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Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती 2025, तिथि, समय और धार्मिक महत्व |
Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती 2025, तिथि, समय और धार्मिक महत्व
1. तिथि और समय
दिनांक: 12 अप्रैल 2025 (शनिवार)
पूर्णिमा तिथि:
आरंभ: 12 अप्रैल, सुबह 3:21 बजे
समाप्त: 13 अप्रैल, सुबह 5:51 बजे
उदयातिथि के अनुसार: हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी ।
2. धार्मिक महत्व
हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को माता अंजनी और केसरी के यहाँ हुआ था।
यह दिन भक्ति, बल, और संकटमोचन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से रोग, भय, और संकट दूर होते हैं तथा सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
3. पूजा विधि और सामग्री
सामग्री: लाल कपड़ा, सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चना, बूंदी के लड्डू, पान का बीड़ा, फूल, धूप, दीपक, और हनुमान चालीसा ।
विधि:
सुबह स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
हनुमान जी की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं।
सिंदूर, फूल, और भोग (लड्डू, फल) अर्पित करें।
हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, या सुंदरकांड का पाठ करें।
आरती के बाद प्रसाद वितरित करें ।
4. शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:29 से 5:14 बजे (सर्वोत्तम समय) ।
अन्य शुभ अवधियाँ:
सुबह 7:35 से 9:10 बजे (शुभ-उत्तम)
दोपहर 1:58 से 3:34 बजे (लाभ-उन्नति)
शाम 6:45 से 8:08 बजे (सायाह्न संध्या) ।
5. 2025 का विशेष योग
पंचग्रही योग: 57 वर्षों बाद शनि, सूर्य, राहु, शुक्र, और बुध का संयोग बनेगा।
लक्ष्मी-नारायण योग: शुक्र और बुध के संयोग से धन और समृद्धि का संकेत ।
6. व्रत और पारण
व्रत: कुछ भक्त पूर्ण दिन उपवास रखते हैं।
पारण समय: 13 अप्रैल, सुबह 5:58 बजे के बाद ।
7. क्षेत्रीय विविधता
उत्तर भारत: चैत्र पूर्णिमा (12 अप्रैल) पर मनाया जाता है।
दक्षिण भारत: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव मनाते हैं ।
8. हनुमान चालीसा और मंत्र
प्रमुख मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
ॐ हं हनुमते नमः।
चालीसा पाठ: इसका पाठ करने से मानसिक शांति और साहस मिलता है।
9. भोग और प्रसाद
हनुमान जी को बूंदी के लड्डू, गुड़-चना, केले, और पान का बीड़ा चढ़ाया जाता है।
भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरण करना शुभ माना जाता है।
10. जयंती vs जन्मोत्सव
जन्मोत्सव: चूँकि हनुमान जी को "चिरंजीवी" माना जाता है, इसलिए "जन्मोत्सव" शब्द का प्रयोग अधिक उचित है।
निष्कर्ष
हनुमान जयंती न केवल धार्मिक उत्साह का पर्व है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। 2025 में दुर्लभ योगों के कारण यह दिन विशेष रूप से फलदायी माना जा रहा है। पूजा के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ और दान करना शुभ होगा