महाकुम्भ 2025 प्रयागराज: प्रसिद्ध गीत और भजन लीरिक्स के साथ

Sooraj Krishna Shastri
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महाकुम्भ 2025 प्रयागराज: प्रसिद्ध गीत और भजन लीरिक्स के साथ
Mahakumbh 2025 sadhu baba with damru


महाकुम्भ है, भजन महाकुम्भ 2025

महाकुम्भ 2025 प्रयागराज के प्रसिद्ध गीत और भजन

 महाकुंभ 2025 के अवसर पर प्रयागराज में कई भक्ति गीत और भजन प्रस्तुत किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं के बीच विशेष लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं। यहाँ कुछ प्रमुख गीतों की सूची प्रस्तुत है:

1. महाकुम्भ है 

 यह प्रसिद्ध भजन महाकुम्भ 2025 के पर्व पर श्री कैलाश खेर जी द्वारा विशेष रूप से गाया गया है जो अत्यन्त लोकप्रिय और प्रसिद्ध हो रहा है। देखें👉महाकुम्भ है

2. जय महाकुंभ 

 यह गीत पवित्र प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के भव्य आयोजन को समर्पित है, जिसमें भारतीय संस्कृति, आस्था, और परंपरा की झलक मिलती है।

3. लगता है कुंभ का मेला साधू संतो का रेला 

यह नॉनस्टॉप महाकुंभ गीत श्रद्धालुओं के बीच बेहद लोकप्रिय है, जिसमें कुंभ मेले की भव्यता और साधु-संतों की उपस्थिति का वर्णन है।

4. प्रयागराज में महाकुंभ चलो

इस भजन में भक्तों को महाकुंभ में शामिल होने और भगवान शिव की भक्ति में लीन होने का आह्वान किया गया है।

5. प्रयागराज महिमा (कुम्भ विशेष)

 सुनील सरगम द्वारा प्रस्तुत यह गीत प्रयागराज की पौराणिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक गौरव गाथा का संक्षिप्त वर्णन करता है।

6. महाकुंभ मेला गीत

 यह गीत महाकुंभ 2025 के अवसर पर प्रस्तुत किया गया है, जो श्रद्धालुओं को भक्ति और आस्था से भर देता है।

इन गीतों के माध्यम से महाकुंभ की भव्यता, श्रद्धा, और भारतीय संस्कृति की समृद्धि का अनुभव किया जा सकता है।

महाकुम्भ 2025 के प्रसिद्ध कुछ नये गीतों का लीरिक्स

अब प्रस्तुत हैं कुछ गीतों की लीरिक्स जिसे गाकर आप प्रसिद्ध हो सकते हैं और महाकुम्भ 2025 का आनन्द उठा सकते हैं -

1. महाकुंभ का स्वागत करें

महाकुंभ का स्वागत करें,
प्रयागराज की धरती सजे।
गंगा-यमुना का ये संगम,
भक्ति का पर्व जहाँ हर क्षण।
संतों की टोली आए यहाँ,
आस्था का दीप जलाए यहाँ।
शिव के चरणों में झुकते सिर,
हर मन में उठे भक्ति का नीर।
प्रयागराज में मेला अनोखा,
हर भक्त को लगता है पावन झरोखा।
चलो संगम नगरी के तट,
जहाँ हरि और शिव का वास।


2. संगम की ओर चलो

संगम की ओर चलो रे,
जहाँ गंगा-यमुना की लहरें।
महाकुंभ का ये पर्व अनोखा,
हर मन को लगे एक झरोखा।
संतों के चरणों का वंदन करो,
हरि और शिव का कीर्तन करो।
पवित्रता की ये धारा बहे,
हर ओर भक्ति की गूंज रहे।
महाकुंभ 2025 का ये अवसर,
हर भक्त को लगता है अमृतसर।
चलो संगम की ओर,
जहाँ हरि और शिव का नाद।


3. गंगा तट पर आओ रे

गंगा तट पर आओ रे,
जहाँ भक्तों का संगम हो।
हरि की भक्ति में डूबें हम,
आस्था का दीप जले हरदम।
शिव की महिमा गाएं यहाँ,
हर मन में भक्ति सजाएं यहाँ।
महाकुंभ का ये पर्व महान,
हर भक्त के लिए वरदान।
प्रयागराज में भक्ति का संगम,
आओ मिलकर करें जीवन धन्य।
गंगा तट पर आओ रे,
जहाँ शिव का आश्रय हो।


4. नागा साधु की जय

नागा साधु की जय बोलो,
शिव के भक्तों का सम्मान करो।
भस्म से सजे हैं ये संत,
हर ओर गूंजे इनका नाम।
महाकुंभ में इनका आना,
भक्ति में चार चाँद लगाना।
साधु-संतों का मेला सजा,
हर मन शिवमय बना।
महाकाल का जयघोष करो,
हरि के नाम का ध्यान करो।
चलो संगम नगरी के द्वार,
जहाँ शिव का प्रकाश अपार।


5. प्रयागराज में कुंभ सजा

प्रयागराज में कुंभ सजा,
हर भक्त का सपना सजा।
गंगा-यमुना का ये संगम,
भक्ति का पर्व जहाँ हर क्षण।
संतों के गीत गूंजें हर ओर,
शिव की महिमा हो हर छोर।
प्रयागराज की ये पावन भूमि,
हर भक्त के लिए अद्भुत निधि।
महाकुंभ 2025 की ये बेला,
हर ओर लगे भक्ति का मेला।
आओ सब मिलकर करें नमन,
जहाँ शिव और हरि का संगम।


6. शिव की आरती गाएं

शिव की आरती गाएं रे,
हर मन में भक्ति लाएं रे।
महाकुंभ का ये पर्व अनोखा,
हर दिशा में लगे भक्ति का शोखा।
संतों की साधना है अद्भुत,
हर ओर से गूंजे हरि के शब्द।
गंगा का जल पावन है,
हर मन को ये जीवन दे।
शिव की आरती के संग चलो,
महाकुंभ की महिमा गाओ।
2025 का पर्व है महान,
हर ओर से करें इसका सम्मान।


7. साधुओं का स्वागत करें

साधुओं का स्वागत करें,
महाकुंभ की महिमा बढ़ाएं।
प्रयागराज की पावन भूमि,
जहाँ हरि का नाम सुहाए।
नागा बाबा का स्नान अनोखा,
हर भक्त को लगे एक झरोखा।
आस्था की ये धारा बहे,
हर ओर भक्ति की गूंज रहे।
महाकुंभ 2025 का पर्व अमूल्य,
हर भक्त के लिए अद्भुत स्मरणीय।
साधुओं का स्वागत करें,
महाकुंभ की महिमा बढ़ाएं।


8. गंगा मैया की जय

गंगा मैया की जय बोलो,
हर पाप से मुक्ति लो।
महाकुंभ का पर्व अद्भुत है,
भक्ति की गंगा हर ओर है।
संतों के चरणों में करें वंदन,
हर मन में उठे भक्ति का जतन।
गंगा के जल में है शक्ति,
जो दूर करे हर दुःख की भक्ति।
महाकुंभ का ये पर्व महान,
हर भक्त के लिए अद्भुत वरदान।
गंगा मैया की जय बोलो,
हर पाप से मुक्ति लो।


यह गीत महाकुंभ 2025 की भव्यता और उसकी आध्यात्मिकता को व्यक्त करते हैं। आप इन्हें किसी भी आयोजन में गा सकते हैं। महाकुम्भ 2025 प्रयागराज के प्रसिद्ध गीत और भजन लीरिक्स के साथ यहाँ प्रस्तुत किये गये।

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