Pooja Archana me Varjit Karya | पूजा-अर्चना में वर्जित कार्य और शास्त्रीय निषेध

Sooraj Krishna Shastri
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Pooja Archana me Varjit Karya | पूजा-अर्चना में वर्जित कार्य और शास्त्रीय निषेध

"जानिए पूजा-अर्चना में वर्जित कार्य (Do’s and Don’ts in Pooja) शास्त्रों के अनुसार। मंदिर और घर में देवपूजा करते समय किन-किन वस्तुओं और आचरणों से बचना चाहिए।"

यह बहुत सुन्दर और उपयोगी विषय है । पूजा-अर्चना में वर्जित आचरण (Do’s & Don’ts in Pooja) व्यवस्थित, क्रमबद्ध एवं विस्तार से प्रस्तुत कर रहा हूँ—


📜 पूजा-अर्चना में वर्जित कार्य (Pooja Archana me Varjit Karya)

हिन्दू धर्मशास्त्रों में पूजा-अर्चना को अत्यन्त पवित्र माना गया है। देवपूजन करते समय कुछ आचार-विचार और नियम वर्जित माने गए हैं। इन्हें भूलवश करने से पूजा का फल अधूरा रह जाता है और पाप की संभावना भी बन जाती है।


🌸 देवताओं को अर्पण से जुड़े वर्जनाएँ

  1. गणेश जी को तुलसी पत्र अर्पित न करें।
  2. देवी (माँ दुर्गा) पर दुर्वा (घास) न चढ़ाएँ।
  3. शिवलिंग पर केतकी का फूल न चढ़ाएँ।
  4. विष्णु भगवान के तिलक में अक्षत (चावल) न लगाएँ।
  5. तुलसी का पत्र कभी चबाकर न खाएँ, केवल पूजा में ही प्रयोग करें।
  6. तुलसी के पास शिवलिंग न रखें।
  7. देवताओं को लोभान (एक प्रकार की धूप) न दिखाएँ।
  8. स्त्री हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श न करे।

🪔 मंदिर / पूजा-घर से जुड़े वर्जनाएँ

  1. घर या मंदिर में दो शंख समान न रखें।
  2. घर में तीन गणेश मूर्तियाँ न रखें।
  3. घर के मंदिर में अंगूठे से बड़ा शिवलिंग न रखें।
  4. मंदिर से लौटते समय पुनः घंटा न बजाएँ।
  5. शिव जी की पूरी परिक्रमा न करें (सिर्फ अर्ध परिक्रमा करें)।
  6. शिवलिंग से बहते जल को लांघें नहीं।
  7. मंदिर परिसर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  8. मंदिर में दर्शन करते समय खुले नेत्रों से ध्यानपूर्वक भगवान का स्वरूप देखें और कम-से-कम दो मिनट शांति से बैठें।
  9. मंदिर परिसर में शराबी का प्रवेश वर्जित है।
  10. मंदिर में जाने के लिए शुद्ध वस्त्र (जैसे धोती-कुर्ता) पहनें।
  11. मंदिर यदि निकट हो तो जूते-चप्पल छोड़कर पैदल जाएँ।
Pooja Archana me Varjit Karya | पूजा-अर्चना में वर्जित कार्य और शास्त्रीय निषेध
Pooja Archana me Varjit Karya | पूजा-अर्चना में वर्जित कार्य और शास्त्रीय निषेध



🙏 प्रणाम / आरती / चरणामृत से जुड़े वर्जनाएँ

  1. एक हाथ से आरती न लें।
  2. एक हाथ से प्रणाम न करें।
  3. स्त्री को दण्डवत प्रणाम करना वर्जित है।
  4. आरती या दीपक स्पर्श करने के बाद हाथ धोना आवश्यक है।
  5. दूसरे के दीपक से अपना दीपक न जलाएँ।
  6. चरणामृत लेते समय दाएँ हाथ के नीचे नैपकिन रखें ताकि जल न गिरे।
  7. चरणामृत पीकर शिखा या सिर पर हाथ न पोंछें (शिखा में गायत्री का निवास होता है)। बल्कि चरणामृत आँखों पर लगाएँ।

👩 स्त्रियों से जुड़ी वर्जनाएँ

  1. गर्भवती स्त्री शिवलिंग का स्पर्श न करें।
  2. रजस्वला स्त्री मंदिर या पूजा-स्थान में प्रवेश न करें।
  3. स्त्री को मंदिर में नारियल फोड़ना वर्जित है।
  4. कुँवारी कन्याओं से पैर छुवाना पाप है।

