14.3 शोध में गोपनीयता और सहमति
(Confidentiality and Consent)
प्रस्तावना: शोध केवल डेटा एकत्र करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन लोगों के सम्मान और सुरक्षा के बारे में भी है जो हमें डेटा देते हैं। नैतिकता के दो सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं: सहमति और गोपनीयता।
जैसे आप डॉक्टर को अपनी बीमारी के बारे में तभी सच बताते हैं जब आपको पता हो कि वह इसे गुप्त रखेगा।
ठीक वैसे ही, एक उत्तरदाता शोधकर्ता को अपनी निजी जानकारी तभी देता है जब उसे सुरक्षा (Privacy) का आश्वासन मिले।
उत्तरदाता को शोध के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए और उसकी भागीदारी स्वैच्छिक होनी चाहिए।
- शोध का उद्देश्य क्या है?
- क्या इसमें कोई जोखिम है?
- क्या वे बीच में शोध छोड़ सकते हैं? (यस!)
- डेटा का उपयोग कहाँ होगा?
शोधकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह उत्तरदाता की निजी जानकारी को सार्वजनिक होने से बचाए।
- नाम की जगह 'कोड' का प्रयोग करें।
- डेटा को सुरक्षित पासवर्ड वाले फोल्डर में रखें।
- व्यक्तिगत पहचान वाली जानकारी को रिपोर्ट में न लिखें।
- काम खत्म होने के बाद डेटा नष्ट कर दें।
A. सहमति पत्र के मुख्य तत्व (Consent Form Elements)
"मैं [नाम] प्रमाणित करता हूँ कि मुझे शोध के बारे में जानकारी दी गई है। मैं अपनी मर्जी से भाग ले रहा हूँ। मुझे पता है कि मेरा डेटा गोपनीय रहेगा और मैं किसी भी समय बाहर निकल सकता हूँ।"
(हस्ताक्षर)
(दिनांक)
- Anonymity: जब शोधकर्ता को खुद भी नहीं पता होता कि जवाब किसने दिया। (जैसे ऑनलाइन सर्वे)।
- Confidentiality: शोधकर्ता जानता है कि जवाब किसने दिया, लेकिन वह इसे किसी और को नहीं बताता।
B. संवेदनशील समूह (Vulnerable Groups)
कुछ लोगों से सहमति लेते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है:
निष्कर्ष: "एक अच्छा शोधकर्ता केवल डेटा का शिकारी नहीं होता, वह अपने उत्तरदाताओं का संरक्षक भी होता है। बिना सहमति के लिया गया डेटा अनैतिक है और बिना गोपनीयता के रखा गया डेटा खतरनाक।"
