
उमा कहउँ मैं अनुभव अपना। सत हरि भजनु जगत सब सपना॥
यह अत्यंत भावपूर्ण, ज्ञानमयी एवं प्रेरणास्पद प्रस्तुति है। इसे एक प्रवचनात्मक शैली में, शीर्षकों के अंतर्गत सुव्यवस्थित…
यह अत्यंत भावपूर्ण, ज्ञानमयी एवं प्रेरणास्पद प्रस्तुति है। इसे एक प्रवचनात्मक शैली में, शीर्षकों के अंतर्गत सुव्यवस्थित…
जासु बिरहँ सोचहु दिन राती। रटहु निरंतर गुन गन पाँती॥ रघुकुल तिलक सुजन सुखदाता। आयउ कुसल देव मुनि त्राता॥ जासु बिरहँ सो…
गोस्वामी तुलसीदासजी की इस एक चौपाई — "सुनु सेवक सुरतरु सुरधेनू" — में भक्तवत्सल प्रभु श्रीराम के प्रति भक्त …
Ramcharitamanas, bhojan karia tripit hit lagi. Tulsidas, chaupai, भोजन करिअ तृपिति हित लागी जिमि सो असन पचवै जठरागी अ…
कह हनुमंत बिपति प्रभु सोई। जब तव सुमिरन भजन न होई॥ ramcharitamanas, sundarkand कह हनुमंत बिपति प्रभु सोई। जब तव सुमिरन…
"ढोल गँवार शूद्र पशु नारी" — एक प्रसंग-सम्मत एवं सांकेतिक व्याख्या प्रस्तुत चौपाई "ढोल गंवार शूद्र पशु न…
"जे श्रद्धा संबल रहित नहिं संतन्ह कर साथ। तिन्ह कहुँ मानस अगम अति जिन्हहि न प्रिय रघुनाथ॥" "जे श्रद्धा स…
करउँ सदा तिन्ह कै रखवारी। जिमि बालक राखइ महतारी॥ करउँ सदा तिन्ह कै रखवारी। जिमि बालक राखइ महतारी॥ करउँ सदा तिन्ह कै रखव…
जानें बिन होइ न परतीती। बिनु परतीती होइ नहिं प्रीती ।। जानें बिन होइ न परतीती। बिनु परतीती होइ नहिं प्रीती ।। जानें बि…
राम प्रेम बिनु डूबरो राम प्रेमहिं पीन। रघुबर कहुँक करहुगे तुलसिहि ज्यों जल मीन॥ राम प्रेम बिनु डूबरो राम प्र…