वेदान्त दर्शन के प्रमुख सिद्धांत एवं उनके प्रवर्तक

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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वेदान्त दर्शन के प्रमुख आचार्य



     आज हम इस पोस्ट में चर्चा करेंगे वेदांत दर्शन के प्रमुख आचार्यों के विषय में हमारे वेदांत दर्शन में अनेक प्रकार के आचार्य हुए जिन्होंने अपने-अपने मत अर्थात अपने-अपन दर्शन के हिसाब से अपने-अपने पथों का निर्धारण किया कौन से वरिष्ठ आचार्य हैं और उन्होंने किस सिद्धांत का प्रतिपादन किया हम यह सब यहां पर जानने का प्रयास करेंगे

१- वैष्णव सम्प्रदाय के प्रधान आचार्य हैं - रामानुज

२- विशिष्टाद्वैत' सिद्धान्त है - रामानुज का

३- अद्वैतवेदान्त' के प्रवर्तक हैं - शंकराचार्य

४- अद्वैत के प्रथम आचार्य हैं - गौड़पादाचार्य 

५-  द्वैताद्वैत' सिद्धान्त है - निम्बार्काचार्य

६- द्वैतवाद' सिद्धान्त है - मध्वाचार्य का 

७- शुद्धाद्वैत' शैव-विशिष्टाद्वैत सिद्धान्त है - वल्लभाचार्य का 

८- "श्रीभाष्य" के प्रणेता है - रामानुजाचार्य

९- "भाष्करभाष्य" के प्रणेता है - भास्कराचार्य

१०- अणुभाष्य' के प्रणेता है - वल्लभाचार्य 

११- "वेदान्तपारिजातभाष्य" के प्रणेता है - निम्बार्काचार्य

१२- "पूर्णप्रज्ञभाष्य" के प्रणेता है - मध्वाचार्य

१३- "शैव-विशिष्टाद्वैत" सिद्धान्त है - श्रीकण्ठ का 

१४- "शैवभाष्य" के प्रणेता है - श्रीकण्ठ

१५- "वीरशैव विशिष्ट" सिद्धान्त है - श्रीपति का (श्रीकरभाष्य)


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