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भारत में शैक्षिक नियोजन, अनुसंधान और प्रशिक्षण की प्रमुख संस्थाएँ: एक विस्तृत परिचय Major Institutions of Educational Planning, Research and Training |
भारत में शैक्षिक नियोजन, अनुसंधान और प्रशिक्षण की प्रमुख संस्थाएँ: एक विस्तृत परिचय
✦ प्रस्तावना
शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है, और एक सशक्त शिक्षा प्रणाली उस राष्ट्र की स्थायी उन्नति का आधार बनती है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में शिक्षा की गुणवत्ता, पहुँच और समावेशिता को सुनिश्चित करने के लिए अनेक शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना की गई है। ये संस्थाएँ न केवल शैक्षणिक सामग्री का निर्माण करती हैं, बल्कि शिक्षकों का प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम का विकास, शैक्षणिक मूल्यांकन, नियोजन, प्रशासन और गुणवत्ता का मूल्यांकन भी सुनिश्चित करती हैं।
भारत सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने हेतु जिन प्रमुख संस्थाओं की स्थापना की गई है, उनमें से एनसीईआरटी (NCERT), एनसीटीई (NCTE), एनएएसी (NAAC), न्यूपा (NIEPA/NUEPA), सीईआरटी (SCERT), और डाइट (DIET) प्रमुख हैं। ये संस्थाएँ मिलकर भारत के शिक्षा तंत्र को नीति, कार्यान्वयन, प्रशिक्षण और मूल्यांकन के स्तर पर एक सशक्त आधार प्रदान करती हैं।
आइए इन संस्थाओं का विस्तृत परिचय प्राप्त करें–
1. एनसीईआरटी (NCERT - National Council of Educational Research and Training)
✅ स्थापना:
1 सितंबर 1961
✅ मुख्यालय:
नई दिल्ली
✅ उद्देश्य:
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भारत में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना।
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शैक्षिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना।
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पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तक, मूल्यांकन व शिक्षण पद्धतियों का विकास करना।
✅ प्रमुख कार्य:
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राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) तैयार करना।
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CBSE सहित राज्यों के लिए शैक्षणिक मार्गदर्शन देना।
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विद्यार्थियों हेतु शैक्षिक सामग्री का निर्माण और वितरण।
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प्रशिक्षकों एवं शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
2. एनसीटीई (NCTE - National Council for Teacher Education)
✅ स्थापना:
1995 (NCTE Act, 1993 के अंतर्गत)
✅ मुख्यालय:
नई दिल्ली
✅ उद्देश्य:
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शिक्षक शिक्षा के पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
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शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता देना और निगरानी करना।
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शिक्षक प्रशिक्षण को व्यवस्थित, नियामक और मानकीकृत बनाना।
✅ प्रमुख कार्य:
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B.Ed., D.El.Ed., M.Ed. आदि पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले संस्थानों को मान्यता प्रदान करना।
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प्रशिक्षण संस्थानों में नियमानुसार अधोसंरचना, संकाय, पाठ्यक्रम की जाँच करना।
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अध्यापक शिक्षा में शोध और नवाचार को बढ़ावा देना।
3. एनएएसी (NAAC - National Assessment and Accreditation Council)
✅ स्थापना:
1994 (UGC के अधीनस्थ)
✅ मुख्यालय:
बेंगलुरु, कर्नाटक
✅ उद्देश्य:
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उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन और प्रत्यायन (Accreditation) करना।
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शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता संवर्धन के लिए संस्थानों को प्रेरित करना।
✅ प्रमुख कार्य:
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कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को मूल्यांकन कर ग्रेड (A++, A+, B आदि) प्रदान करना।
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संस्थान की शिक्षण, अधिगम, शोध, आधारभूत संरचना, प्रशासन आदि पर आधारित मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करना।
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गुणवत्ता सुधार हेतु कार्यनीति बनाना और उसे लागू करवाना।
4. न्यूपा (NIEPA/NUEPA - National Institute of Educational Planning and Administration)
✅ स्थापना:
✅ मुख्यालय:
नई दिल्ली
✅ उद्देश्य:
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शैक्षिक योजना, प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में शोध, प्रशिक्षण और नीति निर्माण करना।
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शैक्षिक प्रबंधकों और अधिकारियों को प्रशिक्षित करना।
✅ प्रमुख कार्य:
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राज्य और राष्ट्रीय स्तर के शिक्षा अधिकारियों को शैक्षणिक प्रशासन में दक्ष बनाना।
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शिक्षा नीति, प्रशासन, योजना निर्माण, वित्तीय प्रबंधन आदि पर शोध करना।
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अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शैक्षिक परियोजनाओं का संचालन।
5. सीईआरटी (SCERT - State Council of Educational Research and Training)
✅ प्रकृति:
राज्य स्तरीय संस्था (प्रत्येक राज्य में अलग-अलग SCERT)
✅ उद्देश्य:
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राज्य स्तर पर स्कूली शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम, पठन सामग्री एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निर्माण करना।
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जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIETs) का निर्देशन और समन्वय करना।
✅ प्रमुख कार्य:
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राज्य के विद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का निर्माण करना।
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शिक्षकों को प्रशिक्षण देना, विशेषकर नवीन शिक्षण विधियों और मूल्यांकन पद्धतियों पर।
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शोध और नवाचार को राज्य स्तर पर प्रोत्साहन देना।
6. डाइट (DIET - District Institute of Education and Training)
✅ स्थापना:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अंतर्गत
✅ प्रकृति:
जिला स्तर की शैक्षिक प्रशिक्षण संस्था
✅ उद्देश्य:
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प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षित करना।
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समावेशी शिक्षा, नवाचार और क्षेत्रीय शैक्षिक आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करना।
✅ प्रमुख कार्य:
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D.El.Ed जैसे प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का संचालन।
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शिक्षकों की कार्यशालाएँ, अधिगम मूल्यांकन, पाठ्य सहगामी गतिविधियों का आयोजन।
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ज़मीनी स्तर पर शैक्षिक योजनाओं को लागू करना (जैसे- निपुण भारत मिशन)।
✦ निष्कर्ष
भारत की विविधतापूर्ण और विशाल शिक्षा प्रणाली को सुचारु एवं प्रभावशाली रूप से संचालित करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर कार्यरत ये संस्थाएँ (NCERT, NCTE, NAAC, NIEPA, SCERT, DIET) एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और विशिष्ट भूमिकाएँ निभाती हैं। ये संस्थाएँ न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करती हैं, बल्कि शिक्षकों, विद्यार्थियों और नीति निर्माताओं को सशक्त बनाकर राष्ट्रीय विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं।