9.1 प्रश्नावली एवं अनुसूची
(Questionnaire vs. Schedule)
प्रस्तावना: दोनों ही डेटा इकट्ठा करने के उपकरण (Tools) हैं और दोनों में ही 'प्रश्नों की एक सूची' होती है। लेकिन इनमें जमीन-आसमान का अंतर है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि इसे "भर कौन रहा है?"
A. बुफे बनाम वेटर (The Restaurant Analogy)
प्रश्नावली (Questionnaire)
"Self-Service Buffet"
"Self-Service Buffet"
जैसे बुफे में आप खुद प्लेट उठाते हैं और खुद खाना परोसते हैं।
यहाँ: फॉर्म डाक/ईमेल से भेजा जाता है और उत्तरदाता (Respondent) उसे खुद भरता है।
अनुसूची (Schedule)
"Waiter Service"
"Waiter Service"
जैसे वेटर आपके पास आता है, पूछता है "क्या लेंगे?" और खुद ऑर्डर लिखता है।
यहाँ: शोधकर्ता (Enumerator) खुद जाता है, प्रश्न पूछता है और उत्तर खुद लिखता है।
💡 याद रखने का मंत्र:
"प्रश्नावली में पेन 'उत्तरदाता' के हाथ में होता है,
जबकि अनुसूची में पेन 'शोधकर्ता' (प्रगणक) के हाथ में होता है।"
"प्रश्नावली में पेन 'उत्तरदाता' के हाथ में होता है,
जबकि अनुसूची में पेन 'शोधकर्ता' (प्रगणक) के हाथ में होता है।"
B. तुलनात्मक अध्ययन (Detailed Comparison)
| आधार | प्रश्नावली (Questionnaire) | अनुसूची (Schedule) |
|---|---|---|
| विधि | डाक या ईमेल द्वारा भेजी जाती है। | शोधकर्ता खुद लेकर जाता है (Face-to-Face)। |
| लागत (Cost) | सस्ती (केवल डाक/इंटरनेट का खर्च)। | महंगी (यात्रा और स्टाफ का खर्च)। |
| समय (Time) | धीमी प्रक्रिया (जवाब आने में समय लगता है)। | तेज प्रक्रिया (तुरंत भरा जाता है)। |
| साक्षरता (Literacy) | केवल पढ़े-लिखे लोग ही भर सकते हैं। | अनपढ़ लोगों के लिए भी उपयुक्त है (क्योंकि लिखना शोधकर्ता को है)। |
| पहचान | यह गुमनाम (Anonymous) हो सकती है। | इसमें पहचान छिपी नहीं रहती। |
| रिस्पांस रेट | कम (लोग भरकर वापस नहीं भेजते)। | अधिक (सामने बैठकर भराया जाता है)। |
C. किसका उपयोग कब करें? (Usage)
प्रश्नावली चुनें यदि:
- जनसंख्या बहुत विशाल और बिखरी हुई है (पूरे देश में)।
- बजट कम है।
- उत्तरदाता शिक्षित हैं।
- विषय संवेदनशील है (लोग गुमनाम रहकर सच बोल सकते हैं)।
अनुसूची चुनें यदि:
- जनसंख्या अशिक्षित है (जैसे ग्रामीण क्षेत्र)।
- बजट और मैनपावर की कमी नहीं है।
- प्रश्नों को समझाने की जरूरत पड़ सकती है।
- अधिकतम शुद्धता और रिस्पांस चाहिए।
निष्कर्ष: "कागज पर दोनों एक जैसे दिखते हैं, लेकिन मैदान में अनुसूची ज्यादा भरोसेमंद होती है, जबकि प्रश्नावली ज्यादा लोगों तक पहुँचती है।"
