आरती बाँके बिहारी लाल आपकी आरती ।
यशुदा के तुम प्राण पियारे,
मेरे भी बन जाओ सहारे ।
तेरे नाम की नौका है प्यारे
भव सागर से उबारती ॥ आरती ॥
जगभग-2 ज्योति जली है,
आरति करने देव चले हैं।
आरति करते मन निर्मल हो,
पाप के भार उतारती ॥ आरती ॥
गोवर्धन अंगुली पर धारे,
लाखों ऋषि मुनियों को तारे।
भक्त सभी आरती उतारे
सबके भाग्य संवारती ॥आरती॥
जो कोई श्याम जी की आरति गावे
मुंह मांगी वो मुरादें पावे
मैं भी आया शरण आपकी
परमानन्द की प्राप्ती ॥आरती॥
शिव गंगाधर त्रिशूलधारी,
हे शिव शंकर हे त्रिपुरारी।
गले में सर्प हाथ में डमरु
संग विराजे माता पार्वती ॥आरती ॥
भोलेनाथ सरकार आपकी भारती ॥
विंध्यवासिनी मातु आपकी आरती ॥
जय-3 गुरुदेव आपकी आरती ॥
जय अंजनि के लाल आपकी आरती॥
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