भर्तृहरि नीति शतक हिन्दी अनुवाद सहित free download
By -Sooraj Krishna Shastri
September 03, 2021
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भर्तृहरि नीति शतक हिन्दी अनुवाद सहित free download
भर्तृहरि का नीतिशतक अनेक नैतिक सिद्धांतों का प्रतिपादन करने वाला उत्कृष्ट ग्रंथ है ।
इसमें प्रतिपादित सभी नैतिक सिद्धांत किसी विशिष्ट जाति, संप्रदाय, वर्ग आदि से संबद्ध नहीं है उनमें मनुष्य मात्र के लिए नीति कुशलता के उपदेश हैं ।
इस कर्मभूमि ने आकर मनुष्य को किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए, किन किन गुणों को व्यक्ति संचित करें, अपनी जीवनशैली कैसे बनाएं ? आदि अनेक समाजोपयोगी विषयों पर कवि ने मार्गदर्शक के रुप में प्रकाश डाला है ।
नीति शतक में वर्णित नीति का संबंध राजनीति से ना होकर लोक व्यवहार श्रृंखला मात्र से है । अतः इस ग्रंथ का मुख्य प्रतिपाद्य लोक व्यवहार कुशलता ही है, राजनीति या अर्थ नीति के विशिष्ट प्रकार का नहीं ।
इसका संपूर्ण विषय मनुष्य के गंभीर सांसारिक अनुभव पर आधारित है ।
धर्मात्मा पुरुषों ने लोक से अनुभव प्राप्त कर मानव मात्र के लिए एक सरल जीवन पद्धति निर्मित की है ।
नीतिशतक की भाषा अत्यंत सरल सरल सुबोध नित्य साधारण जनों के व्यवहार में आने वाली भाषा है ।
भाषा को बलपूर्वक अलंकारों के बोझ से कहीं भी बोझिल नहीं बनाया गया है । कवि ने सद्गुण, विद्या, मान, वीरता, परोपकार, धर्म तथा स्वाभिमान, भाग्य तथा पुरुषार्थ आदि विषयों पर प्रकाश डाला है ।
वस्तुतः नीतिशतक में जीवन उपयोगी प्रायः सभी विषयों से संबंधित सुभाषितों का एक अलौकिक संग्रह है ।
भर्तृहरि नीतिशतक में भाग्य एवं पुरुषार्थ दोनों के सामंजस्य पर बल देते हुए जीवन का मार्ग स्पष्ट किया है अपने वर्ण कि अपने वर्णन की सामाजिक उपयोगिता के कारण तो नीतिशतक का स्थान है ही साथ ही उस में वर्णित जीवन कला व्यक्ति के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करती है सामाजिक एवं दार्शनिक महत्ताओं के साथ ही नीति शतक की काव्यात्मक विशेषता भी है जो उसे साहित्य सृजन परंपरा में अपूर्व स्थान प्रदान करती है ।