Bajrang Bali Vrat Katha & Puja Vidhi in Hindi – जानिए मंगलवार हनुमान व्रत कथा, पूजा विधि, आरती, मंत्र और शनि दोष निवारण उपाय।
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Bajrang Bali Vrat Katha & Puja Vidhi in Hindi | Mangalwar Hanuman Vrat, Pooja Method & Shani Dosh Nivaran
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| Bajrang Bali Vrat Katha & Puja Vidhi in Hindi | Mangalwar Hanuman Vrat, Pooja Method & Shani Dosh Nivaran |
🙏 बजरंग बली की व्रत कथा और व्रत विधि 🙏
🌺 हनुमान जी का महत्त्व
भारत में हनुमान जी को अजेय माना जाता है। हनुमान जी अष्टचिरंजीवियों में से एक हैं। कलयुग में हनुमान जी ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तो पर शीघ्र कृपा करके उनके कष्टों का निवारण करते हैं। मंगलवार भगवान हनुमान का दिन है। इस दिन व्रत रखने का अपना ही एक अलग महत्व है।
🌼 मंगलवार व्रत की पौराणिक कथा
📍 केशवदत्त और अंजलि का परिचय
मंगलवार व्रत की कथा इस प्रकार से है। प्राचीन समय में ऋषिनगर में केशवदत्त ब्राह्मण अपनी पत्नी अंजलि के साथ रहता था। केशवदत्त को धन-संपत्ति की कोई कमी नहीं थी। सभी लोग केशवदत्त का सम्मान करते थे, लेकिन कोई संतान नहीं होने के कारण केशवदत्त बहुत चिंतित रहा करता था।
🙏 पुत्र-प्राप्ति की कामना और व्रत आरंभ
पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से दोनों पति-पत्नी प्रत्येक मंगलवार को मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करते थे।
विधिवत मंगलवार का व्रत करते हुए उन लोगों को कई वर्ष बीत गए, पर उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई। केशवदत्त बहुत निराश हो गए, लेकिन उन्होंने व्रत करना नहीं छोड़ा।
🌿 केशवदत्त का वनगमन
कुछ दिनों के पश्चात् केशवदत्त पवनपुत्र हनुमान जी की सेवा करने के लिए अपना घर-बाड़ छोड़ जंगल चला गया और उसकी धर्मपत्नी अंजलि घर में ही रहकर मंगलवार का व्रत करने लगी। इस प्रकार से दोनों पति-पत्नी पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से मंगलवार का विधिवत व्रत करने लगे।
🔥 अंजलि का कठोर व्रत
एक दिन अंजलि ने मंगलवार को व्रत रखा लेकिन किसी कारणवश उस दिन वह हनुमान जी को भोग नहीं लगा सकी और सूर्यास्त के बाद भूखी ही सो गई। तब उसने अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाए बिना भोजन नहीं करने का प्रण कर लिया।
छः दिन तक वह भूखी-प्यासी रही। सातवें दिन मंगलवार को अंजलि ने हनुमान जी की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की, लेकिन तभी भूख-प्यास के कारण वह बेहोश हो गई।
🌟 हनुमान जी का स्वप्न-दर्शन
👶 पुत्र-जन्म और नामकरण
हनुमान जी की अनुकम्पा से कुछ महीनों के बाद अंजलि ने एक सुन्दर बालक को जन्म दिया। मंगलवार को जन्म लेने के कारण उस बच्चे का नाम मंगलप्रसाद रखा गया। कुछ दिनों के बाद केशवदत्त भी घर लौट आया।
❓ संदेह और कलुषित विचार
उसने मंगल को देखा तो अंजलि से पूछा— यह सुन्दर बच्चा किसका है? अंजलि ने खुश होते हुए हनुमान जी के दर्शन देने और पुत्र प्राप्त होने का वरदान देने की सारी कथा सुना दी, लेकिन केशवदत्त को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। उसके मन में यह कलुषित विचार आ गया कि अंजलि ने उसके साथ विश्वासघात किया है और अपने पापों को छिपाने के लिए झूठ बोल रही है।
⚠️ बालक को मारने का प्रयास
केशवदत्त ने उस बच्चे को मार डालने की योजना बनाई। एक दिन केशवदत्त स्नान करने के लिए कुएं पर गया, मंगल भी उसके साथ था। केशवदत्त ने मौका देखकर मंगल को कुएं में फेंक दिया और घर आकर बहाना बना दिया कि मंगल तो कुएं पर मेरे पास पहुंचा ही नहीं।
✨ हनुमान जी की लीला
केशवदत्त के इतने कहने के ठीक बाद मंगल दौड़ता हुआ घर लौट आया। केशवदत्त मंगल को देखकर बुरी तरह हैरान हो उठा।
उसी रात हनुमान जी ने केशवदत्त को स्वप्न में दर्शन देते हुए कहा— तुम दोनों के मंगलवार के व्रत करने से प्रसन्न होकर पुत्र-जन्म का वर मैंने प्रदान किया था, फिर तुम अपनी पत्नी को कुलटा क्यों समझते हो।
🙏 पश्चाताप और परिवार का मिलन
उसी समय केशवदत्त ने अंजलि को जगाकर उससे क्षमा मांगते हुए स्वप्न में हनुमान जी के दर्शन देने की सारी कहानी सुनाई। केशवदत्त ने अपने बेटे को ह्रदय से लगाकर बहुत प्यार किया। उस दिन के बाद सभी आनंदपूर्वक रहने लगे।
🌸 व्रत का फल
मंगलवार का विधिवत व्रत करने से केशवदत्त और उनके परिवार के सभी कष्ट दूर हो गए। इस तरह जो स्त्री-पुरुष विधिवत रूप से मंगलवार के दिन व्रत रखते हैं और व्रत कथा सुनते हैं, अंजनिपुत्र हनुमान जी उनके सभी कष्टों को दूर करते हुए उनके घर में धन-संपत्ति का भण्डार भर देते हैं और शरीर के सभी रक्त विकार के रोग भी नष्ट हो जाते हैं।
🔔 मंगलवार व्रत की आरती
🪔 शनि साढ़ेसाती निवारण हेतु हनुमान पूजा विधि
यदि शनि की साढ़ेसाती हो, तो उस प्रभाव को कम करने हेतु हनुमान की पूजा करते हैं। यह विधि इस प्रकार है—
एक कटोरी में तेल लें व उसमें काली उड़द के चौदह दाने डालकर, उस तेल में अपना चेहरा देखें। उसके उपरांत यह तेल हनुमान को चढ़ाएं।
जो व्यक्ति बीमारी के कारण हनुमान मंदिर नहीं जा सकता, वह भी इस पद्धति अनुसार हनुमान की पूजा कर सकता है।
खरा तेली शनिवार के दिन तेल नहीं बेचता, क्योंकि जिस शक्ति के कष्ट से छुटकारा पाने के लिए कोई मनुष्य हनुमान पर तेल चढ़ाता है, संभवतः वह शक्ति तेली को भी कष्ट दे सकती है।
इसलिए हनुमान मंदिर के बाहर बैठे तेल बेचने वालों से तेल न खरीदकर घर से ही तेल ले जाकर चढ़ाएं।
श्री हनुमान जी की संक्षिप्त पूजा विधि
► भोग – गुड़-चना / बूंदी / केला अर्पित करें।
► आरती – “आरती कीजै हनुमान लला की…”
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