Sindhu Saraswati Civilization: वैदिक Brahmi Lipi और Harappan Culture का रहस्य

Sooraj Krishna Shastri
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Sindhu Saraswati Civilization: वैदिक Brahmi Lipi और Harappan Culture का रहस्य

सिन्धु सरस्वती सभ्यता और वैदिक ब्रह्मलिपि का रहस्य जानें। Harappa–Mohenjo Daro seals, Brahmi script और Vedic culture का गहरा संबंध।

यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण और गूढ़ है जोकि सिन्धु–सरस्वती सभ्यता की लिपि, प्रतीकों और वैदिक संस्कृति से उसके संबंध पर केन्द्रित है। 


🕉️ सिन्धु–सरस्वती सभ्यता और वैदिक ब्रह्मलिपि का रहस्य

1. सिन्धु–सरस्वती–गंगा–नर्मदा का सांस्कृतिक क्षेत्र

सिन्धु, सरस्वती, गंगा और नर्मदा नदियों के विस्तृत क्षेत्र में हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे नगरों से प्राप्त पुरातात्विक सामग्री से यह स्पष्ट होता है कि उस समय की संस्कृति गहन रूप से प्रकृति पूजा पर आधारित थी। वैदिक परंपरा में अग्नि, सूर्य, वायु, जल और वनस्पतियों की जो पूजा मिलती है, उसका स्वरूप सिन्धु–सरस्वती क्षेत्र की मूर्तियों, मुहरों और अभिलेखों में दिखाई देता है।


2. सिन्धु लिपि और ब्राह्मी का संबंध

  • 3500–1700 ई.पू. के बीच सिन्धु घाटी सभ्यता में प्रयोग की गई 419 संकेताक्षर (symbols) ब्राह्मी लिपि के लगभग सभी अक्षरों से मेल खाते हैं।
  • इस आधार पर विद्वानों ने इसे ब्रह्मलिपि अथवा वैदिकी लिपि कहा है।
  • ब्रह्म शब्द का अर्थ वेद से भी है, अतः यह लिपि वेदकालीन संस्कृति से सीधा संबंध दर्शाती है।
Sindhu Saraswati Civilization: वैदिक Brahmi Lipi और Harappan Culture का रहस्य
Sindhu Saraswati Civilization: वैदिक Brahmi Lipi और Harappan Culture का रहस्य



3. सिन्धु मुद्राओं के चित्राक्षर

सिन्धु सभ्यता से प्राप्त मुद्राओं पर अंकित 419 चिन्हों में विभिन्न पौराणिक और प्राकृतिक प्रतीक दिखाई देते हैं :

  • अवतार एवं देव–मानव चित्र – 22
  • मछली प्रतीक – 20
  • राशि चिन्ह – 12
  • ग्रह चिन्ह – 9
  • शुभ प्रतीक – 32
  • पशु–पक्षी – 30
  • अन्य वस्तुएं – 19

इन चित्राक्षरों का विकसित रूप आगे चलकर चाणक्य कालीन ब्राह्मी लिपि के रूप में सामने आया।


4. खोज और विवाद

1917 में एल.पी. टेसीटरी ने राजस्थान के कालीबंगन क्षेत्र (सरस्वती नदी की शुष्क घाटी) में खुदाई कर अनेक प्रागैतिहासिक अवशेष प्राप्त किए। उसने एफ.डब्ल्यू. थॉमस और जॉर्ज ग्रियर्सन को पत्र लिखकर इस खोज का महत्व बताया, किंतु दुर्भाग्यवश जॉन मार्शन ने उसकी रिपोर्ट प्रकाशित होने नहीं दी।

  • यदि यह रिपोर्ट समय पर सामने आती, तो सरस्वती संस्कृति का महत्त्व विश्व में उजागर हो जाता।
  • ब्रिटिश विद्वानों द्वारा गढ़ी गई यह धारणा कि "भारतीय संस्कृति पश्चिम एशिया से आई और आर्यों ने आकर उसे नष्ट किया", टिक नहीं पाती।

