कहानी: "राजा का ताज और छुपे हुए मुकुटधारी"

Sooraj Krishna Shastri
By -
0

कहानी: "राजा का ताज और छुपे हुए मुकुटधारी"
कहानी: "राजा का ताज और छुपे हुए मुकुटधारी"


कहानी: "राजा का ताज और छुपे हुए मुकुटधारी"

एक गरीब लेकिन प्रतिभाशाली लेखक ने अपनी पहली किताब लिखी। यह उसके जीवन का सबसे बड़ा सपना था, और उसने तय किया कि अपने 40वें जन्मदिन पर वह इसे दुनिया के सामने लाएगा।

लेकिन एक बड़ी समस्या थी—लॉन्चिंग के लिए पैसे नहीं थे।

आखिरकार, उसने अपने समुदाय के एक प्रसिद्ध करोड़पति के पास जाने का फैसला किया। वह आशान्वित था कि शायद यह अमीर व्यक्ति उसकी मदद कर सके।

एक परीक्षा, जो जिंदगी बदल सकती थी...

लेखक करोड़पति के आलीशान घर पहुंचा। बातचीत के दौरान उसने अपनी समस्या बताई। करोड़पति ने उसे ध्यान से सुना, फिर मुस्कराकर कहा—

"मैं तुम्हें एक छोटी-सी परीक्षा दूंगा। अगर तुम पास हो गए, तो मैं तुम्हें पैसे दूंगा और अगर फेल हो गए, तो भी मैं तुम्हारी मदद करूंगा।"

यह सुनकर लेखक खुश हो गया। 'फेल होने पर भी मदद मिलेगी?' यह तो शानदार मौका था!

फिर करोड़पति ने एक अनोखी शर्त रखी—

"यह कागज और कलम लो और उन 10 लोगों के नाम लिखो जो तुम्हारी किताब के लॉन्च के लिए 10,000 रुपये देने को तैयार हों।"

लेखक ने कलम उठाई, लेकिन...

वह तीन नाम भी नहीं लिख पाया।

उसका गला सूख गया। उसने चारों तरफ देखा, मानो कोई छिपा हुआ नाम उसकी मदद करने आ जाएगा, लेकिन कागज खाली ही रहा।

तभी करोड़पति ने एक गिलास पानी उसकी ओर बढ़ाया और मुस्कराते हुए बोले—

"अब इसे पी लो और मेरी एक बात ध्यान से सुनो..."


"प्रतिभा तुम्हें दरवाजे तक ले जाएगी, लेकिन रिश्ते उन्हें खोलेंगे!"

"सिर्फ प्रतिभा और मेहनत काफी नहीं है। अगर तुम्हारे पास सही लोग नहीं हैं, तो तुम्हारी महानता भी गुमनाम रह जाएगी।"

फिर उसने एक महत्वपूर्ण सीख दी—

"अगर तुम्हारे आसपास ऐसे लोग नहीं हैं, जो तुम्हारे सपनों में निवेश कर सकें, तो शायद तुमने सिर्फ स्किल बनाए, रिश्ते नहीं।"

लेखक ने सिर झुका लिया।

तब करोड़पति ने कहा:

"एक बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था—
'आपका नेटवर्क आपकी नेट वर्थ के समानुपाती होता है।'"

"रिश्ते ही असली संपत्ति हैं। लोग, लोगों के माध्यम से ही ऊपर उठते हैं।"


"किसी को भी कम मत समझो..."

कई बार हम किसी व्यक्ति को उसकी मौजूदा स्थिति से आंकते हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि कल वह कहां होगा।

याद रखो—

"जो लोग राजाओं को ताज पहनाते हैं, वे खुद राजा नहीं दिखते, लेकिन वे तुम्हें ताज तक पहुंचा सकते हैं।"

हो सकता है कि तुम्हारे साथ काम करने वाला एक छोटा कर्मचारी, एक दिन किसी बड़े अधिकारी का करीबी बन जाए। हो सकता है कि जो आज साधारण दिखता है, कल तुम्हारे लिए सबसे बड़ा अवसर बन जाए।

"इसलिए रिश्तों के दरवाजे धीरे से बंद करना, हो सकता है कि तुम्हें कल उनकी जरूरत पड़े!"


"एक छोटा नमस्ते, एक नई शुरुआत"

जब कोई कहता है, "कभी-कभी अपने पड़ोसी को नमस्ते कहो," तो ध्यान देना—

तुम्हें नहीं पता कि वह कौन है, वह किसे जानता है, या भविष्य में वह तुम्हारे लिए क्या कर सकता है।

हो सकता है कि वह किसी बड़ी कंपनी का CEO हो, या फिर वह तुम्हारे सपनों का एकमात्र कनेक्शन हो।

याद रखो—

"कभी-कभी सिर्फ एक सिफारिश तुम्हारी पूरी कहानी बदल सकती है।"

इसलिए...

  • हर व्यक्ति को सम्मान दो।
  • हर मुलाकात को अवसर समझो।
  • और याद रखो— हर कोई एक प्लस है!

क्योंकि जीवन में सही लोग ही तुम्हें सही जगह तक पहुंचाते हैं।


Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!