शोध पद्धतियाँ: प्रयोगात्मक, विवरणात्मक, ऐतिहासिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक

Sooraj Krishna Shastri
By -
0

 

शोध पद्धतियाँ: प्रयोगात्मक, विवरणात्मक, ऐतिहासिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक
शोध पद्धतियाँ: प्रयोगात्मक, विवरणात्मक, ऐतिहासिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक

शोध पद्धतियाँ: प्रयोगात्मक, विवरणात्मक, ऐतिहासिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक

शोध (Research) सत्य की खोज की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो किसी समस्या के समाधान, नए तथ्यों की खोज, या किसी परिकल्पना (Hypothesis) के परीक्षण के लिए अपनाई जाती है। शोध पद्धति (Research Methodology) उन विधियों, तकनीकों और प्रक्रियाओं का समूह होती है, जिनके माध्यम से शोध किया जाता है। शोध पद्धतियों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित पाँच प्रकार की पद्धतियाँ प्रमुख हैं:


1. प्रयोगात्मक शोध पद्धति (Experimental Research Method)

अर्थ:
प्रयोगात्मक शोध वह विधि है जिसमें शोधकर्ता एक या अधिक स्वतंत्र चर (Independent Variables) को नियंत्रित कर उनके आश्रित चर (Dependent Variables) पर प्रभावों का अध्ययन करता है।

विशेषताएँ:

  • कारण-प्रभाव संबंध (Cause-Effect Relationship) की जाँच करता है।
  • शोधकर्ता नियंत्रण (Control) रखता है और चर (Variables) को नियंत्रित करता है।
  • दो या अधिक समूहों की तुलना की जाती है।
  • प्रयोगशाला (Laboratory Experiment) या क्षेत्र (Field Experiment) में किया जा सकता है।
  • पूर्व-परीक्षण (Pre-Test) और पश्च-परीक्षण (Post-Test) का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • किसी नई दवा के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक समूह को दवा दी जाती है और दूसरे को प्लेसीबो (Placebo)।
  • किसी विशेष शिक्षण पद्धति के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए छात्रों के दो समूहों पर प्रयोग।

प्रकार:

  1. नियंत्रित प्रयोग (Controlled Experiment): शोधकर्ता सभी कारकों को नियंत्रित करता है और केवल एक स्वतंत्र चर में परिवर्तन करता है।
  2. अर्द्ध-नियंत्रित प्रयोग (Quasi-Experimental): पूर्ण नियंत्रण संभव नहीं होता, लेकिन कुछ कारकों को नियंत्रित किया जाता है।
  3. प्राकृतिक प्रयोग (Natural Experiment): शोधकर्ता बाहरी परिस्थितियों को नियंत्रित नहीं कर सकता।

2. विवरणात्मक शोध पद्धति (Descriptive Research Method)

अर्थ:
विवरणात्मक शोध पद्धति किसी घटना, प्रक्रिया, व्यक्ति या समूह का गहराई से अध्ययन करती है और उसके बारे में व्यवस्थित जानकारी एकत्र करती है।

विशेषताएँ:

  • कोई परिकल्पना (Hypothesis) परीक्षण आवश्यक नहीं।
  • मात्रात्मक (Quantitative) और गुणात्मक (Qualitative) डेटा का प्रयोग किया जाता है।
  • प्रत्यक्ष अवलोकन (Observation), सर्वेक्षण (Survey), केस स्टडी (Case Study) आदि का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • भारत में शिक्षकों की कार्यशैली का अध्ययन।
  • किसी शहर में प्रदूषण स्तर की जानकारी एकत्र करना।
  • किसी उत्पाद की ग्राहक संतुष्टि पर अध्ययन।

प्रकार:

  1. सर्वेक्षण विधि (Survey Method): प्रश्नावली (Questionnaire), साक्षात्कार (Interview) द्वारा जानकारी एकत्र करना।
  2. अवलोकन विधि (Observation Method): शोधकर्ता स्वयं घटना का निरीक्षण करता है।
  3. केस स्टडी (Case Study): किसी विशेष व्यक्ति, समूह, संस्था या घटना का गहन अध्ययन।

3. ऐतिहासिक शोध पद्धति (Historical Research Method)

अर्थ:
ऐतिहासिक शोध पद्धति में अतीत की घटनाओं, दस्तावेजों, अभिलेखों और स्रोतों का अध्ययन किया जाता है ताकि वर्तमान और भविष्य को बेहतर समझा जा सके।

