***************** हम हैं दीपक ***************
हम हैं दीपक अँधियारे में जलना ही होगा ।
हो मनचाही भोर, शिखर पर चढना ही होगा ।।
हम सूरज के वंश
अंश हम जलते
पावक के,
हम केहरि के रक्त,
मित्र हैं केहरि
शावक के ,
हमें कन्दराऔं में रह कर पलना ही होगा ।
हम दीपक हैं अँधियारे में जलना ही होगा।।
इस उपवन के सुमन
कहीं ,असमय में
नहीं झरें,
लता,वृक्ष,द्रुम,
झंझावातों से न
कहीं सिहरें ,
तो हिमगिरि की तरह वज्रसम ढलना ही होगा।
हम दीपक हैं अँधियारे में जलना ही होगा ।।
हम इतिहास
बनाने वाले
ऐसे नायक हैं,
वक्ष समय का
चीर दिखा दें
ऐसे सायक हैं ,
असुरों को छाती पर चढ कर दलना ही होगा ।
हम दीपक हैं अँधियारे में जलना ही होगा ।।