वेदी निर्माण मण्डल चक्र, सम्पूर्ण विवरण

Sooraj Krishna Shastri
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"वेदी निर्माण मण्डल चक्र" वैदिक यज्ञ परंपरा से संबंधित एक विशिष्ट और जटिल विषय है। इसका तात्पर्य यज्ञवेदी के निर्माण की प्रक्रिया में प्रयोग किए जाने वाले ज्यामितीय मण्डलों (Mandalas) और चक्रों (Chakras) से होता है। वेदियों का निर्माण वैदिक अनुष्ठानों की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि वे यज्ञ की ऊर्जा का केंद्र होती हैं।

यहाँ "वेदी निर्माण मण्डल चक्र" को तीन भागों में समझा जा सकता है:


🔷 1. वेदी निर्माण

वेदी वह पवित्र स्थान होता है जहाँ यज्ञ सम्पन्न किया जाता है। इसका निर्माण अत्यंत सूक्ष्म गणनाओं और शास्त्रीय निर्देशों के अनुसार किया जाता है।

  • प्रकार:

    • चतुरश्र (चौकोर)

    • पंचरश्मि (पाँच कोणों वाली)

    • षट्कोण (षट्‍कोणीय)

    • उत्तानहविर्भुज् (कछुए के आकार की वेदी) — विशेषतः अग्निचयन यज्ञ में

  • मापन सूत्र:

    • यज्ञ का क्षेत्रफल, कोण, दिशा आदि शुल्ब सूत्रों के अनुसार निश्चित किए जाते हैं।

    • बौधायन शुल्ब सूत्र, आपस्तंब शुल्ब सूत्र, कात्यायन शुल्ब सूत्र आदि इसमें मार्गदर्शक होते हैं।


🔷 2. मण्डल

मण्डल का अर्थ होता है एक विशेष प्रकार का ज्यामितीय आलेख या संरचना जो किसी देवता की प्रतिष्ठा या यज्ञीय क्रिया के लिए बनाया जाता है।

  • प्रमुख मण्डल:

    • गर्भमण्डल – देवता की प्रतिष्ठा हेतु

    • ऋत्विज् मण्डल – यज्ञकर्ता व ऋत्विजों की स्थिति हेतु

    • नक्षत्र मण्डल – आकाशीय शक्तियों की आह्वान हेतु

  • आकृति:

    • वृत्ताकार, वर्गाकार, त्रिभुजाकार आदि

    • ये ध्यान, ऊर्जा के प्रवाह और स्थापन हेतु बनते हैं।


🔷 3. चक्र

चक्र शब्द का प्रयोग यहाँ ऊर्जा केन्द्रों (power centers) के अर्थ में हुआ है। यज्ञ में यह निम्न अर्थों में प्रयुक्त हो सकता है:

  • आतंरिक चक्र – यजमान और ऋत्विज की चेतना में देवत्व को जागृत करने हेतु

  • बाह्य चक्र – वेदी के चारों ओर बनाए जाने वाले चिन्ह या विन्यास (जैसे – अग्निचक्र, ऋचचक्र)

  • प्रसिद्ध चक्र:

    • अग्निचक्र – अग्नि देव की परिधि व प्रभाव क्षेत्र

    • देवचक्र – विविध देवताओं के आह्वान हेतु दिशानुसार मंडल

    • नाभिचक्र – यज्ञ की केंद्रबिन्दु


🌼 शुल्ब सूत्रों में ‘मण्डल चक्र’ का महत्व:

शुल्ब सूत्र वे ग्रंथ हैं जिनमें यज्ञ-वेदी निर्माण की ज्यामिति का वर्णन है। इनमें ‘मण्डल’ और ‘चक्र’ का प्रयोग बहुत सावधानी से, ज्यामितीय गणनाओं के साथ किया गया है।

उदाहरण:

"दीर्घचतुर्स्रस्याक्ष्णया रज्ज्वा परिमास्य..."
बौधायन शुल्ब सूत्र

यह पायथागोरस प्रमेय के तुल्य एक नियम है जिसका प्रयोग वेदी निर्माण में होता है।


✅ निष्कर्ष:

वेदी निर्माण मण्डल चक्र वैदिक यज्ञों की अंतर्निहित ज्यामिति, ऊर्जा विन्यास और ब्रह्मांडीय समन्वय की प्रणाली को दर्शाता है। इसमें शुद्धता, दिशाओं का पालन, ऋचाओं के अनुसार देवताओं की स्थापना, और ज्यामितीय गणनाएँ एकसाथ समाहित होती हैं।


यज्ञों में प्रयोग किए जाने वाले प्रमुख चतुरस्र मण्डलों को यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है -

1. सूर्यमण्डल चक्र


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surya mandalam


2. श्री रामभद्र मण्डल चक्र


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ram bhadra mandalam

3. चतुःषष्टियोगिनी मण्डल चक्र


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64 yogini mandalam

4. श्रीनवदुर्गा द्वादशादित्य समन्वित मण्डल चक्र



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navdurga dwadash aditya mandalam


5. वारुण मण्डल चक्र



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varun mandalam


6. श्री गणेश मण्डल चक्र




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ganesh mandalam

7. 64 कोष्ठक वास्तु मण्डल चक्र




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64 vastu mandalam


8. सर्वतोभद्र मण्डल चक्र




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1st sarvato bhadra mandalam

9. 81 कोष्ठक वास्तु मण्डल चक्र



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81 vastu mandalam


10. नवग्रह मण्डल चक्र



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navagrah mandalam


11. 22 कोष्ठक सर्वतोभद्र मण्डल चक्र




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no.2 sarvato bhadra mandalam

12. चतुर्लिङ्गतोभद्र मण्डल चक्र



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chatur lingato bhadra mandalam

13. तान्त्रिक सर्वतोभद्र मण्डल चक्र



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tantrik sarvato bhadra mandalam


14. द्वादशलिङ्गतोभद्र मण्डल चक्र


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dwadash lingato bhadra mandalam

15. अष्टलिङ्गतोभद्र मण्डल चक्र


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asht lingato bhadra mandalam


16. एकलिङ्गतोभद्र मण्डल चक्र



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ek lingatobhadra mandalam


17. श्री लक्ष्मीनारायण मण्डल चक्र



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laxmi narayan mandalam



18. गौरीतिलक मण्डल चक्र


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gauri tilak mandalam


19. श्री राधा पुरुषोत्तम मण्डल चक्र


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radha purushottam mandalam

20. श्री रामभद्र मण्डल चक्र


ram_bhadra_mandalam
ram bhadra mandalam

21. श्री सीतारामभद्र मण्डल चक्र


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seeta rambhadra mandalam

22. ॐ भद्र मण्डल चक्र



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om bhadra mandalam


23. नागपाश मण्डल चक्र



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naagpash mandalam



24.  वेदी निर्माण मण्डल चक्र का वीडियो




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5 Comments

  1. Beautiful and thanks for sharing. Do you have in book so that i can have a copy

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  2. Please contact me i am research scholar of painting subject and work on correlation of hindu culture and art...
    My email adress pratimadksht@gmail.com
    Please contact sir iam also from prayagraj

    ReplyDelete
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