1.1 अनुसंधान: अर्थ, परिभाषा और प्रकृति (Research: Meaning, Definition & Nature)

Sooraj Krishna Shastri
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1.1 अनुसंधान: अर्थ, परिभाषा और प्रकृति
(Research: Meaning, Definition & Nature)

प्रस्तावना: सामान्य भाषा में 'अनुसंधान' का अर्थ जानकारी ढूँढना है, लेकिन अकादमिक जगत में इसका अर्थ बहुत गहरा है। यह केवल "क्या है?" (What) का उत्तर नहीं देता, बल्कि "क्यों है?" (Why) और "कैसे है?" (How) की भी व्याख्या करता है। यह अंधकार (अज्ञान) से प्रकाश (ज्ञान) की ओर ले जाने वाली एक वैज्ञानिक यात्रा है।

A. शाब्दिक अर्थ: भारतीय एवं पाश्चात्य दृष्टिकोण

शोध को गहराई से समझने के लिए हमें इसके भारतीय (संस्कृत) और पश्चिमी (अंग्रेजी) मूल को देखना होगा:

1. भारतीय दृष्टिकोण (Indian Perspective):

हिंदी में 'अनुसंधान' के अलावा भी शोध के लिए कई शब्द प्रचलित हैं, जो इसके गहरे अर्थ को बताते हैं:

  • गवेषणा (Gaveshana): इसका मूल अर्थ है 'गाय की खोज' (गौ + एषणा)। प्राचीन काल में गाय ही धन थी, और उसे खोजना जीवन-मरण का प्रश्न था। आज इसका अर्थ है— "सत्य की ऐसी खोज जो अत्यंत अनिवार्य हो।"
  • अन्वेषण (Anveshan): 'अनु' (पीछे) + 'एषण' (इच्छा/खोज)। अर्थात किसी प्रमाण के पीछे-पीछे चलकर सत्य तक पहुँचना।
  • मीमांसा (Mimamsa): किसी विषय के गुण-दोषों का गहरा विवेचन या पूज्य बुद्धि से किया गया विचार।
2. पाश्चात्य दृष्टिकोण (Western Perspective):
अंग्रेजी शब्द Research (Re + Search) का अर्थ है "पुनः खोजना"।
प्रश्न: जो पहले से है, उसे दोबारा क्यों खोजना?
उत्तर: क्योंकि हम उसे नए नजरिए (New Perspective) से देखना चाहते हैं या पुराने सिद्धांत में सुधार करना चाहते हैं।

B. अनुसंधान की व्यापक परिभाषाएँ

विद्वानों ने अनुसंधान को तीन अलग-अलग आधारों पर परिभाषित किया है:

आधार (Basis) परिभाषा (Definition) विद्वान (Scholar)
ज्ञान वृद्धि के आधार पर "अनुसंधान नवीन ज्ञान को प्राप्त करने के लिए किया गया एक व्यवस्थित प्रयास है।" Redman & Mory
समस्या समाधान के आधार पर "अनुसंधान किसी समस्या के अच्छे समाधान के लिए किया गया क्रमबद्ध और परिष्कृत चिंतन है।" C.C. Crawford
वैज्ञानिक विधि के आधार पर "अनुसंधान एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य तार्किक और व्यवस्थित विधियों द्वारा नए तथ्यों की खोज करना है।" P.V. Young

C. अनुसंधान की प्रकृति एवं विशेषताएँ (Nature & Characteristics)

किसी भी अध्ययन को 'अनुसंधान' कहलाने के लिए उसमें निम्नलिखित 5 स्तंभों (Pillars) का होना अनिवार्य है:

1. वस्तुनिष्ठता (Objectivity) शोधकर्ता को निष्पक्ष होना चाहिए। उसे अपनी भावनाओं, पसंद-नापसंद और पूर्वाग्रह (Bias) को शोध से दूर रखना चाहिए।
(जैसे: जो डेटा मिला है, वही लिखें, न कि जो आप चाहते हैं।)
2. विश्वसनीयता (Reliability) इसका अर्थ है 'भरोसेमंद'। यदि एक ही शोध को बार-बार उन्हीं परिस्थितियों में किया जाए, तो परिणाम समान आने चाहिए।
3. वैधता (Validity) क्या शोध उसी चीज को माप रहा है जिसके लिए उसे बनाया गया था?
(उदा: थर्मामीटर से बुखार नापा जा सकता है, बुद्धिमत्ता नहीं।)
4. अनुभवजन्य (Empirical) अनुसंधान हवाई बातों पर नहीं, बल्कि ठोस सबूतों (Evidence) और वास्तविक अनुभवों पर आधारित होता है।
5. चक्रीय प्रक्रिया (Cyclical) शोध कभी खत्म नहीं होता। यह एक समस्या से शुरू होता है और समाधान के साथ नई समस्याएं भी पैदा करता है, जिससे अगला शोध शुरू होता है।
6. तार्किकता (Logical) अनुसंधान तर्क के नियमों (आगमन और निगमन) पर चलता है। इसमें जादुई या चमत्कारिक दावों का कोई स्थान नहीं है।

D. अनुसंधान के उद्देश्य (Objectives of Research)

हम शोध क्यों करते हैं? इसके पीछे मुख्य रूप से चार उद्देश्य होते हैं:

  • सैद्धांतिक उद्देश्य: नए सिद्धांतों का निर्माण करना (जैसे: न्यूटन के नियम)।
  • तथ्यात्मक उद्देश्य: नए तथ्यों (Facts) को ढूंढना (जैसे: इतिहास में हड़प्पा की खोज)।
  • व्यावहारिक उद्देश्य: समाज की समस्याओं का हल निकालना (जैसे: प्रदूषण कम करने की मशीन बनाना)।
  • सत्यापन उद्देश्य: पुराने नियमों की जाँच करना कि क्या वे आज भी सही हैं।

निष्कर्ष: "अनुसंधान मात्र जानकारी का संग्रह नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी 'तीसरी आँख' है जो हमें वह दिखाती है जो सामान्य दृष्टि से ओझल रह जाता है।"

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