उत्तर प्रदेश दिवस 24 जनवरी

Sooraj Krishna Shastri
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उत्तर प्रदेश दिवस 24 जनवरी
 उत्तर प्रदेश दिवस 24 जनवरी

 उत्तर प्रदेश दिवस 24 जनवरी

उत्तर प्रदेश दिवस

उत्तर प्रदेश, जिसे "भारत का हृदय प्रदेश" कहा जाता है, हर साल 24 जनवरी को अपने गठन दिवस के रूप में उत्तर प्रदेश दिवस मनाता है। यह दिन राज्य की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्ता को सम्मानित करने और राज्य के योगदान को याद करने का अवसर प्रदान करता है।

उत्तर प्रदेश का गठन

  • इतिहास: भारत के स्वतंत्र होने के बाद, 1937 में ब्रिटिश सरकार द्वारा इसे "यूनाइटेड प्राविंसेस" के नाम से जाना गया।
  • 24 जनवरी 1950: भारतीय संविधान लागू होने से पहले, इसका नाम बदलकर "उत्तर प्रदेश" रखा गया।
  • यह नाम भारतीय गणराज्य की संरचना और यहां की भौगोलिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक विविधता को बेहतर ढंग से परिभाषित करता है।

उत्तर प्रदेश की महिमा और योगदान

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व

  1. धार्मिक केंद्र:

    • अयोध्या: भगवान श्रीराम की जन्मभूमि।
    • मथुरा-वृंदावन: भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली।
    • काशी (वाराणसी): मोक्षदायिनी नगरी, जहां ज्ञान और शांति का प्रवाह होता है।
    • प्रयागराज: गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम स्थल (तीर्थराज)।
    • चित्रकूट: भगवान राम की तपोभूमि।
  2. सांस्कृतिक धरोहर:

    • यह प्रदेश सूरदास, तुलसीदास, कबीरदास, रहीम और मीरा बाई जैसे भक्त और कवियों की भूमि है।
    • अवधी और ब्रज संस्कृति: लोकगीत, लोकनृत्य (रासलीला), और शास्त्रीय संगीत यहां की पहचान हैं।
  3. साहित्यिक योगदान:

    • उत्तर प्रदेश प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, हरिवंश राय बच्चन जैसे महान साहित्यकारों की भूमि है।
    • हिंदी, उर्दू और संस्कृत साहित्य में इस प्रदेश का विशेष स्थान है।

ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्त्व

  • राम मन्दिर- भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, सनातन धर्म का केन्द्र, मर्यादा और आदर्श का प्रतीक।
  • काशी विश्वनाथ मन्दिर - शिव भक्तों की आस्था, शान्ति और भक्ति का प्रतीक।
  • श्रीकृष्ण जन्मभूमि - भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और सनातन धर्म का केन्द्र।
  • ताजमहल (आगरा): विश्व प्रसिद्ध प्रेम का प्रतीक।
  • फतेहपुर सीकरी: मुगल वास्तुकला का अद्भुत नमूना।
  • सारनाथ: भगवान बुद्ध का पहला उपदेश स्थल।
  • लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा और रेजीडेंसी: नवाबों की सांस्कृतिक विरासत।
  • झाँसी: रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की भूमि।

प्राकृतिक और आर्थिक योगदान

  1. कृषि और प्राकृतिक संपदा:

    • उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन में अग्रणी है और इसे "भारत की गेहूं की टोकरी" कहा जाता है।
    • यहां गन्ना, धान और आलू का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है।
  2. उद्योग और पर्यटन:

    • कानपुर और मेरठ कपड़ा उद्योग और चमड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध हैं।
    • आगरा, वाराणसी और प्रयागराज में पर्यटन राज्य की आय का बड़ा स्रोत है।
  3. नदियों का योगदान:

    • गंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, और सरयू जैसी नदियां यहां की भूमि को उपजाऊ बनाती हैं।

विशेष पर्व और आयोजन

  1. कुंभ मेला और अर्धकुंभ:

    • प्रयागराज में आयोजित यह मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है।
  2. राम लीला:

    • अयोध्या और वाराणसी की राम लीला देश-विदेश में प्रसिद्ध है।
  3. होली और दीपावली:

    • मथुरा-वृंदावन की होली और अयोध्या की दीपोत्सव परंपरा लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।

उत्तर प्रदेश दिवस का उद्देश्य

उत्तर प्रदेश दिवस का मुख्य उद्देश्य प्रदेशवासियों को अपने राज्य की महिमा और विकास यात्रा से जोड़ना है।

  1. राज्य का विकास: इस दिन विशेष योजनाओं की घोषणा की जाती है।
  2. कला और संस्कृति का सम्मान: राज्य के कलाकारों, साहित्यकारों, और उद्यमियों को सम्मानित किया जाता है।
  3. युवाओं को प्रेरणा: प्रदेश के विकास में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रोजगार मेलों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है।

उत्तर प्रदेश की विशेषताएँ एक नज़र में

विषय जानकारी
राजधानी लखनऊ
आधिकारिक भाषा हिंदी
स्थापना तिथि 24 जनवरी 1950
सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी (क्षेत्रफल के आधार पर)
सबसे ज्यादा जनसंख्या भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य
महानगर कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, आगरा
धार्मिक स्थल अयोध्या, मथुरा, काशी, चित्रकूट, प्रयागराज
प्रसिद्ध स्मारक राम मन्दिर, काशी विश्वनाथ मन्दिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ताजमहल, सारनाथ, फतेहपुर सीकरी आदि

उत्तर प्रदेश दिवस का महत्व

उत्तर प्रदेश दिवस हमें इस प्रदेश की महान सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक उपलब्धियों और धार्मिक धरोहर पर गर्व करने का अवसर देता है। यह दिन प्रदेशवासियों को एकता, समृद्धि, और सांस्कृतिक गौरव के लिए प्रेरित करता है।

उत्तर प्रदेश दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!
"उत्तर प्रदेश की माटी का हर कण, हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।"

उत्तर प्रदेश दिवस के महत्व पर एक सुन्दर कविता

उत्तर प्रदेश की पावन धरती
साक्षी   राम -कृष्ण  की  है।
तीर्थराज प्रयाग की महिमा
जन-जन की कल्याणी है।।

जहाँ सूर, तुलसी, कबीर की
भक्ति   त्रिवेणी  बहती   हो।
उस  प्रदेश  की  माटी  मानो
पुण्य   कथा  सी  कहती  हो।।

जहाँ अयोध्या, मथुरा जैसी
नगरी   सीख  सिखाती हो।
चित्रकूट  भी पावन महिमा
कण-कण   में  दर्शाती हो।।

संस्कृति गर्भा भू प्रदेश को
नमन  सदा   हम  करते  हैं।
राम  कृष्ण के आदर्शों को
आत्मसात   हम  करते  हैं।।

भौतिक,आध्यात्मिक प्रश्नों का
उत्तर  जहाँ   सहज   मिलते हैं।
मोक्षदायिनी  काशी  विलसित
उत्तर   प्रदेश  हम  कहते   हैं।।

   - © डॉ निशा कान्त द्विवेदी

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