Chehre Pe Chehra Wahi Dussehra | चेहरे पे चेहरा वही दशहरा कविता – आधुनिक व्यंग्य और संदेश
✍️ Chehre Pe Chehra Wahi Dussehra | चेहरे पे चेहरा वही दशहरा कविता – आधुनिक व्यंग्य और संदेश 1. विषयवस्तु (Theme) कवित…
✍️ Chehre Pe Chehra Wahi Dussehra | चेहरे पे चेहरा वही दशहरा कविता – आधुनिक व्यंग्य और संदेश 1. विषयवस्तु (Theme) कवित…
आध्यात्मिक दोहे: नारायण दास जी के उपदेश भावार्थ सहित | Adhyatmik Dohe with Meaning in Hindi आध्यात्मिक दोहे (Adhyatmik …
शिक्षा में बाज़ारवाद और मूल्य शिक्षा | Education, Marketization & Moral Values शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आत्मा है, …
मनवा वैरागी बन देख रे – वैराग्य और माया पर जीवन दर्शन | Manwa Vairagi Poetry "मनवा वैरागी बन देख रे" – डॉ. नि…
कायरता, सत्ता और समाज का सच | Nehru Gandhi Par Kavita – मेरा हिन्दुस्तान कहाँ है? "इस लेख में कायरता और सत्ता के स…
पथरीली गीली आँखों में भावों की सरयू लहराई जब शबरी की पर्णकुटी में अवधी में बोले रघुराई हमका भूख लगी है माई ! छोटा सा…
हिन्दी कविता: इंसान से इंसानियत के चिह्न सारे मिट गए इंसान से इंसानियत के चिह्न सारे मिट गए, आत्मा तो मर गई बस खोल ढोते…
#श्रीकृष्णजन्माष्टमी Krishna Janmashtmi Special| Happy Krishna Janmashtmi| Krishna Janmashtmi par Sundar Rachna काल …
कविता "नए अछूत" और उसका विश्लेषण यह शीर्षक ही स्वयं में एक तीव्र सामाजिक पीड़ा और विरोधाभास को उद्घाटित करत…
'आज फिर अमृत कलश से' ---------------------------------- आज फिर अमृत कलश से बूँद छलकी है धरा पर, आज फिर …
मानवता के अभि'राम' मेरा आपसे प्रश्न है क्या आपको पता है क्या आप जानते हो आ'राम' और वि'राम' …
हिन्दी कविता: अब भी कोई गीत बचा क्या प्रियवर तुम्हें सुनाने को। हिन्दी कविता: अब भी कोई गीत बचा क्या प्रियवर तुम्हें सु…
कविता: अपने मन की किससे कह दूँ? अपने मन की किससे कह दूँ? अपने मन की किससे कह दूँ? मन को हल्का कैसे कर दूँ? अपने जो …
मानवता के क्षय पर एक गंभीर प्रश्न: सभ्यता और प्रगति की सच्ची परिभाषा मानवता के क्षय पर एक गंभीर प्रश्न: सभ्यता और प्र…
International women's day 2025: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर खास शायरी और गीत International women's day 2025:…
नूतन वर्षाभिनन्दन 2025 नूतन वर्षाभिनन्दन 2025 कविता कभी तरसते हैं कभी बरसते हैं बहुत सुंदर और भावपूर्ण रचना है! यह…