संस्कृत श्लोक "क्षमया दयया प्रेम्णा सूनृतेनार्जवेन च" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण

Sooraj Krishna Shastri
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संस्कृत श्लोक "क्षमया दयया प्रेम्णा सूनृतेनार्जवेन च" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण 

🌞 🙏 जय श्रीराम 🌷 सुप्रभातम् 🙏

आज का नीति श्लोक – "वश में करने की सात शक्तियाँ" – मानव-व्यवहार और समाजिक नेतृत्व की श्रेष्ठ नैतिक युक्तियाँ प्रदान करता है। यह बताता है कि संसार को वश में करने के लिए बल, छल या कठोरता की नहीं, बल्कि सात सत्त्वगुणों की आवश्यकता होती है।

संस्कृत श्लोक "क्षमया दयया प्रेम्णा सूनृतेनार्जवेन च" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण
संस्कृत श्लोक "क्षमया दयया प्रेम्णा सूनृतेनार्जवेन च" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण 



श्लोक

क्षमया दयया प्रेम्णा सूनृतेनार्जवेन च।
वशीकुर्याज्जगत्सर्वं विनयेन च सेवया॥

kṣamayā dayayā premṇā sūnṛtenārjavena ca
vaśīkuryāj jagat sarvaṁ vinayena ca sevayā॥


🔍 शब्दार्थ एवं व्याकरणीय विश्लेषण:

पद अर्थ व्याकरणिक विवरण
क्षमया क्षमा से तृतीया विभक्ति
दयया दया से तृतीया विभक्ति
प्रेम्णा प्रेम से तृतीया विभक्ति
सूनृतेन सच्ची वाणी से तृतीया विभक्ति
आर्जवेन सरलता / निष्कपटता से तृतीया विभक्ति
विनयेन विनय (नम्रता) से तृतीया विभक्ति
सेवया सेवा से तृतीया विभक्ति
वशीकुर्यात् वश में करना चाहिए विधिलिङ् (आदेशसूचक लकार)
जगत् सर्वम् समस्त संसार को कर्मपद

🌿 भावार्थ:

👉 इस श्लोक के अनुसार मनुष्य को संसार को जीतने या वश में करने के लिए निम्न सात गुणों को अपनाना चाहिए:

  1. क्षमया – क्षमा द्वारा
  2. दयया – करुणा द्वारा
  3. प्रेम्णा – प्रेमभाव द्वारा
  4. सूनृतेन – सत्य एवं मधुर वाणी द्वारा
  5. आर्जवेन – सरल हृदय से (निष्कपट भाव से)
  6. विनयेन – नम्रता से
  7. सेवया – सेवा भावना से

इन गुणों से कोई भी व्यक्ति संपूर्ण संसार को वशीभूत कर सकता है।


🌟 नीतिपरक विश्लेषण:

गुण अर्थ प्रभाव
क्षमया अन्य की गलती को सहन करने की शक्ति वैर नष्ट होता है
दयया पीड़ित के प्रति करुणा हृदयस्पर्शी बनाता है
प्रेम्णा निष्काम स्नेह सबको जोड़ता है
सूनृतेन सत्य और मधुर वचन विश्वास उत्पन्न करता है
आर्जवेन सीधा, छलरहित व्यवहार विश्वासनीयता बढ़ाता है
विनयेन अहंकारहीनता सम्मान प्राप्त करता है
सेवया दूसरों की भलाई में तत्परता नेतृत्व का मूल

🕯️ प्रेरणास्पद उदाहरण:

🔸 भगवान राम – विनय, क्षमा, सेवा, और प्रेम के आदर्श रूप।
🔸 महात्मा गांधी – सत्य, अहिंसा, सेवाभाव से विशालतम साम्राज्य को वशीभूत किया।
🔸 हनुमानजी – नम्रता, निष्काम सेवा, और सत्यनिष्ठा से सभी का हृदय जीता।


🕊️ जीवनोपयोगी सन्देश:

🌺 “जो स्वयं को जिते, वह राजा।
जो दूसरों को प्रेम से जिते, वह परमराजा।” 🌺

वश में करने की कला बाहुबल से नहीं,
बल्कि भीतर के गुणों से विकसित होती है।


🔔 संक्षेप में सार:

✔ क्षमा + दया + प्रेम + सच्ची वाणी + सरलता + नम्रता + सेवा =
संसार को वश में करने की पूर्ण चाबी 🔑


🌼 आपका दिन इन सात गुणों से आलोकित हो।
जय श्रीराम! सुप्रभातम्! 🌄

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