
राम भक्ति में समदृष्टि: Seeing God Everywhere | Bhakti, Samata & Divine Vision in Shri Ram Philosophy
“जो श्रीराम के चरणों में रत होकर सर्वत्र प्रभु को देखते हैं, वे द्वेष से रहित, समदर्शी और प्रेममय होते हैं। जानिए समता …
“जो श्रीराम के चरणों में रत होकर सर्वत्र प्रभु को देखते हैं, वे द्वेष से रहित, समदर्शी और प्रेममय होते हैं। जानिए समता …
Ramcharitmanas: राम भगति मनि उर बस जाकें। दुःख लवलेस न सपनेहुँ ताकें ॥ ✨ तुलसी की चौपाई राम भगति मनि उर बस जाकें । द…
Ramcharitmanas Chaupai: होइहि भजनु न तामस देहा। मन क्रम बचन मंत्र दृढ़ एहा॥ "जानिए रावण ने श्रीराम को भगवान मानकर…
सगुण और निर्गुण भक्ति | Sagun Nirgun Bhakti in Hinduism – भगवान का स्वरूप और रहस्य सगुण और निर्गुण भक्ति (Sagun Nirgun …
"Tulsi Mamta Ram So" – तुलसीदास जी के दोहे का गहरा आध्यात्मिक संदेश तुलसीदास जी के दोहे ‘तुलसी ममता राम सों……
ईश्वर-जीव भेद: Ishwar aur Jeev ka Rahasya | Geeta, Tulsi aur Kabir ke Vichar ईश्वर और जीव का भेद (Ishwar aur Jeev ka Bh…
रामचरितमानस: होइ बिबेकु मोह भ्रम भागा। तब रघुनाथ चरन अनुरागा॥ विवेक और मोह का विवेचन : श्रीरामचरितमानस के आलोक में १…
अस अभिमान जाइ जनि भोरे। मैं सेवक रघुपति पति मोरे ।। सदैव बताया गया है की अभिमान एक बुरी वस्तु है पर सुतीक्ष्ण मुनि कहत…
जाके हृदयँ भगति जसि प्रीती। प्रभु तहँ प्रगट सदा तेहिं रीती॥ अर्थात्, जिसके हृदय में जैसी भक्ति और प्रीति होती है, प्रभु…
Ramcharitmanas: मारग सोइ जा कहुँ जोइ भावा। पंडित सोइ जो गाल बजावा॥ मारग सोइ जा कहुँ जोइ भावा। पंडित सोइ जो गाल बजावा॥…
Ramcharitmanas: "यह रहस्य रघुनाथ कर बेगि न जानइ कोइ" का विश्लेषण यह रहस्य रघुनाथ कर बेगि न जानइ कोइ। जो जा…