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महाशिवरात्रि पूजा विधि (विस्तृत विवरण) |
महाशिवरात्रि पूजा विधि (विस्तृत विवरण)
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए यह रात्रि शिव उपासना के लिए अति पवित्र मानी जाती है। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं, शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, और पूरी रात जागरण व शिव कीर्तन करते हैं।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि (Step-by-Step)
1. व्रत और संकल्प
- प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवजी की उपासना करने का संकल्प लें और दिनभर व्रत रखने का प्रण करें।
- इस दिन उपवास में फलाहार किया जाता है, और कुछ भक्त जल तक नहीं ग्रहण करते।
2. पूजन सामग्री
महाशिवरात्रि की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है—
1. शिवलिंग – किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें या घर में स्थापित शिवलिंग की पूजा करें।
2. जल और गंगाजल – अभिषेक के लिए।
3. पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल का मिश्रण।
4. बेलपत्र (तीन पत्तों वाला) – भगवान शिव को अर्पित करने के लिए।
5. धतूरा और आक के फूल – शिवजी को प्रिय माने जाते हैं।
6. भस्म (राख) – शिव पूजा का प्रमुख अंग।
7. चंदन, रोली, और अक्षत (चावल) – तिलक के लिए।
8. धूप, दीप और कपूर – पूजा और आरती के लिए।
9. फल एवं मिठाई – भोग लगाने के लिए।
10. नारियल और सुपारी – शुभता के प्रतीक के रूप में।
3. शिवलिंग का अभिषेक (जलाभिषेक)
- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। भक्तजन शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र वस्तुएं चढ़ाते है
- जल एवं गंगाजल से स्नान कराएं – सबसे पहले शिवलिंग को शुद्ध जल और गंगाजल से स्नान कराएं।
- पंचामृत अभिषेक करें – दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल मिलाकर पंचामृत तैयार करें और उससे शिवलिंग को स्नान कराएं।
- शुद्ध जल से पुनः स्नान कराएं – पंचामृत के बाद पुनः जल से स्नान कराएं।
- भस्म अर्पण करें – भगवान शिव को भस्म बहुत प्रिय है, इसलिए अभिषेक के बाद शिवलिंग पर भस्म लगाएं।
- बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं – तीन पत्तों वाला बेलपत्र और धतूरा फूल शिवलिंग पर चढ़ाएं।
नोट: बेलपत्र चढ़ाते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
4. शिव मंत्रों का जाप
शिव पूजन के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है—
1. महामृत्युंजय मंत्र:
"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।"
2. ॐ नमः शिवाय मंत्र – 108 बार जाप करें।
3. रुद्राष्टक स्तोत्र का पाठ करें।
5. आरती और भोग अर्पण
- पूजा समाप्त होने के बाद धूप, दीप, कपूर जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- "जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा…" आदि भजनों का कीर्तन करें।
- भगवान को भोग अर्पित करें जिसमें फल, मिष्ठान, और पंचामृत हो सकते हैं।
6. रात्रि जागरण और शिव कथा
- महाशिवरात्रि पर पूरी रात जागरण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- शिव पुराण या शिव कथा का पाठ करें।
- रातभर भगवान शिव के भजन-कीर्तन करें।
- चार प्रहर की पूजा करें (रातभर चार बार अलग-अलग समय पर अभिषेक करें)।
7. व्रत पारण (अगले दिन व्रत खोलना)
- अगले दिन सुबह उठकर स्नान करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर व्रत खोलें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को दान दें।
- महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
- इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
- शिवलिंग का अभिषेक करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- रात्रि जागरण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
विशेष सावधानियां
- तुलसी के पत्ते शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए।
- केतकी और केवड़े का फूल शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
- शिवलिंग पर हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- बेलपत्र को उल्टा न रखें, इसकी चिकनी सतह शिवलिंग की ओर होनी चाहिए।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि पर विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह दिन आत्मशुद्धि, भक्ति और ध्यान के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है। इस पर्व पर श्रद्धा और निष्ठा के साथ भगवान शिव की आराधना करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
"हर-हर महादेव!"
बहुत सुंदर हर हर महादेव 🙏🙏
ReplyDeleteधन्यवाद हर हर हर महादेव हर हर महादेव 🙏🙏🙏
ReplyDeleteOm namah shivaya 🙏
ReplyDeleteOn namah shivaya🙏
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