5. ब्राह्मी और सिन्धु लिपि का संबंध

  • सिन्धु लिपि और ब्राह्मी लिपि का द्विभाषी अभिलेख प्राप्त हुआ है, जिसमें “गजकवि गणेश” नाम पढ़ा गया है।
  • मोहनजोदड़ो की एक मुद्रा पर “पद्म” शब्द तीन बार अलग–अलग चिन्हों में अंकित है।
  • बौद्ध ग्रंथ ललितविस्तार में 64 प्रकार की लिपियों का उल्लेख मिलता है।
  • जैन ग्रंथ समवायसूत्र में ब्राह्मी सहित 18 लिपियों का वर्णन है।

6. ब्रह्मलिपि का महत्व

  • ब्रह्म” का अर्थ वेद है, इसलिए ब्रह्मलिपि का अर्थ वैदिकी लिपि हुआ।
  • भारत की प्राचीनतम संस्कृति वैदिक है, और वेद उसके प्राचीनतम ग्रंथ हैं।
  • इस दृष्टि से सिन्धु लिपि को ब्रह्मलिपि कहना अधिक उपयुक्त है।
  • परंपरा के अनुसार, इस लिपि का आविष्कार भगवान ऋषभदेव ने किया था।

7. अशोक लिपि और भ्रांति

  • जब तक सिन्धु लिपि की खोज नहीं हुई थी, तब तक जेम्स प्रिन्सेप और अन्य पाश्चात्य विद्वानों ने अशोक की लिपि (प्राकृत–ब्राह्मी) को ही ब्रह्मलिपि की संज्ञा दे दी।
  • वास्तव में, अशोक लिपि सिन्धु–सरस्वती लिपि का विकसित और परिष्कृत रूप है।

8. निष्कर्ष

इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि :

  • सिन्धु–सरस्वती सभ्यता किसी बाहरी संस्कृति की देन नहीं थी, बल्कि यह वैदिक प्रकृति–पूजा संस्कृति की ही निरंतरता थी।
  • सिन्धु लिपि को ब्रह्मलिपि या वैदिकी लिपि कहा जा सकता है।
  • ब्राह्मी, सिन्धु लिपि की उत्तरवर्ती कड़ी है, और अशोक शिलालेख उसी परंपरा का परिष्कृत रूप हैं।


❓FAQ on Sindhu Saraswati Civilization and Vedic Brahmi Lipi

Q1. सिन्धु–सरस्वती सभ्यता किस काल की है?

👉 सिन्धु–सरस्वती सभ्यता लगभग 3500 ई.पू. से 1700 ई.पू. के बीच विकसित हुई। इसका केंद्र हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगन और लोथल जैसे नगर थे।

Q2. क्या सिन्धु लिपि और ब्राह्मी लिपि आपस में जुड़ी हुई हैं?

👉 हाँ, सिन्धु सभ्यता की मुद्राओं पर प्राप्त 419 संकेताक्षर ब्राह्मी लिपि से मेल खाते हैं। इसे वैदिक कालीन ब्रह्मलिपि भी कहा जाता है।

Q3. क्या सिन्धु–सरस्वती सभ्यता वैदिक संस्कृति से संबंधित थी?

👉 पुरातात्विक और भाषिक प्रमाण बताते हैं कि यह सभ्यता प्रकृति पूजा और वैदिक परंपरा से जुड़ी हुई थी। पशु–पक्षी, ग्रह–नक्षत्र, देव–अवतार आदि प्रतीकों से इसका संबंध स्पष्ट होता है।

Q4. सरस्वती नदी का सिन्धु सभ्यता से क्या संबंध है?

👉 कालीबंगन और अन्य स्थलों की खुदाई में यह सिद्ध हुआ कि सिन्धु सभ्यता केवल सिन्धु नदी तक सीमित नहीं थी, बल्कि सरस्वती और घग्गर–हकरा घाटी तक फैली हुई थी।

Q5. अशोक की ब्राह्मी लिपि और सिन्धु लिपि में क्या अंतर है?

👉 अशोक के समय की ब्राह्मी लिपि वास्तव में सिन्धु–सरस्वती लिपि का विकसित और परिष्कृत रूप है। प्रारंभिक भ्रम में पाश्चात्य विद्वानों ने इसे ही ब्रह्मलिपि कहा था।

Q6. सिन्धु सभ्यता में कौन–कौन से प्रतीक सबसे अधिक पाए गए हैं?

👉 सिन्धु मुद्राओं में देव–मानव (22), मछली (20), राशि (12), ग्रह (9), शुभ चिन्ह (32), पशु–पक्षी (30) जैसे प्रतीक प्रमुख रूप से अंकित हैं।



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