नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं

Sooraj Krishna Shastri
By -
0

नव संवत्सर आओ मनाएं

शुभ संस्कृति हम भूल ना जाएं

द्वार द्वार अल्पना रंगोली

कुमकुम अक्षत हल्दी रोली

नव पल्लव तोरण सजवाएं

नव संवत्सर आओ मनाएं ॥


बागों में अम्बवा बौराए

मंदिर में घंटे घहराएं

धर्म ध्वजा लहराए गगन पर

गली गली अरगजा सिंचाएं

नव संवत्सर आओ मनाएं ॥


शीतल सुरभित मंद मलय है

दसों दिशाएं भी मधुमय हैं

मांथे केशर तिलक लगा कर

सबको बांटें शुभ इच्छाएं 

नव संवत्सर आओ मनाएं ॥


धरती पर आतीं जग जननी

भक्त जनों की पीड़ा हरनी

नौ रातों में करें जागरण

पलक पांवड़े आज बिछाएं

नव संवत्सर आओ मनाएं॥


जम्बूद्वीपे आर्यावर्ते

भारत खण्ड अखंड बनाएं

छोड़ पश्चिमी वर्ष जनवरी

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मनाएं

नव संवत्सर आओ मनाएं ॥

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!