संस्कृत नीति श्लोक “गुणी गुणं वेत्ति न वेत्ति निर्गुणः” यह गूढ़ सत्य प्रतिपादित करता है कि गुण को वही पहचान सकता है, जिसमें स्वयं गुण हों। गुणहीन व्यक्ति न गुण को समझ सकता है, न बलहीन व्यक्ति बल का मूल्यांकन कर सकता है। इसी प्रकार कोयल ही वसन्त के मधुर गुणों को पहचानती है, कौआ नहीं; और हाथी ही सिंह के बल को समझ सकता है, चूहा नहीं।
यह लेख इस श्लोक का शब्दार्थ, व्याकरणात्मक विश्लेषण, भावार्थ, आधुनिक जीवन में प्रासंगिकता, शिक्षा-कला-नेतृत्व-डिजिटल युग में इसके अनुप्रयोग, संवादात्मक नीति-कथा तथा निष्कर्ष सहित विस्तृत विवेचन प्रस्तुत करता है।
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Guṇī guṇaṁ vetti|गुणी गुणं वेत्ति|Sanskrit Niti Shloka Explained
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| Guṇī guṇaṁ vetti | गुणी गुणं वेत्ति|Sanskrit Niti Shloka Explained |
1️⃣ मूल श्लोक (संस्कृत)
2️⃣ English Transliteration (IAST)
3️⃣ शुद्ध हिन्दी अनुवाद
4️⃣ शब्दार्थ (Padārtha)
| शब्द | अर्थ |
|---|---|
| गुणी | गुणों से युक्त व्यक्ति |
| गुणम् | गुण, उत्कृष्टता |
| वेत्ति | जानता/पहचानता है |
| निर्गुणः | गुणहीन |
| बली | बलवान |
| बलम् | शक्ति |
| निर्बलः | कमजोर |
| पिकः | कोयल |
| वसन्तस्य | वसन्त ऋतु का |
| वायसः | कौआ |
| करी | हाथी |
| सिंहस्य | सिंह का |
| मूषकः | चूहा |
5️⃣ व्याकरणात्मक विश्लेषण (Grammatical Analysis)
- गुणी / निर्गुणः / बली / निर्बलः / पिकः / वायसः / करी / मूषकः – पुंलिङ्ग, प्रथमा विभक्ति, एकवचन
- गुणम् / बलम् – नपुंसकलिङ्ग, द्वितीया विभक्ति
- वसन्तस्य / सिंहस्य – षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध)
- वेत्ति – लट् लकार, परस्मैपद, प्रथम पुरुष, एकवचन➡️ श्लोक में अन्वय-समांतरता (Parallelism) और दृष्टान्त-अलंकार का सुन्दर प्रयोग है।
6️⃣ भावार्थ एवं तात्त्विक विवेचन
यह श्लोक कहता है कि मूल्यांकन का अधिकार उसी को है, जिसमें समतुल्य पात्रता हो।
- गुण की पहचान वही कर सकता है जिसमें स्वयं गुण हों।
- शक्ति का माप वही कर सकता है जिसने शक्ति का अनुभव किया हो।
- रस का आस्वादन वही कर सकता है जिसमें रस-ग्राह्यता हो।
अर्थात्—
अयोग्य आलोचना अज्ञान का लक्षण है; योग्य सराहना पात्रता का।
7️⃣ आधुनिक सन्दर्भ (Contemporary Relevance)
🔹 शिक्षा व अकादमिक जगत
विषय-विशेषज्ञ ही विषय की सूक्ष्मता समझते हैं; सतही व्यक्ति गहराई का आकलन नहीं कर पाते।
🔹 कला व साहित्य
रसिक ही काव्य-रस पहचानता है; अरसिक को सब समान लगता है।
🔹 नेतृत्व व प्रशासन
अनुभवी नेता ही दूसरे सक्षम नेता की क्षमता पहचानता है; अनुभवहीन तुलना नहीं कर सकता।
🔹 डिजिटल युग
गुणवत्ता को समझने के लिए डोमेन-नॉलेज आवश्यक है; अन्यथा शोर और सार में भेद नहीं हो पाता।
8️⃣ संवादात्मक नीति-कथा (Didactic Dialogue)
9️⃣ नीति-सूत्र (Key Takeaway)
समझने की क्षमता, स्वयं की पात्रता से आती है।अयोग्य की निन्दा से विचलित न हों।

