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यह रहा माँ सरस्वती का एक दिव्य चित्र, जिसमें उनकी आंखें कमल पत्र की तरह सुंदर और मनमोहक बनी हुई हैं। यह चित्र ज्ञान, संगीत और आध्यात्मिक प्रकाश को दर्शाता है। |
ज्ञान, बुद्धि, संगीत और कला में उन्नति के लिए बसन्त पञ्चमी पर कैसे करें माँ सरस्वती की पूजा
माँ सरस्वती पूजा विधि (सरस्वती पूजन विधि)
बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, संगीत और कला में उन्नति होती है। इस दिन विशेष रूप से विद्यार्थियों, कलाकारों और संगीतकारों के लिए पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। आइए जानते हैं माँ सरस्वती के पूजन की सही विधि।
🌿 पूजा का शुभ मुहूर्त (2025)
- सरस्वती पूजन के लिए शुभ मुहूर्त – 2 फरवरी 2025, सुबह 07:08 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक।
- पंचमी तिथि प्रारंभ – 2 फरवरी 2025, प्रातः 09:14 बजे
- पंचमी तिथि समाप्त – 3 फरवरी 2025, प्रातः 06:52 बजे
🌸 सरस्वती पूजा की विधि
1️⃣ पूजन स्थल और सामग्री का चयन
- एक स्वच्छ स्थान पर पीले या सफेद रंग का वस्त्र बिछाएँ।
- माँ सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूजा के लिए पीले एवं सफेद पुष्प, अक्षत (चावल), हल्दी, कुमकुम, धूप, दीप, नारियल, मिष्ठान (खासकर केसर मिश्रित खीर या मीठे चावल), दूध, और जल रखें।
- विद्यार्थी अपनी पुस्तकें, कॉपी, पेन, वाद्ययंत्र (संगीतकारों के लिए) माँ सरस्वती के चरणों में रखें।
2️⃣ स्नान एवं संकल्प
- प्रातः स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें।
- हाथ में जल लेकर माँ सरस्वती की पूजा का संकल्प करें:"ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः। मैं माता सरस्वती की पूजा कर रहा/रही हूँ, कृपया मुझे ज्ञान, बुद्धि और सफलता प्रदान करें।"
3️⃣ माँ सरस्वती की पूजा विधि
1️⃣ कलश स्थापना करें और जल भरकर उसमें आम के पत्ते और नारियल रखें।
2️⃣ माँ सरस्वती को गंगाजल या स्वच्छ जल से स्नान कराएँ (सिंघासन पर स्थापित मूर्ति या चित्र पर जल छिड़कें)।
3️⃣ माता को पीले एवं सफेद पुष्प, अक्षत, हल्दी, कुमकुम, और सफेद वस्त्र अर्पित करें।
4️⃣ माँ सरस्वती को मिठाई (खासकर केसर युक्त खीर या हलवा), फल, और नारियल अर्पित करें।
5️⃣ विद्यार्थियों को अपनी पुस्तकें, पेन, वाद्ययंत्र, और कलात्मक सामग्री माँ के चरणों में समर्पित करनी चाहिए।
6️⃣ धूप-दीप जलाकर सरस्वती मंत्र का जाप करें।
7️⃣ सरस्वती वंदना गाकर माँ की स्तुति करें।
8️⃣ माँ सरस्वती को वीणावादिनी स्तोत्र और सरस्वती चालीसा अर्पित करें।
9️⃣ आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
📿 माँ सरस्वती के प्रमुख मंत्र
1️⃣ सरस्वती बीज मंत्र:
"ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।"
👉 इस मंत्र का 108 बार जाप करने से ज्ञान और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
2️⃣ सरस्वती गायत्री मंत्र:
"ॐ वाग्वादिन्यै च विद्महे वीणापाण्यै च धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्॥"
👉 यह मंत्र विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
3️⃣ सरस्वती वंदना:
"या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥"
👉 इस वंदना के पाठ से बुद्धि का विकास होता है।
📖 विद्यारंभ संस्कार (अक्षर लेखन)
- छोटे बच्चों को इस दिन पहली बार लेखन (अक्षर लेखन) कराया जाता है।
- एक तख्ती, पाटी या कागज पर "ॐ" या "ऐं" लिखवाया जाता है।
- यह शिक्षा की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
🚫 सरस्वती पूजा में क्या न करें?
❌ इस दिन मांसाहार और मद्यपान न करें।
❌ नकारात्मक विचारों और अपशब्दों से बचें।
❌ कोई भी शिक्षा-संबंधी वस्तु (पुस्तक, पेन, वाद्ययंत्र) न छूएँ जब तक कि पूजा संपन्न न हो जाए।
❌ इस दिन झूठ, चोरी, और बुरी संगत से दूर रहें।
🎊 बसंत पंचमी के अन्य अनुष्ठान
✅ इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ होता है।
✅ गायों को चारा और पक्षियों को दाना खिलाने से पुण्य मिलता है।
✅ जरुरतमंद बच्चों को किताबें, पेन और शिक्षा सामग्री दान करना शुभ माना जाता है।
✅ पतंग उड़ाना और संगीत-नृत्य का आनंद लेना इस दिन को उल्लासमय बनाता है।
🔆 निष्कर्ष
माँ सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान, वाणी और कला का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बसंत पंचमी न केवल एक धार्मिक पर्व है बल्कि यह विद्या, संगीत और संस्कृति का उत्सव भी है। इस दिन की गई साधना से बुद्धि प्रखर होती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है और विद्या का मार्ग प्रशस्त होता है।
"ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" मंत्र के जाप से माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त करें और अपनी विद्या तथा बुद्धि को प्रखर बनाएँ।
🌸 सरस्वती माँ की कृपा से आपके जीवन में ज्ञान, कला और संगीत की ज्योति सदैव प्रकाशित रहे! 🙏