INDIA'S FIRST HYPERLOOP TEST TRACK:भारत में हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट की नई क्रांति: IIT मद्रास में हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का सफल परीक्षण

Sooraj Krishna Shastri
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INDIA'S FIRST HYPERLOOP TEST TRACK:भारत में हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट की नई क्रांति: IIT मद्रास में हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का सफल परीक्षण
INDIA'S FIRST HYPERLOOP TEST TRACK:भारत में हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट की नई क्रांति: IIT मद्रास में हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का सफल परीक्षण 


INDIA'S FIRST HYPERLOOP TEST TRACK: भारत में हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट की नई क्रांति: IIT मद्रास में हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का सफल परीक्षण

नई दिल्ली: भारत में परिवहन प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया गया है। IIT मद्रास के डिस्कवरी कैंपस में हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया है, जो भविष्य में 600 से 1200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा को संभव बना सकता है।

IIT मद्रास और भारतीय रेलवे का संयुक्त प्रयास

भारतीय रेलवे और IIT मद्रास के संयुक्त प्रयास से इस हाइपरलूप तकनीक पर तेजी से काम किया जा रहा है। भारतीय रेलवे ने इस परियोजना के लिए पहले ही दो बार 8.71 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी और अब तीसरी बार भी 8.71 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की गई है।

एशिया की पहली हाइपरलूप प्रतियोगिता

IIT मद्रास के इस टेस्ट ट्रैक की पहली झलक हाल ही में एशिया की पहली ग्लोबल हाइपरलूप प्रतियोगिता के दौरान देखने को मिली। इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से परियोजना की सराहना की और इसे भविष्य का परिवहन साधन बताया।

क्या है हाइपरलूप और कैसे काम करता है?

हाइपरलूप एक अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम है, जिसमें ट्रेन को एक खास ट्यूब में बेहद तेज गति से चलाया जाता है। यह तकनीक यात्रा को अत्यंत तेज, सुरक्षित और कुशल बनाती है।

  • हाइपरलूप की स्पीड 600-1200 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।
  • भारत में 600 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर टेस्टिंग संभव होगी।
  • यह प्रणाली वैक्यूम ट्यूब और मैग्नेटिक लैविटेशन तकनीक पर आधारित होगी।
  • 300 किमी की यात्रा केवल 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी।

भविष्य की योजनाएँ

रेल मंत्री ने संकेत दिया कि हाइपरलूप के व्यावसायिक उपयोग की संभावनाएँ तलाशने के लिए 40-50 किमी का एक परीक्षण ट्रैक विकसित किया जा सकता है। इसके बाद इसे बड़े पैमाने पर सार्वजनिक और माल परिवहन के लिए उपयोग किया जाएगा।

IIT मद्रास और भारतीय रेलवे की इस साझेदारी से भारत में एक नई हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट क्रांति की शुरुआत हो सकती है। यदि यह परियोजना सफल रही, तो यह देश में यात्रा के तरीकों को पूरी तरह बदलकर रख देगी।


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