🕉️ अन्य आचार-विचार वर्जनाएँ

  1. द्वार पर जूते-चप्पल उल्टे न रखें।
  2. ब्राह्मण को बिना आसन बैठाना अनुचित है।
  3. बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न न पूछें।
  4. मंदिर में प्रवेश करते समय दायाँ पैर और निकलते समय बायाँ पैर रखें।
  5. घंटी को बहुत जोर से न बजाएँ।
  6. मंदिर की पंक्ति (लाइन) में लगते समय भगवन्नाम का जप करते रहें।


📊 पूजा-अर्चना में वर्जित कार्य – सारणी

क्रम वर्जित कार्य कारण / परिणाम
1 गणेश जी को तुलसी पत्र न चढ़ाएँ शास्त्रविरुद्ध, फल नहीं मिलता
2 देवी पर दुर्वा न चढ़ाएँ अशुद्ध माना गया है
3 शिवलिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएँ केतकी को शिवपूजन में निषिद्ध माना गया है
4 विष्णु को तिलक में अक्षत न लगाएँ पूजा दोष उत्पन्न होता है
5 दो शंख एक समान पूजा-घर में न रखें अशुभ फलदायक
6 घर में तीन गणेश मूर्तियाँ न रखें विघ्न और अशांति
7 तुलसी पत्र चबाकर न खाएँ अपवित्र कर्म
8 द्वार पर उल्टे जूते-चप्पल न रखें दरिद्रता और अशांति
9 मंदिर से लौटते समय घंटा न बजाएँ पूजा-व्रत का प्रभाव कम होता है
10 एक हाथ से आरती न लें अपूर्ण पूजा का द्योतक
11 ब्राह्मण को बिना आसन न बैठाएँ अपमान और पाप
12 स्त्री को दण्डवत प्रणाम वर्जित है शास्त्रविरुद्ध
13 बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न न पूछें अशुभ फल
14 मंदिर में बड़ा शिवलिंग न रखें गृह दोष
15 तुलसी के पास शिवलिंग न रखें अशुद्ध संयोग
16 गर्भवती स्त्री शिवलिंग स्पर्श न करे अशुभ
17 स्त्री मंदिर में नारियल न फोड़े वर्जित
18 रजस्वला स्त्री मंदिर में न जाए अपवित्रता
19 सूतक में प्रतिमा स्पर्श न करें दोष
20 शिवजी की पूरी परिक्रमा न करें केवल अर्ध परिक्रमा करें
21 शिवलिंग से बहते जल को न लांघें पाप
22 एक हाथ से प्रणाम न करें अशुद्ध
23 दूसरे के दीपक से अपना दीपक न जलाएँ दोष
24 चरणामृत लेते समय नैपकिन न रखें तो अशुद्धि पवित्रता भंग
25 चरणामृत पीकर शिखा पर न पोछें गायत्री निवास अशुद्ध
26 देवताओं को लोभान धूप न करें वर्जित
27 स्त्री हनुमान जी को स्पर्श न करें वर्जित
28 कुँवारी कन्याओं से पैर न छुवाएँ पाप
29 मंदिर में अस्वच्छता न रखें पूजा निष्फल
30 पंक्ति में भगवन्नाम जप न करना लाभ घटता है
31 शराबी का मंदिर प्रवेश वर्जित है अशुद्धता
32 मंदिर में प्रवेश दाएँ पैर से और निकास बाएँ से करें शुभ
33 घंटी जोर से न बजाएँ अनुचित
34 मंदिर में धोती-कुर्ता पहनकर जाएँ शुद्धता
35 निकट मंदिर में पैदल जाएँ पुण्य
36 भगवान का दर्शन खुले नेत्रों से करें और बैठें लाभ
37 आरती/दीपक स्पर्श के बाद हाथ धोएँ शुद्धि

✅ निष्कर्ष

शास्त्रों में पूजा-अर्चना को केवल विधि ही नहीं, जीवन की शुद्धि और अनुशासन का मार्ग बताया गया है।
जो भी आचरण वर्जित बताए गए हैं, उनका पालन करने से पूजा शुद्ध, फलदायी और आध्यात्मिक उन्नति देने वाली होती है।

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