श्रीमद्देवीभागवत के नवम स्कंद के अनुसार, आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
मुक्तां शुक्तिं हरेरर्चां शिवलिंग शिवां तथा।
शंख प्रदीपं यंत्र च माणिक्यं हीरकं तथा।। 39 ।।
यज्ञसूत्रं च पुष्पं च पुस्तकं तुलसीदलम्।
जपमालां पुष्पमालां कर्पूरं च सुवर्णकम्।। 40 ।।
गोरोचनं चन्दनं च शालग्रामजलं तथा।
एतान्वोढुमशक्ताहं क्लिष्टा च भगवछ्णु।। 49 ।।
द्रव्याण्येतानि ये मूढा अर्पयिष्यन्ति सुंदरि।
यास्यन्ति कालसूत्रं ते दिव्यं वर्षशतं त्वयि।। 42 ।।
अर्थात् - मोती, सीप, शालिग्राम शिला, शिवलिंग, शंख, दीप, यंत्र, माणिक्य, हीरा, यज्ञोपवित, पुष्प, पुस्तक, तुलसीदल, जपमाला, पुष्पमाला, कपूर, सोना, गोरोचन, चंदन और शालिग्राम का जल । इन चीजों को जमीन पर रखने से कालसूत्र नामक के नरक में निवास करना पड़ता है।