कबीर दास के दोहे
सुमिरन की सुधि यों करो ,ज्यों गागर पनिहारी ।  बोलत डोलत सुरति में ,कहे कबीर विचारि।।

सुमिरन की सुधि यों करो ,ज्यों गागर पनिहारी । बोलत डोलत सुरति में ,कहे कबीर विचारि।।

सुमिरन की सुधि यों करो ,ज्यों गागर पनिहारी । बोलत डोलत सुरति में ,कहे कबीर विचारि।। कबीर दास जी कहते हैं भगवान का …

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