सहन शक्ति (Tolerance Power) : Anger को Control कर जीवन में Success पाने का राज़

Sooraj Krishna Shastri
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सहन शक्ति (Tolerance Power) : Anger को Control कर जीवन में Success पाने का राज़

रात गहरी हो चुकी थी। गाँव के लुहार की दुकान बंद थी। भीतर अँधेरा पसरा हुआ था और बेंच पर लकड़ी काटने वाली एक पुरानी आरी रखी थी।

इसी बीच एक साँप रास्ता भटककर दुकान के भीतर आ गया। अंधेरे में चलते-चलते उसका शरीर आरी की धार से हल्के से छू गया और उसकी चमड़ी कट गई।

साँप को अचानक दर्द हुआ। उसे लगा मानो किसी ने उस पर जानबूझकर हमला किया हो।
क्रोध में भरकर उसने पलटकर आरी पर तेज़ डंक मारा। लेकिन कठोर लोहे से टकराने पर उसके दाँत टूटने लगे और मुँह से खून निकल आया।

घायल होने के बावजूद उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ।
अब उसने पूरी ताक़त से आरी को अपने चारों ओर लपेट लिया, मानो उसे जकड़कर खत्म कर देगा। परन्तु जितना वह कसकर लिपटता गया, उतना ही उसका शरीर आरी की धार से कटता और लहूलुहान होता गया।

सहन शक्ति (Tolerance Power) : Anger को Control कर जीवन में Success पाने का राज़
सहन शक्ति (Tolerance Power) : Anger को Control कर जीवन में Success पाने का राज़


पूरी रात वह उसी जद्दोजहद में लगा रहा और अंततः अपने ही क्रोध की आग में स्वयं को नष्ट कर बैठा।

सुबह जब लुहार ने दुकान खोली तो उसने देखा—आरी तो जस की तस थी, पर साँप मृत पड़ा था, अपने ही गुस्से की गिरफ्त में।


🌸 सीख

  1. क्रोध आत्मघाती होता है – क्रोध में किया गया आचरण अक्सर सामने वाले से अधिक हमें स्वयं को चोट पहुँचाता है।

  2. सहन शक्ति सबसे बड़ी शक्ति है – हर चोट का जवाब देना आवश्यक नहीं होता। कई बार चुप रह जाना और सहन कर लेना ही सबसे बड़ा साहस होता है।

  3. इग्नोर करना भी ताक़त है – कुछ स्थितियों में प्रत्युत्तर न देना ही सबसे सही उत्तर होता है।

  4. शांति ही सच्ची विजय है – संयम और धैर्य हमें टूटने से बचाते हैं, जबकि उग्रता हमें भीतर से खोखला कर देती है।


🌼 जीवन में अनुप्रयोग

  • जब कोई आपको अपमानित करे, तो तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय सोचें कि क्या उत्तर देना आवश्यक है।

  • कभी-कभी “चुप रह जाना” सबसे बड़ा उत्तर होता है।

  • सहनशीलता केवल कमजोरी नहीं, बल्कि आत्म-नियंत्रण की सर्वोच्च शक्ति है।

  • यदि हम हर छोटी बात पर आक्रोशित होंगे, तो अपनी ही ऊर्जा नष्ट करेंगे।

  • महान लोग इसलिए महान कहलाते हैं क्योंकि वे विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और शांति बनाए रखते हैं।


✨ निष्कर्ष

साँप की तरह अपने ही गुस्से में उलझकर स्वयं को नष्ट करना बुद्धिमानी नहीं।
सच्चा बल वही है जो कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रख सके।
यही है – सहन शक्ति, जो मनुष्य को भीतर से अटूट और बाहर से अजेय बनाती है।

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