26 जनवरी 2025 को भारत मनाएगा 76वां गणतंत्र दिवस, क्या होंगी विशेषताएँ ?

Sooraj Krishna Shastri
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यह रहा 26 जनवरी 2025 के गणतंत्र दिवस का एक भव्य और रंगीन चित्रण। इस चित्र में कर्तव्य पथ पर परेड, झांकियाँ, भारतीय सेना और वायुसेना की शक्ति, और आकाश में तिरंगे के रंग उकेरते विमान देखे जा सकते हैं। उम्मीद है, यह आपको इस अद्भुत दिन की भावना को महसूस कराने में मदद करेगा।



26 जनवरी 2025 को मनाएगा 76वां गणतंत्र दिवस, क्या होंगी विशेषताएँ ?

26 जनवरी 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली परेड में कई विशेषताएँ होंगी:

मुख्य अतिथि

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उनके साथ इंडोनेशिया से 160 सदस्यीय मार्चिंग दल और 190 सदस्यीय बैंड दल भी परेड में भाग लेंगे।

परेड की थीम

इस वर्ष की परेड की थीम 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' है, जो देश की समृद्ध विरासत और प्रगति को दर्शाएगी।

झांकियाँ

विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की कुल 31 झांकियाँ परेड में शामिल होंगी, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता और विकास को प्रदर्शित करेंगी।

फ्लाईपास्ट

कार्यक्रम का समापन 47 विमानों के फ्लाईपास्ट के साथ होगा, जिसमें भारतीय वायुसेना की शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा।

समारोह का समय

परेड 26 जनवरी 2025 को सुबह 10:30 बजे शुरू होगी।

टिकट विवरण

अनारक्षित सीटों के लिए टिकट की कीमत 20 रुपये और आरक्षित सीटों के लिए 100 रुपये है। टिकटों की बुकिंग 'आमंत्रण' मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन की जा सकती है। प्रवेश के लिए वैध फोटो पहचान पत्र और टिकट साथ लाना अनिवार्य है।

बीटिंग रिट्रीट समारोह

गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 29 जनवरी की शाम को विजय चौक, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ होगा, जिसकी अध्यक्षता भारत के राष्ट्रपति करेंगे। इस समारोह के लिए टिकटों की कीमत 100 रुपये है और इन्हें 'आमंत्रण' मोबाइल ऐप और वेबसाइट के ज़रिए लिया जा सकता है।

 गणतंत्र दिवस 2025 का यह समारोह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, सैन्य शक्ति और विकास की यात्रा का प्रतीक होगा। 26 जनवरी 2025 को भारत गणतंत्र दिवस का 76वां वर्ष मनाएगा। यह दिन भारतीय गणराज्य के निर्माण और हमारे संविधान के लागू होने का प्रतीक है। आइए इस विशेष दिन के महत्व और इससे जुड़े तथ्यों को विस्तार से समझते हैं:


26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व

  1. संविधान का लागू होना:

    • 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
    • इस दिन डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार संविधान ने भारत को शासन करने का एक व्यापक ढांचा प्रदान किया।
  2. स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ाव:

    • 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की थी।

गणतंत्र दिवस का महत्व

  1. लोकतंत्र का उत्सव:

    • यह दिन भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करता है।
    • यह हर नागरिक को उसके अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है।
  2. राष्ट्रीय एकता का प्रतीक:

    • यह दिन भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता में एकता का संदेश देता है।
  3. सशस्त्र बलों का सम्मान:

    • भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की शक्ति और समर्पण को सलामी दी जाती है।

संविधान के मूल सिद्धांत

  • संप्रभुता: भारत किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं है।
  • समाजवाद: समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करना।
  • धर्मनिरपेक्षता: सभी धर्मों के प्रति समान आदर और सम्मान।
  • लोकतंत्र: जनता का शासन, जनता द्वारा और जनता के लिए।

नागरिकों के लिए प्रेरणा

गणतंत्र दिवस न केवल एक उत्सव है, बल्कि यह हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह दिन:

  • हमें संविधान का सम्मान करने।
  • भारत की एकता और अखंडता बनाए रखने।
  • समाज में समानता और न्याय के आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा देता है।

"गणतंत्र का यह पर्व हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश को और सशक्त बनाने की प्रेरणा देता है।"

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