यह भी कट जाएगा: एक प्रेरणादायक कथा

Sooraj Krishna Shastri
By -
0

यह भी कट जाएगा: एक प्रेरणादायक कथा
यह भी कट जाएगा: एक प्रेरणादायक कथा


यह भी कट जाएगा: एक प्रेरणादायक कथा

बहुत समय पहले की बात है। एक राज्य में एक प्रतापी राजा राज्य करता था। वह न केवल वीर और पराक्रमी था, बल्कि अपने प्रजा-पालन और न्यायप्रियता के लिए भी प्रसिद्ध था। परंतु, हर मनुष्य के जीवन में कठिन समय आता ही है, चाहे वह राजा हो या सामान्य प्रजा।

एक दिन, राज्य में आए एक साधु ने राजा की सेवा से प्रसन्न होकर उसे एक ताबीज दिया और कहा—

"राजन! इस ताबीज को अपने गले में पहन लो। परंतु ध्यान रखना, इसे तब तक मत खोलना जब तक तुम किसी ऐसी विपत्ति में न फँस जाओ, जहाँ से निकलने का कोई उपाय न दिखे। जब तुम्हें लगे कि अब सब समाप्त हो गया है, जब चारों ओर घोर अंधकार और निराशा के अलावा कुछ न हो, तभी इस ताबीज को खोलना और इसके भीतर रखे कागज़ को पढ़ना। इससे पहले नहीं!"

राजा ने साधु की बात को गंभीरता से लिया और ताबीज को अपने गले में पहन लिया।

दुश्मनों से घिरा राजा

कुछ समय बाद राजा अपने सैनिकों के साथ शिकार करने के लिए जंगल गया। जंगल घना था और रास्ते पथरीले। राजा एक शेर का पीछा करते-करते अपने सैनिकों से बिछड़ गया। वह शेर को पकड़ने के प्रयास में इतना आगे बढ़ गया था कि उसे पता ही नहीं चला कि वह पड़ोसी राज्य की सीमा में प्रवेश कर चुका था।

तभी राजा को दूर से घोड़ों की टापों की आवाज सुनाई दी। जब उसने ध्यान दिया, तो पाया कि ये दुश्मन राजा के सैनिक थे, जो उसकी ओर तेजी से बढ़ रहे थे। राजा ने अपने घोड़े को एड़ लगाई और दुश्मन सैनिकों से बचने के लिए तेजी से भागने लगा। लेकिन जंगल घना था, रास्ते अंजान थे और दुश्मन सैनिकों की संख्या अधिक थी।

राजा थक चुका था। भूख-प्यास और थकान से उसका शरीर जवाब देने लगा। अचानक उसकी नज़र एक गुफा पर पड़ी। बिना समय गँवाए, वह अपने घोड़े सहित उस गुफा में छिप गया।

बाहर दुश्मन सैनिकों के घोड़ों की टापों की आवाज़ तेज़ होती जा रही थी। राजा ने महसूस किया कि अब उसका अंत निकट है। उसके पास कोई उपाय नहीं था, कोई रास्ता नहीं था। उसे लगने लगा कि अब बचने की कोई उम्मीद नहीं है।

ताबीज का रहस्य

जैसे ही राजा पूरी तरह निराश होने लगा, उसका हाथ अपने गले में पड़े ताबीज पर गया। उसे साधु की बात याद आई— "जब तुम्हें लगे कि सब समाप्त हो गया है, तब इस ताबीज को खोलना!"

राजा ने तुरंत ताबीज खोला और उसमें रखी छोटी सी पर्ची को बाहर निकाला। काँपते हाथों से उसने उसे पढ़ा। उस पर लिखा था—

"यह भी कट जाएगा!"

बस इतना पढ़ते ही राजा को लगा जैसे घोर अंधकार में एक प्रकाश की किरण चमकी हो। उसका डूबता हुआ आत्मविश्वास फिर से जाग उठा। उसे महसूस हुआ कि सचमुच, यह कठिन समय भी बीत जाएगा। वह निराशा से मुक्त हो गया।

अब वह घबराया नहीं, बल्कि शांत मन से वहाँ प्रतीक्षा करने लगा। कुछ ही समय बाद दुश्मन सैनिकों की टापों की आवाज़ धीरे-धीरे कम होने लगी और फिर पूरी तरह शांत हो गई। उन्होंने सोचा कि राजा शायद जंगल के किसी और रास्ते चला गया होगा। वे लौट गए।

रात के अंधेरे में, जब चारों ओर शांति छा गई, राजा गुफा से बाहर निकला और किसी तरह अपने राज्य लौट आया। वह संकट टल चुका था।

यह सूत्र सबके लिए है

यह सिर्फ राजा की कहानी नहीं है। यह हम सभी की कहानी है। जीवन में ऐसे कई क्षण आते हैं जब हमें लगता है कि अब सब कुछ खत्म हो गया है। कोई समाधान नजर नहीं आता, मन में डर और निराशा घर कर लेती है।

लेकिन ऐसे समय में हमें याद रखना चाहिए— "यह भी कट जाएगा!"

जब भी कोई समस्या असहनीय लगे, जब भी जीवन कठिनाइयों से भर जाए, तब कुछ पल शांति से बैठिए, गहरी साँस लीजिए, अपने ईष्ट को स्मरण कीजिए और स्वयं से कहिए— "यह भी कट जाएगा!"

आप देखेंगे कि आपके भीतर अचानक एक शक्ति का संचार होगा, एक नया आत्मविश्वास जागेगा और आप संकट से उबरने का मार्ग खोज लेंगे।

निष्कर्ष

साधु द्वारा दिया गया यह सूत्र केवल राजा के लिए नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है। जीवन में सुख-दुःख, हानि-लाभ, सफलता-विफलता सब आते-जाते रहते हैं। कोई भी परिस्थिति स्थायी नहीं होती। बस हमें धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए।

तो अगली बार जब कोई कठिन परिस्थिति आए, घबराइए मत, बस अपने मन में दोहराइए—

"यह भी कट जाएगा!"


Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!