इस पोस्ट में मैं पितृ दोष की शान्ति के 16 उपायों को एक सुसंगठित, क्रमबद्ध, और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ:-
Pitra Dosh Shanti Ke 16 Asardar Upay – पितृदोष मुक्ति और पितरों को प्रसन्न करने के अचूक उपाय
(विस्तृत एवं क्रमबद्ध विवरण)
भूमिका
पितृदोष एक अदृश्य बाधा है, जो तब उत्पन्न होती है जब हमारे पितर (पूर्वज) किसी कारणवश रुष्ट हो जाते हैं। इसके कारण जीवन में अकारण बाधाएँ, आर्थिक संकट, संतान कष्ट, या मानसिक अशांति हो सकती है। यह दोष निम्न कारणों से उत्पन्न हो सकता है—
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Pitra Dosh Shanti Ke 16 Asardar Upay – पितृदोष मुक्ति और पितरों को प्रसन्न करने के अचूक उपाय |
- श्राद्ध आदि पितृकर्म न करना
- अंत्येष्टि में त्रुटि
- अनुचित आचरण या अपराध
- पूर्वजों की किसी अपूर्ण इच्छा या अपमान
वेद, पुराण और लोक अनुभव में पितृदोष शांति के अनेक उपाय बताए गए हैं। यहाँ 16 प्रमुख उपाय व्यवस्थित रूप में दिए जा रहे हैं।
1. सामान्य धार्मिक उपाय
- षोडश पिंडदान
- सर्प पूजा
- गौदान एवं कन्यादान
- कुआँ, बावड़ी, तालाब निर्माण
- मंदिर प्रांगण में पीपल, बड़ आदि देववृक्ष रोपण
- विष्णु मंत्र जाप एवं श्रीमद्भागवत पाठ
लाभ – प्रेतबाधा व पितृबाधा दोनों से मुक्ति।
2. मंत्र, स्तोत्र एवं सूक्त पाठ
- पितरों की संतुष्टि हेतु वेदों-पुराणों में वर्णित मंत्र, स्तोत्र, सूक्तों का नित्य या मासिक पाठ।
- विशेष दिन – प्रत्येक अमावस्या एवं पितृपक्ष अमावस्या (आश्विन कृष्ण अमावस्या)
- दोष के प्रकार के अनुसार विशेष शांति विधि कराना।
3. महादेव मंत्र जाप
भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र के समक्ष बैठकर निम्न मंत्र की 1 माला नित्य जाप—
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
4. गाय को पितृभोजन
अमावस्या को चावल, बूरा, घी व 1 रोटी पवित्रतापूर्वक बनाकर गाय को खिलाना।
5. माता-पिता व बुजुर्गों का सम्मान
- माता-पिता की सेवा
- स्त्री कुल का आदर
- बुजुर्गों की आवश्यकताओं की पूर्ति
6. हरिवंश पुराण श्रवण
विशेषकर संतान कष्ट निवारण हेतु हरिवंश पुराण का श्रवण या स्वयं पाठ।
7. दुर्गा सप्तशती या सुंदरकांड पाठ
नियमित पाठ से दोष में कमी आती है।
8. सूर्य अर्घ्य
- ताम्बे के लोटे में जल, लाल फूल, लाल चंदन, रोली डालकर अर्घ्य
- 11 बार ॐ घृणि सूर्याय नमः जाप
9. अमावस्या दान
- दुग्ध, चीनी, सफेद कपड़ा, दक्षिणा
- किसी मंदिर या योग्य ब्राह्मण को दान
10. पीपल परिक्रमा
- पितृपक्ष में पीपल वृक्ष की परिक्रमा
- 108 परिक्रमा से पितृदोष निवारण
11. पीपल या बड़ का रोपण व सेवा
- मंदिर परिसर में रोपण
- प्रतिदिन जल अर्पण
- वृक्ष की वृद्धि के साथ दोष का शमन
12. अन्याय का प्रायश्चित्त
- छीना हुआ हक या संपत्ति लौटाना
13. पीपल के नीचे घी दीपक
- एक अमावस्या से अगली अमावस्या तक
- सूर्योदय काल में 1 घी दीपक, क्रम न टूटे
14. एक माह बाद विशेष पीपल पूजन
- अमावस्या पर गौमूत्र+जल से पीपल सिंचन
- 5 अगरबत्ती, 1 नारियल, 1 घी दीपक
- पितरों से प्रार्थना एवं गरीबों को भोजन
15. पितृस्थान की शुद्धता
- घर के कुएं/जलस्थान की सफाई
- पशुओं हेतु पानी, प्याऊ लगवाना
- आवारा कुत्तों को जलेबी खिलाना
16. पितृ गायत्री मंत्र जप
- शुभ समय में पितरों से क्षमा-याचना
- सवा लाख जप, दशांश हवन
- संकल्प – फल पितरों को अर्पण
विशेष अनुभूत उपाय
गरीब कन्या के विवाह में गुप्त/प्रत्यक्ष आर्थिक सहयोग।
- शर्त – दिल से, बिना दिखावे के
