Surya Shashti Vrat 2025, also known as Chhath Puja, celebrates Shashti Devi (Chhath Maiya) and Surya Dev. Learn about its origin from Brahmavaivarta Purana, rituals, and deep spiritual meaning symbolizing motherhood, gratitude, and unity.
🌅 Surya Shashti Vrat 2025 | छठ पूजा का पौराणिक, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व
🔱 परिचय (Introduction)
छठ पर्व या सूर्यषष्ठी व्रत भारतीय संस्कृति का वह अनोखा पर्व है, जो प्रकृति, सूर्य और मातृत्व — तीनों की आराधना का संगम है। यह व्रत न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि समानता, सहअस्तित्व और कृतज्ञता की भावना को भी प्रकट करता है।
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Surya Shashti Vrat 2025 | छठ पूजा का पौराणिक, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व |
🌸 षष्ठी देवी का स्वरूप और उत्पत्ति (Origin of Shashti Devi)
ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृतिखंड में बताया गया है कि सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी के छठे अंश से षष्ठी देवी का प्रादुर्भाव हुआ।
- इन्हें देवसेना कहा गया है।
- ब्रह्मा की मानसपुत्री मानी जाती हैं।
- नवरात्र में षष्ठी तिथि को इनकी पूजा होती है।
- लोक में इन्हें छठ मैया कहा जाता है — जो संतान देने वाली और बालकों की रक्षक हैं।
☀️ सूर्योपासना का वैदिक आधार (Vedic Significance of Sun Worship)
- सूर्य देव को ‘गुरु’ कहा गया है।पवनपुत्र हनुमान ने उन्हीं से शिक्षा प्राप्त की।
- श्रीराम ने आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ कर रावण पर विजय प्राप्त की।
- सांब (श्रीकृष्णपुत्र) ने सूर्योपासना से कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई।
🌞 सूर्य उपासना का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Importance)
सूर्य की आराधना से—
- रोग, दरिद्रता, शोक और अंधकार दूर होते हैं।
- यह पूजा जाति, वर्ग या वर्ण से परे है।
- समानता और सार्वभौमिकता का सन्देश देती है —“सूर्य सब पर समान रूप से प्रकाश डालते हैं।”
🪔 सूर्यषष्ठी व्रत की विशिष्टता (Speciality of Surya Shashti Vrat)
- उगते और डूबते दोनों सूर्य की आराधना की जाती है।
- यह उदय और अस्त — दोनों में ईश्वर दर्शन की शिक्षा देता है।
- यह व्रत भारत की आध्यात्मिक श्रेष्ठता और जीवन-दर्शन का प्रतीक है।
🌼 सामाजिक सन्देश (Social Message)
छठ पूजा केवल धार्मिक नहीं, सामाजिक एकता का भी उत्सव है —
- परिवार में संतान और बुजुर्ग दोनों के प्रति समान प्रेम का भाव।
- संपन्न ही नहीं, विपन्न और जरूरतमंदों को भी आदर देना चाहिए।
- कस्टी सहना (लेटकर घाट जाना) भक्ति, विनम्रता और कृतज्ञता की चरम अभिव्यक्ति है।
📜 निष्कर्ष (Conclusion)
सूर्यषष्ठी व्रत हमें सिखाता है कि जीवन का सच्चा प्रकाश भीतर की श्रद्धा से उत्पन्न होता है। छठ मैया और सूर्यदेव की संयुक्त उपासना मानवता, मातृत्व और आत्मशक्ति की आराधना है — यही इस पर्व का अमर संदेश है।
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