विशेषताएँ:

  • अतीत से संबंधित तथ्यों की खोज और व्याख्या।
  • प्राथमिक (Primary) और द्वितीयक (Secondary) स्रोतों का उपयोग।
  • घटनाओं की कालानुक्रमिक (Chronological) व्यवस्था।

उदाहरण:

  • वैदिक काल की शिक्षा प्रणाली का अध्ययन।
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कारणों और प्रभावों का विश्लेषण।
  • किसी ऐतिहासिक व्यक्तित्व के जीवन और योगदान का अध्ययन।

प्रकार:

  1. सिंथेटिक अध्ययन (Synthetic Study): विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकट्ठी कर निष्कर्ष निकाला जाता है।
  2. विश्लेषणात्मक अध्ययन (Analytical Study): किसी घटना या व्यक्ति की आलोचनात्मक व्याख्या।
  3. परंपरागत अध्ययन (Traditional Study): ऐतिहासिक ग्रंथों और लोक कथाओं पर आधारित अध्ययन।

4. गुणात्मक शोध पद्धति (Qualitative Research Method)

अर्थ:
गुणात्मक शोध में डेटा को संख्याओं में प्रस्तुत करने के बजाय उसके गुणों, विशेषताओं और अर्थों पर ध्यान दिया जाता है।

विशेषताएँ:

  • व्यक्ति, समाज और संस्कृति की गहरी समझ।
  • व्याख्यात्मक (Interpretative) और खोजपरक (Exploratory) होती है।
  • ग्राउंडेड थ्योरी (Grounded Theory), केस स्टडी, जातीय अध्ययन (Ethnographic Study) आदि का उपयोग।

उदाहरण:

  • विद्यार्थियों की सीखने की प्रवृत्तियों का अध्ययन।
  • किसी विशेष समुदाय की सांस्कृतिक परंपराओं का विश्लेषण।
  • किसी सामाजिक समस्या (जैसे बाल विवाह) की धारणा का अध्ययन।

प्रकार:

  1. नृवंशविज्ञान (Ethnographic Research): किसी समाज या संस्कृति का गहन अध्ययन।
  2. आख्यानात्मक शोध (Narrative Research): जीवन कहानियों और अनुभवों का अध्ययन।
  3. संग्रहीत शोध (Grounded Research): क्षेत्रीय अध्ययन द्वारा नए सिद्धांत विकसित करना।

5. मात्रात्मक शोध पद्धति (Quantitative Research Method)

अर्थ:
मात्रात्मक शोध में डेटा को संख्यात्मक रूप में एकत्र किया जाता है और सांख्यिकीय (Statistical) तकनीकों का उपयोग कर निष्कर्ष निकाले जाते हैं।

विशेषताएँ:

  • डेटा का संग्रह और विश्लेषण संख्याओं के रूप में।
  • सांख्यिकीय विधियों (Statistical Methods) का प्रयोग।
  • पूर्व-निर्धारित परिकल्पना का परीक्षण।

उदाहरण:

  • किसी परीक्षा में विद्यार्थियों के अंकों का सांख्यिकीय विश्लेषण।
  • किसी उत्पाद की बिक्री का वार्षिक आँकड़ा अध्ययन।
  • किसी शहर की जनसंख्या वृद्धि दर का विश्लेषण।

प्रकार:

  1. वर्णनात्मक सांख्यिकी (Descriptive Statistics): डेटा का सारांश प्रस्तुत करना।
  2. अनुमानात्मक सांख्यिकी (Inferential Statistics): डेटा से निष्कर्ष निकालना।
  3. प्रयोगात्मक मात्रात्मक शोध (Experimental Quantitative Research): प्रयोगों में संख्यात्मक डेटा का उपयोग।

निष्कर्ष

शोध पद्धतियों का चयन शोध के उद्देश्य, विषय और आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है। कई बार एक से अधिक पद्धतियों का मिश्रण (Mixed Methods) भी किया जाता है। प्रयोगात्मक शोध विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में उपयोगी होता है, जबकि ऐतिहासिक शोध इतिहासकारों के लिए उपयोगी होता है। मात्रात्मक शोध संख्यात्मक डेटा पर आधारित होता है, जबकि गुणात्मक शोध किसी विषय की गहरी समझ प्रदान करता है। विवरणात्मक शोध किसी समस्या या घटना का संपूर्ण विवरण देता है।

आप किस प्रकार के शोध में रुचि रखते हैं?

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!