यह प्रेरणादायक कथा मित्रता की सच्ची परिभाषा को अत्यंत हृदयस्पर्शी ढंग से प्रस्तुत करती है। नीचे इसे व्यवस्थित, प्रभावशाली और प्रवचन शैली में प्रस्तुत किया गया है:
🌿 !! मित्रता की परिभाषा !! 🌿
एक समय की बात है — एक युवक था, जिसे अपने असंख्य मित्रों पर बड़ा गर्व था। उसे लगता था कि उसके चारों ओर मित्रों का सागर है — हर कोई उसका अपना है, हर कोई उसके लिए कुछ भी करेगा।
वहीं दूसरी ओर, उसके पिता के पास केवल एक ही मित्र था — लेकिन वो मित्र परख का खरा था, हृदय से सच्चा था।
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मित्रता की परिभाषा ! |
एक दिन पिता ने बेटे से कहा:
"बेटा, तू अपने मित्रों पर बहुत भरोसा करता है, क्यों न आज उनकी मित्रता की परीक्षा ली जाए?"
बेटा आत्मविश्वास से भरकर बोला,
"ज़रूर पिताजी! मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे मित्र कभी मुझे निराश नहीं करेंगे।"
"माँ! कह दो, मैं घर पर नहीं हूँ!"
यह सुनते ही बेटे का गर्व चकनाचूर हो गया। वह सिर झुकाए, मन म्लान किए, पिता के साथ लौट आया।
तब पिता बोले,
"अब तुझे मैं अपने एक सच्चे मित्र से मिलवाता हूँ।"
वे दोनों उसी रात दो बजे पिता के मित्र के घर पहुंचे। पिता ने आवाज दी —
"मित्र, मैं हूँ...।"
अंदर से उत्तर आया,
"ठहरो मित्र! अभी दरवाजा खोलता हूँ।"
पिता चौंके —
"मित्र! यह क्या?"
मित्र बोला —
"अगर तुमने इस समय मेरा दरवाज़ा खटखटाया है, तो निश्चित ही कोई गंभीर समस्या है।यदि पैसे की ज़रूरत है — तो ये लो थैली।यदि किसी से झगड़ा है — तो यह तलवार लो, मैं तुम्हारे साथ हूँ!"
पिता की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने भावुक होकर कहा —
"मित्र, मुझे कुछ नहीं चाहिए। मैं तो अपने बेटे को मित्रता की परिभाषा सिखा रहा था।"
🌸 शिक्षा 🌸
"मित्रों की भीड़ मत बनाओ,एक सच्चा मित्र हो तो जीवन सफल हो जाए।"
मित्र वो नहीं जो सुख में तुम्हारे साथ खड़ा हो,मित्र वो है जो संकट की रात में तलवार लेकर तैयार हो जाए।