
"Tulsi Mamta Ram So" – तुलसीदास जी के दोहे का गहरा आध्यात्मिक संदेश
"Tulsi Mamta Ram So" – तुलसीदास जी के दोहे का गहरा आध्यात्मिक संदेश तुलसीदास जी के दोहे ‘तुलसी ममता राम सों……
"Tulsi Mamta Ram So" – तुलसीदास जी के दोहे का गहरा आध्यात्मिक संदेश तुलसीदास जी के दोहे ‘तुलसी ममता राम सों……
Hanuman Ji Aur Katha Shravan Ka Mahatva | श्रीहनुमानजी और कथा सुनने का महत्व " श्रीहनुमानजी कथा-श्रवण के प्रतीक ह…
रामचरितमानस: होइ बिबेकु मोह भ्रम भागा। तब रघुनाथ चरन अनुरागा॥ विवेक और मोह का विवेचन : श्रीरामचरितमानस के आलोक में १…
अस अभिमान जाइ जनि भोरे। मैं सेवक रघुपति पति मोरे ।। सदैव बताया गया है की अभिमान एक बुरी वस्तु है पर सुतीक्ष्ण मुनि कहत…
जाके हृदयँ भगति जसि प्रीती। प्रभु तहँ प्रगट सदा तेहिं रीती॥ अर्थात्, जिसके हृदय में जैसी भक्ति और प्रीति होती है, प्रभु…
Ramcharitmanas: मारग सोइ जा कहुँ जोइ भावा। पंडित सोइ जो गाल बजावा॥ मारग सोइ जा कहुँ जोइ भावा। पंडित सोइ जो गाल बजावा॥…
Ramcharitmanas: "यह रहस्य रघुनाथ कर बेगि न जानइ कोइ" का विश्लेषण यह रहस्य रघुनाथ कर बेगि न जानइ कोइ। जो जा…
राम ब्रह्म ब्यापक जग जाना। परमानंद परेस पुराना॥ हरष बिषाद ग्यान अग्याना। जीव धर्म अहमिति अभिमाना॥ राम ब्रह्म ब्यापक ज…
गोस्वामी तुलसीदास- कृत 'रूद्राष्टकम् स्तोत्र' हिंदी अर्थ सहित : RUDRASTAKAM ----------------------------------…
नर तन सम नहिं कवनिउ देही। जीव चराचर जाचत तेही॥ नर तन सम नहिं कवनिउ देही। जीव चराचर जाचत तेही॥ नरक स्वर्ग अपबर्ग निसेनी।…
मोह सकल ब्याधिन्ह कर मूला। तिन्ह ते पुनि उपजहिं बहु सूला॥ (रामचरितमानस की चौपाइयों का विशिष्ट विश्लेषण) मोह सकल ब्याधिन…