संस्कृत श्लोक "लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् क्रुद्धमञ्जलिकर्मणा" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण

Sooraj Krishna Shastri
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संस्कृत श्लोक "लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् क्रुद्धमञ्जलिकर्मणा" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण 

🌞 🙏 जय श्रीराम 🌹 सुप्रभातम् 🙏

आज का प्रेरणादायक नीति-वाक्य — जीवन-व्यवहार की सूक्ष्म चतुरता को दर्शाने वाला:


श्लोक

लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् क्रुद्धमञ्जलिकर्मणा ।
मूर्खं छन्दानुवृत्तेन तत्त्वार्थेन च पण्डितम् ॥

lubdham arthen gṛhṇīyāt kruddham añjalikarmaṇā ।
mūrkhaṁ chandānuvṛttena tattvārthena ca paṇḍitam ॥

संस्कृत श्लोक "लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् क्रुद्धमञ्जलिकर्मणा" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण
संस्कृत श्लोक "लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् क्रुद्धमञ्जलिकर्मणा" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण 

 


📚 शब्दार्थ एवं व्याकरणीय विश्लेषण:

पद अर्थ व्याकरण
लुब्धम् लोभी व्यक्ति द्वितीया एकवचन
अर्थेन धन से तृतीया एकवचन
गृह्णीयात् वश में करना चाहिए विधिलिङ्
क्रुद्धम् क्रोधित को द्वितीया एकवचन
अञ्जलिकर्मणा हाथ जोड़ने की क्रिया से तृतीया
मूर्खम् मूर्ख को द्वितीया
छन्दानुवृत्तेन उसकी इच्छा के अनुसार चलकर तृतीया
तत्त्वार्थेन तत्व और यथार्थ से तृतीया
पण्डितम् विद्वान को द्वितीया

🌿 भावार्थ:

व्यवहार की नीति यह है कि:

  • लोभी को धन देकर वश में करना चाहिए,
  • क्रोधित को विनम्रतापूर्वक नमस्कार कर शान्त करना चाहिए,
  • मूर्ख के साथ उसकी ही मनोवृत्ति के अनुसार व्यवहार करना चाहिए,
  • और विद्वान को सत्य और तत्व के तर्क से ही जीता जा सकता है।

🔍 तात्त्विक विश्लेषण:

👉 यह श्लोक स्पष्ट करता है कि सभी को एक ही उपाय से नहीं जीता जा सकता।
हर मनुष्य की मनोवृत्ति और प्रवृत्ति के अनुरूप उपाय करना व्यवहारिक बुद्धिमत्ता है।

  • लोभी व्यक्ति को तर्क या प्रेम से नहीं, बल्कि स्वार्थ-प्रेरणा से जीता जाता है।
  • क्रोधित व्यक्ति अहंकार की अग्नि में जलता है, उसके सामने विनय ही शांति लाता है।
  • मूर्ख को तर्क नहीं समझ आता, उसे उसकी भाषा और रुचि में बात करनी होती है।
  • विद्वान को सिर्फ तथ्य, तर्क और तत्वज्ञान ही संतुष्ट कर सकता है।

🌱 जीवन उपयोगिता:

✅ यह श्लोक व्यवहारिक नीति-शास्त्र की संक्षिप्त किंतु अत्यंत प्रभावशाली झलक है।
✅ परिवार, समाज या संस्था में सम्बंध बनाए रखने के लिए यह दृष्टिकोण आवश्यक है।
✅ इसे राजनीति, कूटनीति, कूटबुद्धि और व्यक्तित्व प्रबंधन के आदर्श सूत्र रूप में भी लिया जा सकता है।


🪔 प्रेरणास्पद वाक्य:

"जो जैसे है, उसे वैसे ही जीतना - यही असली जीत है।"
"सामर्थ्य की नहीं, समझ की आवश्यकता है - व्यवहार में सफलता के लिए।"


📿 जय श्रीराम!
🙏 आपका दिन शुभ, सौम्य, और सफल हो! 🌸

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