भागवत पाठ
नौमीड्य तेऽभ्रवपुषे, ब्रह्मा स्तुति, भागवत

नौमीड्य तेऽभ्रवपुषे, ब्रह्मा स्तुति, भागवत

नौमीड्यतेऽभ्रवपुषे तडिदम्बराय  गुञ्जावतंसपरिपिच्छलसन्मुखाय ।  वन्यस्त्रजे कवलवेत्रविषाणवेणु- लक्ष्मश्रिये मृदुपदे पशुपा…

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सच्चिदानन्दरूपाय श्लोक का अर्थ और व्याख्या

सच्चिदानन्दरूपाय श्लोक का अर्थ और व्याख्या

यह सच्चिदानंद के दिव्य स्वरूप का प्रतीकात्मक चित्र है, जो सत (सत्य), चित (चेतना), और आनंद (परमानंद) को दर्शाता है। चित्…

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