संस्कृत श्लोक "गुणवान् सुचिरस्थायी दैवेनापि न सह्यते" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण

Sooraj Krishna Shastri
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संस्कृत श्लोक "गुणवान् सुचिरस्थायी दैवेनापि न सह्यते" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण 

🌞 🙏 जय श्रीराम 🌹 सुप्रभातम् 🙏

 प्रस्तुत श्लोक अत्यंत गूढ़ और मार्मिक जीवनदर्शन को प्रकट करता है — विशेषतः सत्पुरुषों की अल्पकालिक उपस्थिति के पीछे छिपी नियति की कठोर विडंबना को। यह श्लोक सुन्दरता, समृद्धि और सद्गुणों की नश्वरता को चंद्रमा के प्रतीक द्वारा अत्यंत प्रभावी रूप से दर्शाता है।

संस्कृत श्लोक "गुणवान् सुचिरस्थायी दैवेनापि न सह्यते" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण
संस्कृत श्लोक "गुणवान् सुचिरस्थायी दैवेनापि न सह्यते" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण 



श्लोक

गुणवान् सुचिरस्थायी दैवेनापि न सह्यते।
तिष्ठत्येकां निशां चन्द्रः श्रीमान् सम्पूर्णमण्डलः॥

guṇavān sucirasthāyī daivenāpi na sahyate।
tiṣṭhatyekāṁ niśāṁ candraḥ śrīmān sampūrṇamaṇḍalaḥ॥


🔍 शब्दार्थ व व्याकरण:

पद अर्थ व्याकरणिक विवरण
गुणवान् सद्गुणों से युक्त पुल्लिंग, प्रथमा एकवचन
सुचिरस्थायी जो बहुत समय तक ठहरने वाला हो विशेषण
दैवेनापि भाग्य/नियति द्वारा भी “दैवेन” = तृतीया विभक्ति, “अपि” = भी
न सह्यते सहन नहीं किया जाता धातु "सह्", लट् लकार, कर्मणि प्रयोग
तिष्ठति ठहरता है लट् लकार
एकाṁ निशाम् एक ही रात “निशा” = स्त्रीलिंग, द्वितीया एकवचन
चन्द्रः चंद्रमा पुल्लिंग, प्रथमा एकवचन
श्रीमान् सौंदर्य व ऐश्वर्य से युक्त विशेषण
सम्पूर्णमण्डलः पूर्ण आकार वाला बहुव्रीहि समास

🪷 भावार्थ:

"जो गुणवान होता है, और बहुत काल तक ठहरने योग्य होता है — उसे भी नियति सहन नहीं करती।
पूर्ण ऐश्वर्य और सौंदर्य से युक्त चंद्रमा भी पूर्ण रूप में केवल एक रात ही दिखाई देता है।"

अर्थात् —
👉 गुण, सौंदर्य और ऐश्वर्य का पूर्ण विकास बहुत देर तक नहीं टिकता
👉 श्रेष्ठतम अवस्था अक्सर क्षणिक होती है — जैसे पूर्णिमा का चंद्रमा


🌿 प्रेरणादायक दृष्टांत: “पूर्ण चंद्र और संत” 🌿

एक वृद्ध संत अपने शिष्यों से बोले:

"क्या तुमने कभी सोचा,
कि महापुरुष, महात्मा, और पूर्ण चंद्र — सभी बहुत थोड़े समय के लिए ही चमकते हैं?"

एक शिष्य ने पूछा:

"क्या यह नियति की क्रूरता है?"

संत बोले:

"नहीं — यह इस बात का संकेत है कि
पूर्णता सदा के लिए नहीं दिखाई देती —
क्योंकि वह केवल यादों में अमर होती है।"

जैसे पूर्णिमा का चंद्रमा एक रात दिखता है, और फिर घटता है —
वैसे ही गुणी, श्रीमान् और तेजस्वी व्यक्ति कभी-कभी ही दीर्घकाल तक टिकते हैं।
परंतु वे हृदयों में स्थायी होते हैं


🌟 शिक्षा / प्रेरणा:

  • संपूर्णता क्षणिक हो सकती है, पर उसका प्रभाव अमर होता है।
  • गुणी पुरुषों का अल्प जीवन नियति का अन्याय नहीं, उनके तेज का प्रमाण है।
  • जो चमकता है — वह क्षण भर के लिए ही सही, पर सृष्टि को दिशा देता है।
  • महानता को काल की सीमा में मत मापो — उसे उसकी चमक से पहचानो।

🕯️ मनन योग्य पंक्ति:

"पूर्णता देर तक नहीं ठहरती —
पर जो उसे देख ले, उसका जीवन बदल जाता है।"

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