मैया तुम्हें संसार की 

मन में बसा के तेरी मूर्ति, 

उतारूं मैं दुर्गे तेरी आरती।। 

वेद तेरी महिमा गायें सन्त करे ध्यान 

नारद गुण गान करे छेडो वीणा तान 

भक्त तेरे द्वार करते हैं पुकार

सारे भक्त गायें तेरी आरती 

मन में बसा के तेरी मूर्ति, 

उतारूं मैं दुर्गे तेरी आरती।। 

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