- परिणाम – पितरों को बल, तेज, ऊर्ध्वगति
विशेष स्थिति में उपाय
यदि किसी पितर की अपूर्ण कामना पितृदोष उत्पन्न कर रही है—
- गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ
अत्यंत सरल उपाय (पितृपक्ष हेतु)
- घर के वायव्य कोण (North-West) में
- सरसों के तेल + अगर तेल का दीपक
- पीतल का दीया हो तो श्रेष्ठ
- दीपक 10 मिनट अवश्य जले
पितृदोष की शांति के 16 उपाय – सारणीबद्ध विवरण
क्रम | उपाय का नाम | करने का समय | विधि (संक्षिप्त) | विशेष लाभ |
---|---|---|---|---|
1 | सामान्य धार्मिक उपाय | पितृपक्ष / आवश्यकता अनुसार | षोडश पिंडदान, सर्प पूजा, गौदान, कन्यादान, जलस्रोत निर्माण, देववृक्ष रोपण, विष्णु मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत पाठ | पितृबाधा व प्रेतबाधा शांति |
2 | मंत्र/स्तोत्र/सूक्त पाठ | नित्य, या अमावस्या व पितृपक्ष अमावस्या | वेद/पुराण में वर्णित पाठ; दोष अनुसार शांति विधि | किसी भी प्रकार की पितृबाधा शांत |
3 | महादेव मंत्र जाप | प्रातः/सायं | 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे...' 1 माला जाप | संकट, बाधा व पितृदोष शमन |
4 | गाय को पितृभोजन | अमावस्या | चावल, बूरा, घी, 1 रोटी गाय को खिलाना | पितरों की प्रसन्नता |
5 | माता-पिता व बुजुर्ग सम्मान | नित्य | सेवा, आदर, आवश्यकताओं की पूर्ति | पितरों का आशीर्वाद |
6 | हरिवंश पुराण श्रवण | सुविधा अनुसार | श्रवण या स्वपाठ | संतान कष्ट निवारण |
7 | दुर्गा सप्तशती/सुंदरकांड पाठ | नित्य/नवरात्र | नियमित पाठ | दोष में कमी |
8 | सूर्य अर्घ्य | प्रातः | ताम्बे लोटे में जल+लाल फूल+चंदन, 11 मंत्र जाप | पितरों की ऊर्ध्व गति |
9 | अमावस्या दान | अमावस्या | दुग्ध, चीनी, सफेद कपड़ा, दक्षिणा दान | पितृ संतोष |
10 | पीपल परिक्रमा | पितृपक्ष | पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा | पितृदोष निवारण |
11 | पीपल/बड़ रोपण व सेवा | वर्षा ऋतु/पितृपक्ष | मंदिर परिसर में रोपण, जल अर्पण, देखभाल | दोष शमन, पुण्य वृद्धि |
12 | अन्याय का प्रायश्चित्त | तुरंत | छीना हक/संपत्ति लौटाना | पितरों की प्रसन्नता |
13 | पीपल के नीचे घी दीपक | एक माह (अमावस्या से अमावस्या) | सूर्योदय काल में दीपक जलाना | दोष का क्रमिक शमन |
14 | एक माह बाद विशेष पीपल पूजन | अमावस्या | गौमूत्र+जल सिंचन, अगरबत्ती, नारियल, दीपक, गरीब भोजन | पितृ संतोष |
15 | पितृस्थान शुद्धता | नित्य | कुएं/जलस्थान की सफाई, पशुओं हेतु पानी, प्याऊ, आवारा कुत्तों को जलेबी | पितृ संतोष |
16 | पितृ गायत्री जप | शुभ समय | सवा लाख जप, दशांश हवन, संकल्प पितरों को अर्पण | पितरों की मुक्ति व आशीर्वाद |
विशेष अनुभूत उपाय
उपाय | समय | विधि | लाभ |
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गरीब कन्या विवाह सहयोग | अवसर अनुसार | गुप्त या प्रत्यक्ष आर्थिक सहयोग | पितरों को बल, तेज व ऊर्ध्वगति |
विशेष स्थिति में उपाय
उपाय | समय | विधि | लाभ |
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गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र पाठ | पितृबाधा विशेष कारण होने पर | नियमित पाठ | पितर की अपूर्ण इच्छा का निवारण |
अत्यंत सरल उपाय (पितृपक्ष हेतु)
उपाय | समय | विधि | लाभ |
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वायव्य कोण दीपक | पितृपक्ष | सरसों तेल+अगर तेल दीपक, पीतल का दीया, 10 मिनट जलना आवश्यक | पितृदोष शमन व आशीर्वाद |