यह कथा अत्यंत हृदयस्पर्शी और जीवन की सच्चाइयों से परिपूर्ण है। इसमें गहन नैतिक शिक्षा छिपी है, जो हमें धैर्य, विश्वास, और भाग्य की गति को समझने में सहायता करती है--
🌸 कथा: भाग्य का चक्र 🌸
एक समय की बात है, एक धनी सेठ जी थे। उनके पास अपार धन-दौलत, मान-सम्मान और वैभव था। उनकी एक बेटी थी, जिसकी शादी उन्होंने बड़े ही प्रतिष्ठित परिवार में की थी। विवाह के कुछ समय बाद यह ज्ञात हुआ कि दामाद तो शराबी और जुआरी है। धीरे-धीरे सारी संपत्ति नष्ट हो गई और बेटी अत्यंत कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत करने लगी।
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कथा: भाग्य का चक्र |
सेठानी जी इस स्थिति से बहुत व्यथित रहतीं। वे बार-बार सेठ जी से कहतीं –
"आप दुनिया की मदद करते हैं, पर अपनी ही बेटी की क्यों नहीं?"
सेठ जी शांत भाव से उत्तर देते –
"जब उसके भाग्य का समय आएगा, सहायता स्वयं चलकर उसके पास पहुंचेगी।"
🍯 लड्डुओं में छुपी सहायता
दामाद उन लड्डुओं को लेकर रवाना हुआ, परंतु रास्ते में सोचने लगा –
“इतने भारी लड्डू लेकर क्या करूँ? क्यों न इन्हें बेच दूं?”
उसने पास की एक मिठाई की दुकान पर लड्डू बेच दिए और पैसों को लेकर चला गया।
🪔 भाग्य की चाल
वे सिर पकड़ कर बैठ गईं और पूरी बात सेठ जी को बताई।
सेठ जी शांत भाव से मुस्कुराए और बोले –
"मैंने पहले ही कहा था – भाग्य से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता।"
🌻 कथा का संदेश
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🌿 धैर्य रखिए: जीवन की हर स्थिति का समाधान समय के साथ आता है।
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🧭 भाग्य और समय की प्रतीक्षा करें: जब समय उचित होगा, सहायता अवश्य प्राप्त होगी।
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🪙 मदद तभी सफल होती है, जब वह योग्य हाथों तक पहुँचे।
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🚫 मजबूरी पर कभी न हँसें: कोई भी अपनी कठिनाइयाँ चुनकर नहीं लाता।
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🎠 जीवन का झूला: दुख जितना पीछे ले जाए, उतना ही सुख आगे लाता है।
✨ अंतिम संदेश
🌺 “जिस प्रकार सूर्य समय पर ही उदय होता है, उसी प्रकार जीवन की हर रोशनी भी उचित समय पर ही आती है।🌸 इसलिए ईश्वर की योजना पर विश्वास रखें, धैर्य रखें, और सदा विनम्र बने रहें।”