Bhai Dooj 2025 पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और आशीर्वाद | Bhaiya Dooj Pooja Vidhi & Mantra
Bhai Dooj 2025 पूजा विधि (Pooja Vidhi) के अनुसार पहले स्नान, संकल्प और चौकी पर पूजन सामग्री सजाई जाती है। इसके बाद भाई को आसन पर बैठाकर रोली, चंदन और अक्षत से तिलक किया जाता है। मंत्रोच्चार और आरती के साथ दीपदान और पान-सुपारी अर्पण किया जाता है। इस वर्ष भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) 23 अक्टूबर को दोपहर 1:15 PM से 3:30 PM तक रहेगा।
इस दिन भाई-बहन एक-दूसरे को आशीर्वाद देते हैं और रिश्ते में प्रेम व विश्वास को और मजबूत करते हैं। Bhai Dooj 2025 का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत खास है।
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Bhai Dooj 2025 पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और आशीर्वाद | Bhaiya Dooj Pooja Vidhi & Mantra |
🌸 भाई दूज की संपूर्ण पूजा विधि (विस्तार से) 🌸
भाई दूज का पर्व भाई और बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे।
🕉️ भाई दूज की पूजा सामग्री
- चौकी (पूजन हेतु)
- लाल/पीला कपड़ा
- दीपक (घी/तेल का)
- कलश या लोटा जल से भरा
- रोली, कुमकुम, चंदन
- अक्षत (चावल)
- पुष्प (गेंदे या कोई भी सुगंधित फूल)
- सुपारी, पान के पत्ते
- नारियल
- मिठाई (खीर/पूड़ी/पकवान)
- फल
- कलावा/मौली
- यमराज–यमुनाजी की प्रतिमा या चित्र (यदि उपलब्ध न हो तो भगवान विष्णु/गणेश की पूजा करें)
📅 भाई दूज 2025 – तिथि एवं समय
- पावन दिन: गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025
- शुक्ल द्वितीया तिथि प्रारंभ: 22 अक्टूबर की रात 8:16 PM से
- द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर 10:46 PM तक
🪔 श्रेष्ठ पूजा मुहूर्त (तिलक हेतु)
- प्रसिद्ध स्रोतों के अनुसार, पूजा मुहूर्त दोपहर लगभग 1:13 PM से 3:28 PM तक है (लगभग 2 घंटे 15 मिनट)
- कुछ स्रोतों में इसे 1:30 PM से 3:05 PM बताया गया है
👉 इस प्रकार, दोपहर 1:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक का समय सबसे शुभ माना जाता है—इस अवधि में तिलक, आरती, और विधिपूर्वक पूजा की जा सकती है।
📜 संपूर्ण पूजा क्रम (शुभ मुहूर्त में)
1. स्नान एवं तैयारी
- शुभ समय से पहले प्रातः स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ कपड़े, चौकी, और दीपक/कलश से सजाएँ।
2. देव पद्धति
- कलश स्थापित करें, दीपक जलाएँ, गणेश जी और यमराज/विष्णु की मूर्ति या चित्र पर ध्यान दें।
3. मुहूर्त में तिलक व आरती (एक्टिव होगा: 1:15 PM – 3:30 PM)
- भाई को आसन पर बैठाएँ (उत्तर या पूर्व दिशा देखें)।
- रोली, चंदन, अक्षत से तिलक करें, पुष्प, सुपारी, पान/नारियलदान करें।
- दीपक से आरती उतारें, मंत्र पढ़ें।
4. भोजन-आसन व आशीर्वाद
- भाई का हाथों से भोजन कराएँ, भाई द्वारा बहन को उपहार व मिठाई दें।
- आशीर्वाद व शुभकामनाएं दें।
🕉️ मंत्र और शुुभकामना
तिलक के समय (संक्षिप्त शुभस्तोत्र):
यम द्वितीया यमराजप्रियया यमुनाभ्राता चिरंजीव भव।
("गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे, मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें"।)
आशीर्वाद व संदेश:
- “भगवान आपको लंबी आयु, स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि प्रदान करें।”
- “आपका जीवन प्रेरणा, सफलता और मंगलमय हो।”
- “भाई–बहन का यह प्रेम सदा अटूट बना रहे।”
🧭 सारांश तालिका
तिथि | शुभ दिन | द्वितीया तिथि | शुभ तिलक मुहूर्त |
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23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) | कार्तिक शुक्ल द्वितीया | 22 अक्टूबर, रात 8:16 PM – 23 अक्टूबर, 10:46 PM | दोपहर 1:13 PM – 3:28 PM (लगभग) |